केंद्र सरकार के नए फैसले का भाजपा प्रदेश मंत्री ओजस्वी जी ने किया स्वागत
कर्मचारियों ने लापरवाही या गंभीर दोष किया तो रिटायरमेंट पर पेंशन और ग्रेच्युटी खत्म:–ओजस्वी भीमा मंडावी
दंतेवाड़ा/छत्तीसगढ़: भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मंत्री व महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष दंतेवाड़ा ओजस्वी भीमा मंडावी जी ने केंद्र सरकार के फैसलों का खुलकर किया स्वागत। ओजस्वी जी ने कहा अगर कर्मचारियों ने इसे अनदेखा किया तो उन्हें अपने रिटायरमेंट के बाद पेंशन व ग्रेच्युटी से वंचित होना पड़ेगा ।
ओजस्वी जी ने कहा की सरकार ने कर्मचारियों के काम को लेकर चेतावनी जारी की है। अगर कोई कर्मचारी काम में लापरवाही करता है तो सरकार के नए नियम एक अनुसार, रिटायरमेंट के बाद उसके पेंशन व ग्रेच्युटी रोकने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू रहेगा, लेकिन आगे जाकर इस पर राज्य भी अमल कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने हाल में सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल 2021 के तहत एक नोटिफिकेशन जारी किया है। केंद्र सरकार ने हाल में ही सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 के रूल 8 में बदलाव किया था, जिसमें नए प्रावधान जोड़े गए हैं। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अगर केंद्रीय कर्मचारी अपने सेवाकाल के दौरान किसी गंभीर अपराध या लापरवाही में दोषी पाए जाएंगे तो रिटायरमेंट के बाद उनकी ग्रेच्युटी और पेंशन रोक दी जाएगी। गौरतलब है कि केंद्र की तरफ से बदले नियम में की जानकारी सभी संबंधित प्राधिकरणों को भेज दी गई है। इतना ही नहीं, इसमें यह भी साफ कर दिया गया है कि दोषी कर्मचारियों की जानकारी मिलती है तो उनकी पैशन और ग्रेच्युटी रोकने को कार्रवाई शुरू की जाए यानी सरकार इस बार इस आधार पर किया जाएगा। नियम को लेकर सख्त है। ओजस्वी जी ने आगे कहा कि ऐसे प्रेसिडेंट जो रिटायर्ड कर्मचारी के अप्वाइंटिंग अथॉरिटी में शामिल रहे हैं, उन्हें ग्रेच्युटी या पेंशन सकता है रोकने का अधिकार दिया गया है।
ऐसे सचिव जो सम्बंधित मंत्रालय या विभाग से जुड़े हों जिसके तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी को नियुक्ति की गई हो, उन्हें भी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार दिया गया है।अगर कोई कर्मचारी ऑडिट और अकाउंट विभाग से रिटायर हुआ है तो को कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार दिया गया है।जारी नियम के अनुसार, नौकरी के दौरान अगर इन कर्मचारियों के खिलाफ कोई विभागीय या न्यायिक कार्रवाई हुई तो इसकी जानकारी भी संबंधित अधिकारियों को देना जरूरी होगा।अगर कोई कर्मचारी रिटायर होने के बाद फिर से नियुक्त हुआ है तो उस पर भी यही नियम लागू होंगे। अगर कोई कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान ले चुका है और फिर दोषी पाया जाता है तो उससे पेंशन या ग्रेच्युटी की पूरी अथवा आंशिक राशि वसूली जा सकती है।इस नियम के अनुसार, ऐसे स्थिति में किसी भी अथॉरिटी को अंतिम आदेश देने से पहले यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन से सुझाव लेना होगा। इसमें यह भी प्रावधान है कि किसी भी मामले में जहां पेंशन को रोका या निकाला जाता है, उसमें न्यूनतम राशि 9000 रुपये प्रति माह से कम नहीं होनी चाहिए, जो 44 के तहत पहले से निर्धारित है।