दीनदुखियों,जरूरत मंदो का निस्वार्थ भाव से किया गया सहयोग -सेवा ही सही मायने में त्यौहार है -विजय दूसेजा
सेवा ही परमोधर्म इसी मंत्र को हमेशा याद करते हुए ममतामायी मां कलावती दुसेजा फाउंडेशन के द्वारा सेवा कार्यों में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाती आई है आगे भी निभाती रहेगी देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर देशभर में लोगों ने गंगा स्नान किया यमुनास्नान किया तीर्थ स्थलो पर पवित्र धामों में पहुंचकर, मंदिर में पूजा अर्चना की घरों में पूजा अर्चना की दानपुण्य किया।
देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर मां कलावती दुसेजा फाउन्डेशन के सानिध्य में स्वः अटलमल सिदारा की पुण्य स्मृति में शहर के अन्तिम छोर पर स्थित सेवा एक नई पहल + सुवाणी वृद्धाश्रम के बुजुर्गों तथा दिव्यांग बच्चों के आश्रम घरौंदा में जाकर उनके पुत्र वह संस्था के सदस्य विजय दुसेजा व अन्य ने फल फ्रूट मिष्ठान खाद्य सामग्री का वितरण किया।
इस अवसर पर बुजुर्गो की खुशी देखकर हम आनंद की अनुभूति हुई हमे हमेशा बड़े-बुजुर्गों कहते थे कि पेड़ भले ही फल ना दे लेकिन छाया जरूर देता है और एक आसरा रहता है।
हमेशा कभी भी दुख गम हो और कोई हमारे साथ अपना खड़ा हो तो हमे सुकून, हिम्मत सहारा मिलता है।
बड़े अभागे है वह लोग जो अपने बुजुर्गों की सेवा नहीं करते हैं उन्हें ऐसे छोड़ देते हैं हमें सेवा का मौका मिला और आज इस पावन अवसर पर पावन दिन पर यहां पहुंच कर इनके साथ बिताए हुए पलो से जो हमें मन को सुकून एवं शांति मिली है वह अद्भुत है।
आज के इस सेवा कार्य में संस्था के सदस्य संरक्षक रूपचंद डोडवानी, सलाहकार रेखा आहूजा, सतराम जेठमलानी, कार्यकारी अध्यक्ष रामचंद हिरवानी, कोषाध्यक्ष,नानक नागदेव, सचिव जगदीश जज्ञासी एवं गोविंद दुसेजा का विशेष सहयोग रहा।
श्री जगदीश जज्ञासी जी की खबर