26 बटुकों का हुआ जनेऊ संस्कार संपन्न
नगर की सामाजिक संस्था सिंधु कल्चरल एलायंस फोरम के द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार कई सामाजिक कार्यों का आयोजन किया जाता है जिनमें मुख्य है सामूहिक जनेऊ संस्कार जिसका आयोजन इस वर्ष भी 20 नवंबर दिन रविवार सुबह 10:00 बजे सिंधी धर्मशाला भक्त कवर रामनगर में आयोजित किया गया है जिसमें 26 बटूको का हुआ जनेऊ संस्कार.
इस इस आयोजन में अति विशिष्ट अतिथि थे भाई साहब श्री जसकीरत सिंह जी कार्यक्रम की अध्यक्षता पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत के अध्यक्ष श्री पी एन बजाज जी मुख्य अतिथि डॉ ललित मखीजा प्रांतीय उपाध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद छत्तीसगढ़ विशिष्ट अतिथि वासु कलवानी राष्ट्रीय संरक्षक अखिल भारतीय सिंधी समाज श्री हरीश भागवानी अध्यक्ष सिंधी पंचायत सिंधी कॉलोनी बिलासपुर डॉ हेमंत कलवानी अध्यक्ष सिंधु कल्चरल एलायंस फोरम बिलासपुर के सानिध्य में आयोजन हुआ कार्यक्रम की शुरुआत हमारे इष्ट देव भगवान झूलेलाल गुरु नानक देव जी के फोटो पर फूलों की माला पहना कर दीप प्रज्वलित करके की गई पंडित जय देव प्रकाश शास्त्री ने आर्य समाज की पद्धति से 26 बटूको का सामूहिक जनेऊ संस्कार संपन्न कराया
उन्होंने बताया कि 16 संस्कारों में से दसवां संस्कार है जनेऊ संस्कार हिंदू धर्म में इसका बहुत बडा महत्व है जब तक कोई बच्चा जनेऊ संस्कार धारण नहीं करता है तब तक उसे यज्ञ में आहुति देने का अधिकार या शादी करने का अधिकार नहीं होता है अगर वह यज्ञ में आहुति देता है तो उसे उसका फल नहीं मिलता है जनेऊ के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व के साथ ही उसके स्वास्थ्य लाभ व सनातन धर्म की पहचान है हिंदू धर्म में प्रत्येक हिंदू का कर्तव्य है कि जनेऊ पहनने और उसके नियमों का पालन करना शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जनेऊ धारण करने से शरीर शुद्ध और पवित्र रहता है और व्यक्ति बुरे कर्मों से दूर रहता है कहा जाता है कि जनेऊ धारण करने से स्मरण शक्ति तेज होती है इसलिए कम उम्र में ही बच्चों का जनेऊ संस्कार कराने की परंपरा है।
उन्होंने बच्चों को शिक्षा दी वह बताया कि जनेऊ व चोटी हिंदू धर्म की पहचान है इसकी रक्षा के लिए कई हिंदू समाज के संत महात्मा ओर दरवेश ने अपना बलिदान दे दिया पर हिंदू धर्म के निशानी को आच आनें नहीं दी वह अपना धर्म परिवर्तन नहीं किया और आज के इस युग में इस समय में कुछ लोग थोड़ी सी लालच में आकर धर्म परिवर्तन कर रहे हैं ऐसा करके वह अपना ही अहित कर रहे हैं आप सभी आज जनेऊ धारण किया है अपनी संस्कृति अपने रीति रिवाज को कभी मत भूलना वह शुद्ध व शाकाहार जीवन अपनाना इससे तन और मन दोनों मजबूत बनेंगे शरीर बल पुष्ट बनेगा जो ताकत शाकाहार में है वह मांसाहार में नहीं है मांसाहार भोजन राक्षस जातियों के लिए है हम सनातन हिंदू धर्म के वंशज हैं इसलिए उसी परंपरा को उनकी संस्कृति को आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है अपने माता-पिता की सेवा करना अपने कुल का नाम ऊंचा करना अपने अच्छे कर्मों से अपने शहर प्रदेश व देश का नाम विश्व में आगे बढ़ाना सत्य की राह पर चलना इस अवसर पर धन गुरु नानक दरबार बाबा थाहिरिया सिंह दरबार उल्हासनगर के संत भाई साहब जसकीरत सिंह साहिब जी ने अपने आशीष वचन में आए हुई गुरु की साध संगत व सभी बच्चों को उनके माता-पिता को जनेऊ संस्कार संपन्न होने की लख लख बधाइयां दी
