आरक्षण में कटौती के विरोध में रेल पटरी पर बैठ गए आदिवासी, डेढ़ घंटे देरी से दुर्ग के लिए रवाना हुई ट्रेन
सर्व आदिवासी समाज ने सड़क पर उतर कर आरक्षण में कटौती पर रोष जाहिर करते हुए मानपुर चौक पर चक्का जाम किया। दल्लीराजहरा के मानपुर चौक व चोराहा पड़ाव तिराहे पर आर्थिक नाकेबंदी सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक की। आरक्षण में कटौती के विरोध में जमकर नारेबाजी करते रहे। आदिवासियों ने मानपुर चौक से लगे हुए रेल पटरी पर बैठकर माल गाड़ियों की आवाजाही भी कुछ समय के लिए रोक दी थी।
वहीं आर्थिक नाकेबंदी के तहत सड़कों पर चलने वाले मालवाहक, ट्रकों को भी रोका गया। जबकि यात्री बसें व रेल यात्री को आने- जाने छूट दिया गया। दोपहर को अंतागढ़ से जाने वाली यात्री ट्रेन दल्लीराजहरा पहुंची, लेकिन उस समय आंदोलन ारियों के पटरी पर बैठे जाने के कारण यह ट्रेन डेढ़ घंटे देरी से दुर्ग के लिए रवाना हुई।
पटरी पर बैठे लोग पुलिस की समझाइश के बाद हटे। मानपुर चौक पर सड़क पर बैठे आदिवासियों को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक जनक लाल ठाकुर ने कहा कि सरकार के द्वारा आरक्षण के मामले में आदिवासियों को बार-बार गुमराह किया जा रहा है। सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष यूआर गंगराले ने कहा कि हमारा यह आंदोलन वर्तमान में सांकेतिक है। इस आर्थिक नाकेबंदी से भी अगर सरकार नहीं चेतेगी तो सर्व आदिवासी समाज उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।
ढोंग कर रही सरकार- सर्व आदिवासी समाज के जिला उपाध्यक्ष संतोषी ठाकुर ने कहा कि आदिवासियों के आरक्षण में कटौती करना सरकार की हिटलरशाही है। यह सरकार आदिवासियों के हित रक्षक होने का ढोंग कर रही है। सभा को हलबा समाज के केंद्रीय अध्यक्ष देवेंद्र माहला, तुकाराम कोराम, प्रेमलाल कुंजाम, रतिराम कोसमा ने भी संबोधित किया। राजकुमार प्रभाकर, टीकम बढई, एसएस नेताम, तुलसी मरकाम, मोहन हिडको, देवेंद्र , झुमुक परसाई, अजीत कतलाम, जागेश्वर, फिरंता उइके आदि उपरस्थित थे।