50 % से ज्यादा आरक्षण बर्दाश्त नहीं, संवैधानिक ढंग से लड़ेंगे 76 % आरक्षण के खिलाफ लड़ाई
बेमेतरा। प्रदेश सरकार द्वारा आरक्षण 76% करने से सामान्य वर्ग के युवाओं में जमकर नाराजगी है। इसका विरोध करने आंदोलन की रणनीति तय की गई।
इस संबंध में रामानंद त्रिपाठी ने बताया कि आरक्षण की सीमा 50 % से ज्यादा नहीं होने पर चर्चा की गई। यदि सरकार नहीं मानती है तो प्रदेशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय की गई। आरक्षण संबंधी नए प्रपोजल को लेकर कांग्रेस के मंत्रियों द्वारा राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए जाना और ऐसे उतावलेपन को लेकर सामान्य वर्ग नाराज है। इससे सरकार का सामान्य विरोधी मुखौटा उजागर हुआ है। एकमत से कहा गया कि यह आंदोलन धरना प्रदर्शन किसी भी वर्ग के खिलाफ नहीं होगा। लेकिन प्रदेश सरकार की मंशा वर्ग संघर्ष को प्रोत्साहित करने वाली मालूम होती है। इससे सावधान रहना है। 30 दिसंबर तक नए आरक्षण विधेयक के खिलाफ जागरूकता अभियान मार्कशीट की फोटो कॉपी जलाने सरकार के लिए सद्बुद्धि यज्ञ स्वच्छता अभियान सामान्य वर्ग के विधायकों का अनोखे ढंग से विरोध और अपने समाज प्रमुखों को इस आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित करने जैसी कई फैसले लिए गए। इस संबंध में हुई बैठक में रामानंद त्रिपाठी जितेंद्र शुक्ला लेखमणि पांडेय
भारत मिश्रा मधुशंकर मिश्रा आदि युवा उपस्थित थे।
आरक्षित वर्ग का मिला समर्थन - उन्होंने बताया कि बिलासपुर की बैठक में आरक्षण का लाभ पाने वर्ग के दो युवा भी आए। जिन्होंने कहा कि आरक्षण की वर्तमान व्यवस्था सामान्य वर्ग के हितों के लिहाज से उचित नहीं है। हम इस तरह की व्यवस्था के खिलाफ हैं
मंडल आयोग सदस्य रहीं दुर्ग से आईं वीणा दीक्षित ने भी युवाओं को मार्गदर्शन दिया।