कुसुमकसा : बालोद जिला के डोंडी विकासखण्ड के भर्रीटोला 43 में आदर्श गोकुल गौठान की स्वीकृति के साथ निर्माण कार्यो में आदर्श गोकुल गौठान छत्तीसगढ़ शासन के मंशा के अनुरूप अपने उद्वेश्य को पूरा करते नही दिख रहा है
कुसुमकसा -- छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजना नरवा,गरवा,घुरवा बाड़ी योजना को साकार करने के उद्देश्य से बालोद जिला के डोंडी विकासखण्ड के भर्रीटोला 43 में आदर्श गोकुल गौठान की स्वीकृति के साथ निर्माण कार्यो में आदर्श गोकुल गौठान छत्तीसगढ़ शासन के मंशा के अनुरूप अपने उद्वेश्य को पूरा करते नही दिख रहा है.,भर्रीटोला 43 मे निर्मित आदर्श गोकुल गौठान में लगभग 45 से 50 लाख रूपयो की लागत से पशु शेड ,कोटना,वर्मी टांका ,भवन सहित अन्य निर्माण कार्य के साथ गौठान बनकर तैयार है .लेकिनगौठान निर्माण तो हुआ किंतु छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण गौठान योजना का भर्रीटोला में निर्मित आदर्श गोकुल गौठान उसके उद्वेश्य को पूर्ण करता नही दिखाई दे रही है. किंतु गौठान का फायदा जानवरो को आज तक नही मिल पाया लगभग तीन माह से गौठान में मवेशी तो आते है किंतु एकत्रित होने के लिए ,गौठान में ना तो कोटना में जानवरों के लिए पानी है और ना ही चारा ,चरवाहा लगभग 11 बजे एकत्रित जानवर को चराने के लिए जंगल की ओर ले जाते है।
जबकि मवेशियों के चारा व पेयजल के लिए कोटना का निर्माण तो हुआ है जो बिना उपयोग के ही कोटना में दरारें आने लगी है गौठान में जानवरों के रुकने के लिए शेड ,बीमार जानवर के ठहरने के अलग से शेड बनाया गया है ,जो अनुपयोगी पड़ा है ,जिसको देख कर लगता है कि जिले के आला अधिकारी शासन के महत्वपूर्ण योजना का क्रियान्वयन सही ढंग से करने में कोताही बरत रहे है व सिर्फ योजना के नाम पर शासकीय धन का दुरूपयोग होता नजर आ रहा है।
गौठान में गोबर की खरीदी लगभग एक माह से बंद पड़ी है वही चरवाहा नोहरसिंह यादव व धनेश्वर यादव ने बताया कि पूर्व में दो बार गोबर की बिक्री हमारे द्वारा की गई जिसमें पहली बार 13000 रुपये व दूसरी बार 12000 रुपये की गोबर बिक्री की गई किंतु उसका भुगतान आजतक नही मिला है वही गोबर खरीदी बंद होने से अक्टूबर माह का एकत्रित किया गया गोबर गौठान परिसर में रखा हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार गौठान निर्माण 3 एकड़ के छेत्र में किया गया है वर्ष 2018-19में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भर्रीटोला43 में आदर्श गोकुल गौठान निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी जिसके बाद आज तक गौठान निर्माण में लगभग 45 से 50 लाख रुपये खर्च करने बाद गौठान में गोबर की खरीदी चालू थी व उक्त गोबर से केंचुवा जैविक खाद का निर्माण महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा किया जा रहा था,व निर्मित जैविक खाद कृषि विभाग के माध्यम से विक्रय किया जा रहा था गौठान का उपयोग आज पर्यंत सिर्फ़ गोबर की खरीदी व केंचुआ खाद निर्माण में ही हो रहा था वह भी बंद पड़ा है , मवेशियों के चारा के लिए बनाए गए कोटना में उपयोग के पहले ही दरारे आने लगी है , गौठान में जानवरों के चारा के लिए पैरा एक साल पुराना है जो खुले में रखने के कारण सड़ गया है , गौठान मे चारा व पैरा काटने की मशीन का सप्लाई किया गया .लेकिन उसका कोई उपयोग नही हो रहा है. व मशीन में लगी 5 एच पी मोटर भी चोरी होने की जानकारी मिली व बाकी मशीने जंग खाती पड़ी है।
आजीविका मूलक विभिन्न गतिविधियाॅ यहाँ गौठान में संचालित नही हो पायी है, जो ग्रामीण महिलाओं की आमदानी का बहुत ही अच्छा जरिया साबित होता
मिली जानकारी के अनुसार आदर्श गोकुल गौठान निर्माण के तहत सी पी टी 0.68 लाख,बीमार पशुशेड निर्माण2.22लाख,गेट निर्माण 0.51 लाख,पानी टँकी निर्माण 0.65 लाख,मुख्य मार्ग से गौठान पहुंच मार्ग 1.50लाख ,कोटना निर्माण 1.21लाख,गौठान समतलीकरण5.82 लाख,पशु शेड निर्माण 8 नग 17.78लाख ,वर्मी का टांका निर्माण लगभग 5 लाख,भंडारण कक्ष 3 लाख ,चरवाहा कक्ष 3 लाख,मुर्गी पालन केंद्र 5 लाख रुपयों की लागत से निर्माण कार्यो के साथ ,पानी के लिए बोर खनन व सोलर पैनल लगाया गया है अन्य निर्माण कार्य हुए जिसमे सबसे बड़ी विडंबना रही कि गौठान का निर्माण जानवरो केलिए बना किंतु गौठान को देखने से लगता है कि आज तक गौठान में जानवर आकर दिनभर नही रहे ,कोटना का निर्माण हुआ किंतु जानवरो ने कोटना का उपयोग नही किया और कोटना में दरारें आने लगी है ,8 नग पशु शेड का निर्माण सिर्फ निर्माण एजेंसी को लाभ पहुंचाने का हुआ शेड निर्माण के लगभग 2--3 साल में कभी भी जानवर शेड में नही रहे ,भंडारण कक्ष का भवन तो बन गया ,चरवाहे के लिए चरवाहा कक्ष भवन का निर्माण हुआ किंतु उक्त भवन में चरवाहा ने उपयोग ही नही किया भवन में ताला लटका हुआ है , मुर्गी पालन हेतु भवन का निर्माण तो हुआ किंतु साल में एक बार महिला स्व सहायता समूह की सदस्यों ने लगभग 500 चूजे का पालन कर विक्रय किया उसके बाद भवन में मुर्गी पालन नही हुआ ,
रेणुका श्रीवास्तव मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालोद ने हरिभूमि के माध्यम से गौठान में गोबर खरीदी बंद है जानकारी मिल रही है तो वही ऑनलाइन गोबर खरीदी 16 से 31 अक्टूबर तक 43 क्विंटल व 1 से 4 नवम्बर तक 9 क्विंटल गोबर खरीदी होने की जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी से जांच कराने की बात कही।