डॉ. प्रतीक उमरे ने वृद्धाश्रम में बेसहारा बुजुर्गों संग मनाया जन्मदिन

डॉ. प्रतीक उमरे ने वृद्धाश्रम में बेसहारा बुजुर्गों संग मनाया जन्मदिन

डॉ. प्रतीक उमरे ने वृद्धाश्रम में बेसहारा बुजुर्गों संग मनाया जन्मदिन

डॉ. प्रतीक उमरे ने वृद्धाश्रम में बेसहारा बुजुर्गों संग मनाया जन्मदिन

दुर्ग खुद के लिए तो हर कोई जीवन जीता है लेकिन कम ही लोग होते हैं,जो दूसरों की खुशी में अपनी खुशी ढूंढते हैं।दुर्ग के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे इसी का उदाहरण हैं।इन्होंने अपना जन्मदिन अपने उस परिवार के साथ मनाया,जो इनका न होकर भी इनका अपना है।इन्होंने वृद्धा आश्रम में अपना जन्मदिन मनाया और वहां मौजूद वृद्धजनों को नवीन वस्त्र एवं माता तुल्य वृद्ध महिलाओं को साड़ियां भेंट कर उन्हें मिठाई खिलाकर अपने जन्मदिन की खुशियां उनके साथ साझा किया।

मौका यदि जन्मदिन का हो और धूमधड़ाके के साथ पार्टी न हो यह बात हजम नहीं होता। लेकिन आज भी कई युवा ऐसे हैं,जो आधुनिकता की चकाचौंध से दूर रहकर बड़ी सादगी के साथ अपना जन्मदिन मनाते हैं।ऐसे ही युवाओं में से एक हैं दुर्ग के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे जिन्होंने अपने जन्मदिवस के अवसर पर धूमधड़ाका के साथ पार्टी करने के बजाय दीन-दुखियों की सेवा को प्राथमिकता दी है।

पूर्व एल्डरमैन ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर वृद्धाश्रम पहुंच कर आश्रम में रह रहे बुजुर्गो के साथ अपना जन्मदिन मनाया।ताकि उन्हें भी महसूस होने वाला एकाकीपन थोड़ा कम हो सके।उन्होंने कहा कि यहां ऐसे लोग हैं जिन्हें अलग-अलग कारण से उनके परिवार ने छोड़ दिया है।ऐसे भी लोग है जिनका अब इस दुनिया में कोई नहीं है।उन्होंने कहा कि महंगे होटलों और रिसोर्ट में जन्मदिन मना कर वो आत्मिक शांति नहीं मिलती जो बेसहारा और गरीब लोगों के चेहरे पर मुस्कान देखने से मिलती है,चाहे कैसी भी खुशी हो उनका प्रयास यही रहता है कि वे उसे वंचित वर्ग के साथ बांटें जिससे भले ही कुछ देर के लिए ही सही उन्हें भी खुशी मिलेगी और वे दिल से दुआएं देंगे।

उल्लेखनीय है कि हर वर्ष पूर्व एल्डरमैन अपने जन्मदिन के मौके पर वृद्धाश्रम, गोशाला व अन्य सेवा कार्य कर जन्मदिन मनाते हैं और दूसरों को भी इसी तरह जन्मदिन मनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

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