5 ब्लॉक के 30 मवेशी लंपी वायरस से संक्रमित, माहुद में एक गाय की लंपी वायरस से मौत हो गई
मवेशियों के लिए खतरनाक लंपी वायरस ने जिले में दो साल बाद फिर दस्तक दे दी है। जिसकी जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने शुक्रवार शाम को संबंधित अफसरों की आपातकालीन बैठक लेकर जरूरी चर्चा की। इसके पहले 2020 के अगस्त में इस वायरस ने दस्तक दी थी। जिसके बाद लगभग 55 से 60 हजार मवेशी संक्रमण की चपेट में आए थे, हालांकि पशु चिकित्सा विभाग का दावा है कि दो साल पहले एक भी मवेशी की मौत इस वायरस की वजह से नहीं हुई थी।
वहीं इस साल दो दिन के अंदर ही जिले के सभी ब्लॉक बालोद, गुंडरदेही, डौंडी, डौंडी लोहारा और गुरूर के 30 मवेशी संक्रमित हो चुके हैं। जिसमें अधिकांश गाय और बछड़े शामिल हैं। मवेशियों में लंपी वायरस मिलने की पुष्टि शुक्रवार को पशु चिकित्सा विभाग ने की है। हालांकि यह विभागीय अफसरों के अनुसार सरकारी आंकड़े है, लेकिन वास्तविकता यह है कि जिले के अधिकांश गांव में इस वायरस की चपेट में सैकड़ों मवेशी आ चुके है, जिसके बारे में विभागीय अफसरों को जानकारी नहीं है, क्योंकि हर गांव में विभागीय टीम पहुंच नहीं पाई है।
अगर हर गांव में जाकर वास्तविकता का पता लगाएं तो संक्रमित मवेशियों की संख्या में इजाफा होगा। वहीं विभागीय अफसरों का दावा है कि संक्रमित मवेशियों में जो वायरस पाए गए हैं, वह ज्यादा खतरनाक नहीं है। बावजूद सुरक्षा के लिहाज से पशुपालकों, डेयरी संचालकों को अलर्ट कर रहे हैं कि किसी प्रकार का लक्षण होने पर सूचना दें। इस लंपी वायरस की चपेट में राजस्थान, गुजरात सहित अन्य राज्यों के लाखों मवेशी आ चुके हैं।
दैवीय प्रकोप मान रहे माहुद के लोग, पसौद में काम बंद
गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम माहुद में भी मवेशियों में संक्रमण फैल रहा है। वहीं यहां के पशुपालक ईशा राम ठाकुर के घर में एक मवेशी की मौत हो चुकी है। जिसके बाद गांव स्तर पर दैवीय पूजा पाठ करने की तैयारी ग्रामीण कर रहे है। सरपंच डॉ. नारायण साहू, नरसिंह सिन्हा, संजय कुर्रे ने बताया कि आने वाले समय में गांव में संहड़ा देव, शीतला मंदिर सहित अन्य देवी-देवता की पूजा पाठ की जाएगी। ग्रामीण इस वायरस को दैवीय शक्ति यानी छोटी-बड़ी माता मान रहे हैं। वहीं ग्राम पसौद में गुरुवार को कामकाज पूरी तरह से बंद रखा गया था।
लक्षण दिखने पर नजदीकी केंद्र में कर सकते हैं संपर्क
किसी भी मवेशी में शरीर में फोड़ा, पैर में सूजन, तेज व सामान्य बुखार, खाना-पीना बंद कर दें तो तत्काल नजदीकी बालोद पशु चिकित्सालय व नजदीकी पशु औषधालय में संपर्क कर सकते हैं। विभाग के अनुसार अन्य लक्षण में शरीर पर मोटे दाने, दानों का घाव में बदल जाना, नाक बहना, मुंह से लार गिरना और दूध की कमी व अन्य शामिल हैं। पशु चिकित्सा विभाग के प्रभारी उपसंचालक देवेंद्र सिहारे से मोबाइल नंबर 9009995221 पर भी संपर्क कर सकते हैं। रोकथाम के लिए जरूरी व्यवस्था की गई है।