प्रतियोगी परीक्षा में सहयोगी होगा हमर छत्तीसगढ़ कोर्स

प्रतियोगी परीक्षा में सहयोगी होगा हमर छत्तीसगढ़ कोर्स

प्रतियोगी परीक्षा में सहयोगी होगा हमर छत्तीसगढ़ कोर्स

प्रतियोगी परीक्षा में सहयोगी होगा हमर छत्तीसगढ़ कोर्स

स्वतंत्रता संग्राम के अज्ञात सेनानी और गांधीवाद पर सर्टिफिकेट कोर्स का सफल संचालन करने के बाद अब हेमचंद यादव विश्वविद्यालय नवंबर में हमर छत्तीसगढ़ पर तीसरा सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने जा रहा है। इसकी शुरुआत 5 नवंबर से होगी। यह कोर्स उन लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है, जो इन दिनों विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं। उन्हें दोहरा लाभ होगा। एक तो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हो जाएगी और दूसरा उन्हें सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा।

सर्टिफिकेट कोर्स में शामिल प्रतिभागियों को राज्य के विद्वान छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा, सांस्कृतिक विरासत, वेश-भूषा, उद्योग समेत अन्य सारे पहलुओं की जानकारी देंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय ने सारी तैयारी कर ली है। कोर्स के सफल संचालन के लिए संचालक महाविद्यालय विकास परिषद डॉ. प्रीता लाल को संयोजक बनाया गया है। सहमति ली जा चुकी है।

500 रुपए के स्थान पर 400 रुपए शुल्क ही लिया जाएगा
हमर छत्तीसगढ़ सर्टिफिकेट कोर्स के लिए अभी तक 132 प्रतिभागियों का पंजीयन हो चुका है। अभी तक हुए दो सर्टिफिकेट कोर्स में पंजीयन शुल्क 500 रुपए रखा गया था। प्रतिभागियों की मांग पर शुल्क में 100 रुपए कम किया गया है। इसके लिए प्रतिभागियों से बतौर शुल्क 400 रुपए लिए गए हैं। प्रतिभागियों ने कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा से मिलकर शुल्क कम करने की मांग की थी। उनकी मांग को मान्य करते हुए शुल्क कम किया गया है।

मूल्यांकन के लिए रखे हैं 100 अंक, लिखित व असाइनमेंट देंगे
हर सर्टिफिकेट कोर्स के मूल्यांकन के लिए 100 अंक निर्धारित किए गए हैं। इसमें 50 अंकों की लिखित परीक्षा होगी और 50 अंकों का असाइनमेंट दिया जाएगा। प्रोजेक्ट वर्क भी होगा, जिसके आधार पर प्रतिभागियों के कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। प्रथम आने वाले प्रतिभागियों को नकद इनाम और सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। हेमचंद विवि की ओर से हर महीने अलग-अलग विषयों पर एक-एक महीने का सर्टिफिकेट कोर्स कराया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में यह अपनी तरह का एक नया प्रयोग है।

छग की सारी जानकारी दी जाएगी 8 व्याख्यान माला में
यह कोर्स करने वाले छात्रों की ऑनलाइन क्लास शनिवार व रविवार को हर हफ्ते संचालित होगी। नवंबर महीने में चार शनिवार और चार रविवार पड़ेंगे। इस तरह इन आठ दिनों में आठ व्याख्यान होंगे। इसमें छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा, छत्तीसगढ़ की वेषभूषा और संस्कृति, छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति, छत्तीसगढ़ का इतिहास, छत्तीसगढ़ के महान विभूति, नए छत्तीसगढ़ की परिकल्पना आदि विषयों की जानकारी दी जाएगी।

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