वह कहा कि अपने धर्म की रक्षा के लिए गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने चार पुत्रों का बलिदान दे दिया पर अपने धर्म पर आंच आने नहीं दिया उनके बच्चों ने भी कहा कि हम धर्म के लिए अपना सर कटा सकते हैं पर सर झुका नहीं सकते कम उम्र में उन्होंने बलिदान देकर अपने धर्म की रक्षा की अपना धर्म सबसे श्रेष्ठ धर्म है गुरु नानक देव जी ने हमें यही सिखाया है सत्य की राह पर चलना है अपने धर्म की रक्षा करनी है वह जो भी गुरु घर में आता है वह कभी खाली नहीं जाता है आज भी कई लोग ऐसे हैं जो अपने धर्म को भूलते जा रहे हैं वह अपनी संस्कृति अपनी भाषा अपने तीज त्यौहार को भूलते जा रहे हैं मुझे बहुत खुशी हुई कि सिंधु कल्चर एलाइंस फोरम के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी गण के द्वारा विगत 5 वर्षों से सामूहिक जनेऊ संस्कार का आयोजन किया जा रहा है यह अपने धर्म को आगे बढ़ाने के लिए अपनी संस्कृति बचाने के लिए एक अच्छा कार्य है ऐसे कार्य समाज में हमेशा निरंतर चलते रहना चाहिए आगे भी होने चाहिए जिससे समाज एक संगठित हो सके वह अपने धर्म को अपनी संस्कृति को समझ सके आप सभी का दर्शन करके मुझे बहुत खुशी हो रही है
शास्त्रों में भी कहा गया है बाल रूप में भगवान वास करते हैं और भक्तों में भी भगवान होते हैं आज मैं आप सब में अपने गुरु को वाहेगुरु को देख रहा हूं अन्य अतिथियों में पीएन बजाज डॉक्टर ललित मखीजा ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए आज के इस आयोजन के लिए संस्था को बधाइयां दी आए हुए उपस्थित सभी लोगों को बधाई दी संस्था के अध्यक्ष डॉ हेमंत कलवानी ने संस्था के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी आज के इस सफल आयोजन के लिए संस्था के सभी पदाधिकारियों को बधाई दी और कहा विगत 2 माह से इस आयोजन के कार्य में सभी सदस्य तन मन धन से लगे हुए थे आज के सफल आयोजन के लिए सभी सदस्यों की मेहनत साकार हुई मंच संचालन डॉ रमेश कलवानी व कन्हैया आहूजा ने किया
डॉ रमेश कलवानी ने अपने गुरु दादा साधु वासवानी जी को याद करते हुए कहा उनका 25 नवंबर को अवतरण दिवस है जिससे पूरे राष्ट्र में शाकाहार दिवस के रूप में मनाया जाता है उन्होंने सभी आए हुए लोगों से अपील की कि 25 नवंबर को दादा का अवतरण दिवस है जन्म उत्सव है इस दिन कोई भी मांसाहार न करें हो सके तो हमेशा के लिए छोड़ दें शुद्ध अहार ,, शाकाहार जैसा होगा अन वैसा होगा मन कार्यक्रम के आखिर में आए हुए सभी अतिथियों का फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया पत्रकार फोटोग्राफर विजय दुसेजा का भी शाल ओढ़ाकर श्रीफल देकर सम्मान किया गया।
भाई साहब जसकीरत सिंह जी के कर कमलों से सभी 26 बटुकों को नोटों की माला पहना कर मोतियों की माला पहना कर पाखरं पहना कर गिफ्ट देकर आशीर्वाद दिया गया संस्था की तरफ से भी अन्य कई उपहार भेंट किए गए कार्यक्रम 11:00 बजे आरंभ हुआ 2:00 बजे समापन हुआ आए हुए सभी लोगों के लिए स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था की गई थी बड़ी संख्या में लोगों ने भोजन ग्रहण किया।
इस आयोजन को सफल बनाने में संस्था के संरक्षक डा रमेश कलवानी डा सुरेश गिदवानी नानक पंजवानी ,,,,
राजकुमार ठारवानी अध्यक्ष हेमंत कलवानी महामंत्री अशोक हिंदूजा कोषाध्यक्ष नरेंद्र नागदेव टेकचंद वाधवानी लक्ष्मण दयालानी पदाधिकारी गण प्रकाश जज्ञासी कन्हैया आहूजा जगदीश जज्ञासी सतीश लाल रेवाचंद रेलवानी नंदलाल लाहोरानी श्रीचंद दयलानी इंदर गुरवानी रामचंद्र चावला प्रताप पारवानी विजय दुसेजा झामनदास अगीचा एवं बड़ी संख्या में सदस्यों का सहयोग रहा.
श्री विजय दुसेजा जी की खबर