स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय बालोद में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने शपथ ग्रहण किया

स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय बालोद में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने शपथ ग्रहण किया

स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय बालोद में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने शपथ ग्रहण किया

स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय बालोद में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने शपथ ग्रहण किया

स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय बालोद में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने शपथ ग्रहण किया। संविधान दिवस के महत्व पर चर्चा करते हुये प्राचार्य अरूण कुमार साहू ने कहा कि किसी देश का संविधान उसकी मूल आत्मा होती है जो उन्हें सच्ची नागरिकता का बोध कराती है। हमें अपने मौलिक अधिकारों से परिचित कराता है और दायित्व के प्रति सजग करते हुये जिम्मेदार नागरिक बनाती है।

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने सामाजिक न्याय, महिला एवं बाल अधिकार को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया। मूल संविधान को इटैलिक शैली में प्रेम बिहारी ने हस्तलेखन किया। चित्रकार राममनोहर सिन्हा और नंदलाल बोस ने उसके प्रत्येक पृष्ठ को अलंकृत किया। संविधान की मूल प्रति में दुर्ग के घनश्याम सिंह गुप्ता के हस्ताक्षर है, जो हिंदी अनुवाद समिति के अध्यक्ष रहे।


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