किसी गायक का दायरा एक भाषा या बोली में बांधना गलत है :राज केशवानी

किसी गायक का दायरा एक भाषा या बोली में बांधना गलत है :राज केशवानी

किसी गायक का दायरा एक भाषा या बोली में बांधना गलत है :राज केशवानी

किसी गायक का दायरा एक भाषा या बोली में बांधना गलत है :राज केशवानी

छत्तीसगढ़ के जानेमाने कलाकार राज केशवानी जिन्होंने अनेक भाषाओं में गीत लिखे और गाए है उन्होंने हाल ही में आरू साहू के के भोजपुरी गीत को समर्थन देते हुए कहा है कि आरू साहू, एक नन्ही कलाकार और हमारी प्यारी बिटिया है जिसने छत्तीसगढ़ी लोक संगीत में अपनी एक अलग पहचान बनाई है । 

हमारे छत्तीसगढ़ में इसका विरोध बहुत से लोग कर रहे हैं, और वो भी विरोध इसलिए क्योंकि उसने हाल फ़िलहाल में एक छठ गीत गाया है जो मूलतः बिहार प्रांत का त्योहार है ।
कला का कोई दायरा नहीं होता है या यूँ कहें कलाकार को एक सीमा तक बाधा नहीं जा सकता । आरू ने हमारे प्रदेश को गौरान्वित किया है ऐसे कलाकारों का समर्थन व सम्मान करने की आवश्यकता है ना की विरोध, तभी तो कलाकारों का उत्साहवर्धन होगा।

ऐसी छोटी मानसिकता को छोड़ना होगा एक महज 14 साल की बच्ची को प्रोत्साहन न देकर उसका मनोबल गिराना कतई उचित नही है हम सब बिलासपुर के कलाकार अपनी बिटिया आरु साहू के समर्थन में सदा ही साथ रहेंगे।

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