योजना में किया बदलाव अब सिर्फ राशन कार्ड दिखाने से नहीं होगा फ्री में इलाज
इस योजना के तहत 5 लाख या 50 हजार तक के मुफ्त इलाज करवाने की सुविधा् दी गई है। इस संबंध में आईएमए अध्यक्ष डॉ. प्रदीप जैन ने बताया कि नई व्यवस्था के बारे में अधिकतर लोगों को जानकारी नहीं है इसलिए परिस्थिति अनुसार राशन कार्ड के सहारे भी इलाज की सुविधा दी जा रही है। लेकिन भविष्य में आधार कार्ड से लिंक आयुष्मान कार्ड जरूरी है। तभी मरीजों को इलाज की सुविधा मिल पाएगी।
भर्ती मरीजों की भी बायोमैट्रिक जरूरी
प्रक्रिया में बदलाव के अनुसार आईसीयू में भर्ती मरीज की भी बायोमैट्रिक जांच जरूरी कर दी गई है। राज्य नोडल एजेंसी द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया कि ट्रामा केस में भी आधार लिंक करना होगा। बायोमैट्रिक जांच की स्थिति नहीं होने पर आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाने के चयन लेना होगा। इस तकनीकी बदलाव से सुविधा के बजाए मरीज व उनके परिजन को परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है।
नई प्रक्रिया: बनवा सकेंगे आयुष्मान कार्ड
योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों में स्थानीय व्यक्ति अपना आयुष्मान कार्ड नई प्रक्रिया के तहत बनवा सकेंगे। इसके लिए भी दोनों नई प्रक्रिया से गुजरना होगा। अंगूठे या किसी उंगली की बायोमैट्रिक जांच में पहचान होते ही कार्ड जनरेट हो जाएगा। दूसरे विकल्प में आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर पहुंचे ओटीपी को बताना होगा। ओटीपी को बताने पर ही 5 लाख या 50 हजार तक के मुफ्त इलाज की योजना का लाभ ले पाएंगे।
सालाना ऑडिट के दौरान रिकाॅर्ड उपलब्ध होगा
नई व्यवस्था के लिए जारी आदेश में बिना आधार इलाज की सुविधा देने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है। स्पष्ट किया गया है कि निर्देश का पालन करें। बिना आधार किसी को भर्ती करने वाले अस्पताल सालाना ऑडिट में पकड़ लिया जाएगा। उस वक्त संबंधित मरीज को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी। इसलिए अब पंजीकृत अस्पताल भी नई व्यवस्था को लागू करने की बातें कह रहे हैं। मरीजों को जानकारी भी दी जा रही है।