धर्म के जयकारों से गूंज उठा कुई कुकदूर का क्षेत्र,,,
,, 5 दिन में 42 गांव में राम बालक दास जी के सभाओं का आयोजन,, ,,यज्ञ प्रचार यात्रा,,
आगामी 24 दिसंबर से 30 दिसंबर 2022 तक कुई कुकदुर तहसील पंडरिया जिला कबीरधाम में आयोजित होने वाले श्री रामचरितमानस महायज्ञ एवं देवी अनुष्ठान कार्यक्रम हेतु श्री राम बालक दास महात्यागी जी का कुई कुकदुर क्षेत्र में सघन संपर्क गांव गांव में चल रहा है दिनांक 23 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस यात्रा में 5 गाड़ियों का काफिला रथ एवं डीजे शामिल है ज्ञात हो कि श्री जामडी पाटेश्वर धाम के द्वारा सन 2001 से लेकर 2022 तक 94 स्थानों पर महायज्ञ संपन्न हो चुके हैं इसी श्रृंखला में चंडी मंदिर प्रांगण कुई कुकदुर में होने वाला यह महायज्ञ 95 वां महा यज्ञ होगा इस संबंध में पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री राम बालक दास जी ने कहा कि सामाजिक समरसता सद्भाव एवं हिंदुत्व के लिए समर्पित यह आयोजन संपूर्ण भारतवर्ष में श्री जामडी पाटेश्वर धाम के द्वारा किया जाता है जिसमें संपूर्ण क्षेत्रवासियों को जोड़ा जाता है जाती पाती धर्म व पंथ और दल से ऊपर उठकर केवल
,,,सब में राम सबके राम,,, के नारे को लेकर यह आयोजन संपन्न होता है 24 दिसंबर से 30 दिसंबर तक कुईकुकदूर में होने वाले श्री राम चरित्र मानस महायज्ञ एवं देवी अनुष्ठान कार्यक्रम में प्रतिदिन महायज्ञ का आयोजन होगा संगीतमय श्री राम कथा होगा रात्रि में रामलीला होगी और प्रतिदिन अखंड कीर्तन चलता रहेगा साथ ही पूरे प्रदेश एवं मध्य प्रदेश से आने वाले संतो भक्तों दर्शनार्थियों के लिए भोजन भंडारे की व्यवस्था भी होगी विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत 24 दिसंबर को संपूर्ण कुकदुर पंडरिया क्षेत्र के वनवासी आदिवासी माताओं बहनों को आमंत्रित करके भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी ,प्रथम दिवस 23 नवंबर को यात्रा के अंतर्गत लालपुर, सिंहपुर, मुनमुना, कोदवा, भेड़ागढ़, भाजी डूंगरी, विचारपुर, टाक टटिया, एवं मउहा डाल, अन्य 10 गांव में धर्म सभा का आयोजन हुआ
जिसमें ग्राम वासियों ने भजन कीर्तन पुष्पमाला एवं आरती करके संत श्री राम बालक दास जी का स्वागत किया बिचारपुर के बुजुर्ग नारायण धुर्वे ने कहा कि उनके गांव में किसी संत महात्मा का पहली बार आगमन हुआ वही मुनमुन में गोंड समाज के हजारों की संख्या में उपस्थित महिलाओं ने गीत गाकर संत श्री का स्वागत कर प्रसन्नता व्यक्त की बालयोगेश्वर संत जी ने सभी गांव में अपने उद्बोधन में यज्ञ की महिमा भारत की प्राचीन परंपरा गौ सेवा और सामाजिक सद्भाव के लिए प्रवचन दिए उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज सदा से भारतीय संस्कृति को धारण करने वाली समाज रही है अतः समाज को भ्रमित करने वालों से और धर्मांतरण करने वाले लोगों से सावधान रहें और अपने मूल संस्कृति को धारण करके रखें इस यात्रा में कुई कुकदुर क्षेत्र के विभिन्न गांवों के सरपंच जनप्रतिनिधि एवं चंडी मंदिर समिति के लोग साथ चल रहे हैं