बीएसपी माइंस अस्पताल में डॉक्टर व अन्य जरूरी सुविधाओं की कमी, इलाज नहीं, केस हो रहे रेफर
नगर में बीएसपी माइंस की शुरुआत होने के साथ ही 60 दशक पहले सर्वसुविधायुक्त अस्पताल बनाया गया था। जहां पहले सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध थी। लेकिन धीरे-धीरे यहां की सुविधाओं में कटौती की जा रही है। जिसके कारण यहां के लोगों को इलाज के लिए भिलाई रेफर करना पड़ता है। बीएसपी ने कर्मचारियों की सुविधा के लिए 70 बिस्तर अस्पताल बनाया है। लेकिन पिछले कुछ साल से बीएसपी ने सुविधाओं में कटौती कर दिया। जिससे कर्मचारी अस्पताल में इलाज कराने जाने से घबराते हैं।
अस्पताल में डॉक्टरों, नर्स व अन्य कर्मचारी में कटौती कर दिया गया। एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। संविदा डाॅक्टर के भरोसे काम चलाया जा रहा है। अस्पताल में डाॅक्टरों की कमी होने के कारण छोटी-छोटी बीमारी होने पर सेक्टर 9 अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। जिससे यह अस्पताल अब रेफर सेंटर बन कर रह गया है। मरीज को 95 किलोमीटर दूर एंबुलेंस से भिलाई ले जाना पड़ता है। जिसमें एंबुलेंस से सेक्टर 9 अस्पताल पहुंचने में 2 घंटे से अधिक का समय लगता है।
नई एंबुलेंस आने के बाद काम से निकाल दिया
चेतन तुरकाने, दिलीप राणा, प्रवीण उइके ने बताया कि हम लोग ठेकेदार के द्वारा चलाए गए एंबुलेंस मे 3 साल तक काम किए। कोरोना के समय कोरोना मरीजों को अपनी जान जोखिम में डालकर रोज सेक्टर 9 अस्पताल पहुंचाते थे। कोरोना महामारी की बीच रोजाना औसतन 10 गंभीर मरीज को सेक्टर 9 अस्पताल तक पहुंचाने का काम किया है। हमारी किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं थी। लेकिन निकालने का कारण समझ नहीं आया।
जबकि सांसद ने बीएसपी के अधिकारी को कहा था कि पहले से चल रहे लोगों का पहली प्राथमिकता दी जाए। तात्कालीन मुख्य महाप्रबंधक तपन सूत्रधार ने भी आश्वासन दिया था। पिछले दिनों मुख्य महाप्रबंधक समीर स्वरूप से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई। साथ ही यूनियन के नेताओं से मदद मांगी। लेकिन यूनियन के लोगों ने कुछ नहीं किया। हमारे परिवार के सामने रोजी रोटी की समस्या है।