श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर में चल रही भागवत कथा का का हवन पूजन एवं शोभायात्रा के साथ समापन

श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर में चल रही भागवत कथा का का हवन पूजन एवं शोभायात्रा के साथ समापन

श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर में चल रही भागवत कथा का का हवन पूजन एवं शोभायात्रा के साथ समापन

श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर में चल रही भागवत कथा का का हवन पूजन एवं शोभायात्रा के साथ समापन

श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मन्दिर गंजपारा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ का गुरुवार को हवन, पूजन व शोभायात्रा के साथ समापन हो गया। शोभायात्रा में भक्तों का उत्साह और भक्ति का ऐसा मनोरम वातावरण देखते ही बन रहा था। शोभायात्रा में शामिल कथावाचक आचार्य डॉ विक्रांत दुबे जी ने सभी को आशीर्वाद दिया। कथा व्यास ने उपस्थित भक्तों को गुरुजनों एवं माता-पिता को सम्मान देने, गौ सेवा करने, वृद्ध, गरीब, असहाय, मंदबुद्धि की मदद करने की सीख देते हुए सदैव परोपकार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बस्ती, शहर,गांव का माहौल पवित्र, धाíमक बन जाता है। सभी में आपसी सहयोग, प्रेम व परोपकार की भावना आती है।

    
श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिवस आचार्य विक्रांत दुबे जी ने भागवत कथा का महत्व सुनाया। उन्होंने कहा कि हम ही परीक्षित हैं। सप्ताह में सात दिन होते हैं। इनमें से किसी एक दिन हमारी मृत्यु सुनिश्चित है। मृत्यु मंगलमय हो तो कुछ बात है। जिस प्रकार जीना एक कला है उसी प्रकार मरना भी एक कला है। हमारी मृत्यु सुधर गई तो परलोक सुधर जाता है। जीना हमें रामायण सिखाती है और हमारी मृत्यु को हम कैसे आनंददायक बनाएं, यह भागवत सिखाती है।
    
परीक्षित कथा सुनते हुए सातवें दिन मोक्ष पा गए। मन भटकता है तो उसे फटकारो। वह बहुत डरपोक होता है। एक बार डरा दोगे तो पाप नहीं करेगा। उसे साधना की लकड़ी से पीटकर समझाओ। धुंधकारी भी भागवत सुनकर मोक्ष पा गया। इस प्रकार जीते जी मोक्ष को प्राप्त कराने वाली कथा भागवत है। आचार्य जी ने कहा कि पूर्ण वैराग्य होने पर ही ज्ञान मार्ग में सफलता मिलती है। 

      
श्री सतीचौरा मां दुर्गा मंदिर, गंजपारा दुर्ग में आयोजित भावगत कथा की विशेष बात यह रही कि कथा के मुख्य आचार्य डॉ विक्रांत दुबे जी संगीतमय कथा कर रहे है इसके साथ साथ मूल पारायण युक्त श्रीमद् भागवत महापुराण का वाचन प्रधानाचार्य डॉ चंद्रकांत दुबे के सानिध्य में अलग से की जा रही है जोकि सामूहिक मूल पारायण कथा में बहुत से भक्तों के द्वारा अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए मूल परायण का पाठ 11 विद्वान पंडितों के द्वारा किया जा रहा है इस पारायण भागवत कथा निश्चित ही सबका कल्याण होगा क्योंकि पूर्वजों के उद्धार के लिए भागवत कथा को ही मूल बताया गया है इस पारायण में आचार्य विद्याधर तिवारी आचार्य गुलशन शर्मा नवीन अवस्थी पंकज अवस्थी यश शर्मा रमेश शर्मा विनय मिश्रा गुल दत्त पांडे सभी भक्तों के निमित्त व सभी के कल्याण के लिए श्रीमद् भागवत हो रहा है..
   
मन्दिर समित्ति के योगेन्द्र शर्मा बंटी ने बताया कि कथा के अंतिम दिवस मन्दिर परिसर में सभी यजमान, आचार्य डॉ विक्रांत दुबे आचार्य डॉ चंद्रकांत दुबे एवं 11 विद्वान पंडितों द्वारा हवन पूजन कराया गया, जिसमें प्रमुख यजमान परिवारों के साथ साथ सैकड़ों धर्मप्रेमी उपस्थित होकर लाभ लिए, हवन पूजन के पश्चात कथा स्थल दुर्गा मंदिर से शोभायात्रा निकाली गयी जोकि पूरा गंजपारा भ्रमण की बाजे गाजे के साथ निकाली गयी शोभायात्रा में धर्मप्रेमी झूमते रहे, शोभायात्रा के पश्चात सभी धर्मप्रेमियों को प्रसाद वितरण किया गया, 

     
कथा एवं शोभायात्रा में श्री तरुण पांडेय, दिनेश शर्मा, सरिता शर्मा, अनिता अग्रवाल, सरोज जोशी, मिथला देवी शर्मा, तारा देवी पुरोहित, राहुल शर्मा, ललित शर्मा, मनीष सेन, चंचल शर्मा, मोना शर्मा, प्रभा शर्मा, प्रतिभा पुरोहित, रेखा रुंगटा, सविता बावनकर, सुनीता गुप्ता, प्रभा शर्मा, कुलेश्वरी जायसवाल, सरिता वर्मा, माया वर्मा, ललिता सिन्हा, रुकमणी सिन्हा, लक्ष्मी यादव, सँध्या वर्मा, क्षया वर्मा, महेंद्र साहू, विनय मिश्रा, महेंद्र भूतड़ा, सूजल शर्मा, वाशु शर्मा, एवं भारी मात्रा में आज महिलाएं एवं पुरूष उपस्थित थे..

Ads Atas Artikel

Ads Atas Artikel 1

Ads Center 2

Ads Center 3