श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर में चल रही भागवत कथा का पाँचवा दिवस..
कथा के पांचवे दिवस श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर नन्द घर आंनद भयों, जय कन्हैया लाल की गूंज में धर्मप्रेमी झूम उठे
दुर्ग की प्रसिद्ध श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर, गंजपारा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में पांचवे दिन कथाव्यास आचार्य डॉ. विक्रांत दुबे जी ने आज भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाई इस अवसर पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया कथा में जैसे ही भगवान का जन्म हुआ तो भक्त झूमने नाचने लगे और आतिशबाजी व बैंड बाजों से पूरा मन्दिर गूंज उठा और भक्तों ने नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारे लगाए इस दौरान महिलाओं द्वारा अपने घरों से लाए गए गुड़ के लड्डू से भगवान को भोग लगाया गया कथाव्यास आचार्य डॉ. विक्रांत दुबे ने भक्तों को कथा का रसपान करते हुए कहा कि जहां सत्य एवं भक्ति का सम्मान होता है वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है उन्होंने गाय की सेवा एवं महत्व को समझाते हुए बताया कि प्रत्येक हर घर में गाय की सेवा अवश्य होनी चाहिए गाय का दूध अमृत के समान होता है और उन्होंने बताया कि जब मथुरा के राजा कंस का अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ते गए तब भगवान ने कंश के कारागार में भगवान श्री कृष्ण ने वसुदेव की पत्नी माता देवकी के गर्भ से आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया, आचार्य जी ने कहा कि बाल गोपाल का जन्म देवकी और वासुदेव के आठवें संतान के रूप मे हुआ था देवकी व वासुदेव का अर्थ समझाते हुए कहा कि देवकी यानी जो देवताओं की होकर जीवन जीती है और वासुदेव का अर्थ है जिसमें देव तत्व का वास हो।
आचार्य श्री ने भागवत कथा में पांचवे दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव वर्णन किया। जिसमें उन्होंने श्री कृष्ण से संस्कार की सीख लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं जानते थे कि वह परमात्मा हैं उसके बाद भी वह अपने माता पिता के चरणों को प्रणाम करने में कभी संकोच नहीं करते थे। यह सीख में भगवान श्रीकृष्ण से सभी को लेनी चाहिए। आज की युवा पीढ़ी धन कमाने में लगी हुई है लेकिन अपनी कुल धर्म और मर्यादा का पालन बहुत कम कर रहे हैं।
समित्ति के योगेन्द्र शर्मा बंटी ने बताया कि भागवत कथा में भगवान के जन्मोत्सव को लेकर मंच को फूलों की माला और गुब्बारों से विशेष रूप से सजावट की गई। इस विशेष दिन को लेकर श्रद्धालुओं की अच्छी भीड़ रही।
श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर छोटे छोटे बच्चों को श्री कृष्ण, ग्वाले, गोपियां, सुदामा के रूप में सजाया गया, एवं बच्चे झूमते नाचते आंनद लेते रहे
आज कथा में सभी भक्तों को श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा में मिष्ठान, चॉकलेट, खिलौने का वितरण किया गया, साथ ही सभी बच्चों को गिफ्ट दिया गौण..