देव दीपावली एकादशी पर्व पर भक्ति भाव से हुआ सत्संग कीर्तन

देव दीपावली एकादशी पर्व पर भक्ति भाव से हुआ सत्संग कीर्तन

देव दीपावली एकादशी पर्व पर भक्ति भाव से हुआ सत्संग कीर्तन

देव दीपावली एकादशी पर्व पर भक्ति भाव से हुआ सत्संग कीर्तन

बाबा आनंद राम दरबार के साईं कृष्णदास एवं एकादशी वाले बलराम भैया जी के द्वारा देवउठनी(हरिउठनी) एकादशी के पावन पर्व पर संत भगत कंवर राम सिंधी धरमशाला चकरभाटा में सत्संग कीर्तन की हुई अमृत वर्षा कार्यक्रम रात्रि 8:30 बजे आरंभ होकर 12:00 बजे समापन हुआ 

कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्री कृष्ण राधा रानी बाबा भगतराम जी के फोटो पर पुष्प अर्पण कर दीप प्रज्वलित करके की गई बलराम भैया जी के द्वारा साध संगत को एकादशी की बधाइयां दी एवं क्यों मनाई जाती है आज की एकादशी का महत्व क्या है इसके बारे में हमारे वेद पुराणों में मान्यता है कि दिवाली के बाद पढ़ने वाली कार्तिक माह में एकादशी पर देवउठ जाते हैं यही वजह है कि देवउठनी ग्यारस के बाद से सारे शुभ कार्य जैसे विवाह मुंडन ग्रह प्रवेश आदि प्रारंभ हो जाते हैं ग्यारस के दिन ही तुलसी विवाह भी होता है घरों में चावल के आते से चौक बनाया जाता है गन्ने के मंडप के बीच विष्णु भगवान की पूजा की जाती है पटाखे जलाए जाते हैं देव उठनी ग्यारस को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है पुराणों के अनुसार 4 महीने के योगनिद्रा के बाद भगवान उठ जाते हैं और स्थिति को ही देवउठनी एकादशी कहा जाता है हरि बोधनी एकादशी पर भगवान हरी के शालिग्राम स्वरूप से तुलसी माता का विवाह होता है देव उठनी ज्ञान देव प्रबोधनी ग्यारस के दिन से 
मंगल और जनों के रुके हुए रथ को गति मिल जाती है कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन तुलसी विवाह के रूप में भी मनाया जाता है और पूजन के साथ ही यह कामना की जाती है कि घर में आने वाले मंगल कार्य निविग्रह
संपन्न हो तुलसी का पौधा क्योंकि पर्यावरण तथा प्रकृति का भी घोतक है अंतिम यह संदेश भी जाता है कि औषधीय पौधे तुलसी की तरह सभी में हरियाली एवं स्वास्थ्य के प्रति सचेत आकार हो इस दिन तुलसी के पौधे का दान भी किया जाता है 4 महीने के शयन के पश्चात जागे गुरु भगवान की विशेष पूजा अर्चना के साथ मनाया जाता है इसलिए उपनयन गृह प्रवेश दुकान का उद्घाटन आदि अनेक मंगल कार्यों को संपन्न कराने की शुरुआत कर दी जाती है इस दिन पूजन के साथ व्रत रखने को भी बड़ा महत्व दिया जाता है महिलाएं इस दिन आंगन में गेहूं तथा खड़ी से मांडणे सजाती है
गीत एवं भजन के साथ सभी उत्सव मनाते हैं साई कृष्ण दास जी के द्वारा अपने अमृतवाणी में आज की एकादशी का महत्व हमारे सभी समाज के लिए और ही ज्यादा गर्व की बात है और ही ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि आज शुक्रवार है भगवान झूलेलाल का दिन है और भगवान झूलेलाल भगवान श्री कृष्ण के बीच में कितना प्रेम था उसके बारे में एक प्रसंग सुनाया आज ही के दिन एक बार रात्रि के समय नंद बाबा 2:00 बजे यमुना में स्नान करने चले गए जैसे ही वह नदी में स्नान करने घुसे नीचे वरुण धाम के सेवादार ने देखा कि कोई व्यक्ति अभि यमुना में नहाने के लिए अंदर घुस गया है तो उन्होंने सोचा यह समय तो हमारा नहाने का है यह कौन व्यक्ति अंदर आ गया है तो उसे पकड़कर वरुण देव भगवान के पास लेकर आए वह बंदी बना दिया सुबह सब लोग उठे तो देखा कि नंदबाबा नहीं है सभी लोग बलराम भैया कान्हा अब आप ही जाकर नंदबाबा को खोज कर लाओ कृष्णा ने कहा चिंता मत करो वह सीधे यमुना जी के पास पहुंचे और नदी में छलांग लगा दी सीधे वरुण धाम पहुंच गए जैसे ही अंदर आने लगे सामने बैठे वरुण देव भगवान ने देखा यह तो हमारे प्रभु हैं तुरंत सिहआसन से उतरे और हाथ जोड़कर पहुंचे प्रभु आज के इस पावन अवसर पर इस पावन दिन पर आपने हमें दर्शन दिया हमारे भाग्य खुल गए उन्हें अपने सिंहआसन पर बैठाया पूजा अर्चना की आरती करने लगे सेवादार फूलों की वर्षा करने लगे यह देखकर नंदबाबा हैरान हो गए और सोचने लगे यह मेरा पुत्र साधारण बच्चा नहीं है यह भगवान का अवतार है
कृष्ण ने कहा वरुण देव से आपने तो मेरी पूजा अर्चना की आरती कर रहे हैं पर मेरे बाबा को आपने बंदी बना दिया है तब वरुण देव ने कहा प्रभु आपके पिताजी हैं हमें पता नहीं था हमारे सेवक से गलती हुई है हमें क्षमा कर दीजिए आप अपने पिताजी को ले जाइए वह दिन 
देवउठनी एकादशी का ही दिन था

साई जी ने अपनी अमृतवाणी में कई भजन गाए


राम आया है श्याम आया है गायो का गोपाल आया है


राधे राधे जपना तो आएंगे बिहारी


शाम की राधा बोलो शाम की राधा


रंग में श्याम मन में राम मैं भी तेरा तू भी मेरा 


गोपाला नंदलाला बंसी बजाए कृष्ण बाला

ऐसे मधुर भजन सुनकर उपस्थित सभी भक्तजन झूम उठे इस पावन अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ ललित मखीजा एवं डॉ रिया मखीजा छत्तीसगढ़ सिंधी साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष नानक रेलवानी ने सत्संग में पहुंचकर सत्संग का लाभ लिया व
साईं जी का आशीर्वाद लिया कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई विश्व कल्याण के पल्लो पाया गया 
प्रसाद वितरण किया गया इस पूरे आयोजन का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया दूर बैठे हजारों की संख्या में भक्तों ने सत्संग का आनंद लिया
वह इस सत्संग में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन बिलासपुर कोरबा मुंगेली तखतपुर जिला रायपुर दुर्ग भिलाई तिल्दा भाटापारा आदि नगरो से पहुंचे थे।
आज के इस कार्यक्रम का आयोजन धीरज रोहरा परिवार के द्वारा किया गया इस आयोजन को सफल बनाने में बाबा आनंद राम सेवा समिति चकरभाटा कोरबा रायपुर भिलाई के सभी सेवादारियो का विशेष सहयोग रहा।


श्री विजय दुसेजा जी की खबर 

Ads Atas Artikel

Ads Atas Artikel 1

Ads Center 2

Ads Center 3