जब जब अधर्म बढ़ता है तब भगवान.... राम वह कृष्ण झूलेलाल के रूप में अवतार लेते हैं.... बापू चिन्मयानंद

जब जब अधर्म बढ़ता है तब भगवान.... राम वह कृष्ण झूलेलाल के रूप में अवतार लेते हैं.... बापू चिन्मयानंद

जब जब अधर्म बढ़ता है तब भगवान.... राम वह कृष्ण झूलेलाल के रूप में अवतार लेते हैं.... बापू चिन्मयानंद

जब जब अधर्म बढ़ता है तब भगवान.... राम वह कृष्ण झूलेलाल के रूप में अवतार लेते हैं.... बापू चिन्मयानंद

श्री झूलेलाल मंदिर सिंधु अमरधाम आश्रम चकरभाटा मैं चालिहा उत्सव के अवसर पर राष्ट्रीय संत हरिद्वार से बापू चिन्मयानंद जी का सत्संग का आयोजन श्री झूलेलाल मंदिर में किया गया  बापू का स्वागत ढोल बाजे आतिशबाजी के साथ किया गया मंदिर आगमन पर श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों के द्वारा बापू की आरती उतारी गई वह फूलों की वर्षा की गई सत्संग की शुरुआत भगवान झूलेलाल वह बाबा गुरमुख दास जी के फोटो पर पुष्प अर्पण कर दिप प्रज्वलित करके की गई सत्संग में बापू ने अपनी अमृतवाणी में कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है अधरम बढ़ता है पाप बढ़ता है भगवान के भक्तों पर अत्याचार होता है तब भगवान पृथ्वी पर अवतार लेते हैं जैसे त्रेता युग में राम के रूप में अवतार लिया द्वापर मैं भगवान श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया कलयुग में भगवान झूलेलाल के रूप मैं सिंध में अवतार लिया 

भगवान के 2 अवतार होते हैं एक होता है पूर्ण अवतार एक होता है आंशिक अवतार जैसे राम व कृष्ण के रूप में भगवान ने अवतार लिया वह पूर्ण अवतार था और भगवान झूलेलाल व नरसिंह अवतार मत्स्य अवतार ऐसे अवतार जो भगवान ने लिए वह आंशिक ओर कम समय के लिए अवतार थे भगवान कृष्ण भगवान झूलेलाल के अवतार में कई समानताएं हैं भगवान झूलेलाल ने मिरख बादशाह के अत्याचारों से बचाने के लिए सिंधी समाज के रतन राय माता देवकी के घर में अवतार लिया भगवान जन्म नहीं लेते अवतार लेते हैं सिंधी समाज ने अपने धर्म की रक्षा के लिए घर बार धन दौलत यहां तक की अपने मूल जन्मस्थान सिंध को भी छोड़ दिया पर अपने धर्म को नहीं छोड़ा आज जहां जहां सिंधी समाज रहते हैं वहां वहां उनके ऊपर भगवान झूलेलाल का आशीर्वाद है 

पर आज कुछ ऐसे लोग भी हैं जो चंद रुपयों के खातिर अपने धर्म को छोड़ रहे हैं वह अन्य धर्म अपना रहे हैं सनातन धर्म ही हमारा सबसे बड़ा धर्म है सबसे पुराना धर्म है कुछ स्वार्थी अधर्मी लोग भोले भाले लोगों को बहला कर फुसलाकर लालच में फंसा कर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं जो कि सबसे बड़ा पाप है हिंदू समाज के लोग कभी भी किसी अन्य धर्म को के लोगों को धर्म परिवर्तन नहीं कराता है हमारा धर्म विशाल है हमारे धर्म में 33 करोड़ देवी देवता है यह मंदिर भी हिंदू धर्म का प्रतीक है यहां भगवान झूलेलाल राधा कृष्ण भगवान श्री रामचंद्र जी भ्राता लक्ष्मण जी माता सीता जी हनुमान जी भगवान भोलेनाथ माता पार्वती जी मां दुर्गा गणेश जी राधा कृष्ण जी की सुंदर मूर्तियां विराजमान है आज इस तरह इस मंदिर के द्वारा कई धार्मिक और परोपकारी कार्य किए जाते हैं वह बड़े ही सराहनीय हैं जैसे मुंडन संस्कार जनेऊ संस्कार व सामूहिक विवाह का आयोजन स्वास्थ्य शिविर का आयोजन व अन्य कई जनहित के धार्मिक आयोजन किए जाते हैं आज भी साईं लाल दास जी के द्वारा 40 दिन का मौन व्रत उपवास रखा गया है व सुबह शाम नितनेम आरती पूजा सिमरन हवन यज्ञ करना कोई मामूली बात नहीं है यह सब किसके लिए कर रहे हैं आप सभी के लिए ताकि इसका जो भी फल मिलेगा वह समाज के उत्थान के लिए उनकी रक्षा के लिए उनके दुख दर्द दूर करने के लिए कर रहे हैं

संत अपने लिए कुछ नहीं करता है जो भी करता है जनमानस के उद्धार के लिए करता है मैं बहुत नसीब वाला हूं कि मुझे यहां आने का मौका मिला वह आज दूसरी बार इस मंदिर में आया हूं अभी तक में देश-विदेश में घुमा राम कथा की भागवत किया पर सिंधी समाज के इस मंदिर में आकर कथा करना बड़ा सौभाग्यशाली अपने आप को मानता हूं यह सब साइं जी के प्यार व स्नेह की ताकत है जो मुझे दोबारा खींच लाई ऐसा लगता है कि मैं अपने छोटे भाई के घर में आया हूं और आप सभी के दर्शन करके मैं धन्य हुआ भक्तों में ही भगवान वास करते हैं और आप सभी को देखकर मैं भगवान झूलेलाल जी के दर्शन कर रहा हूं इस अवसर पर बापू ने कई भक्ति भरे भजन गाए जिसे सुनकर भक्तजन भाव विभोर हो गए कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई अरदास कि गई पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया बाबा गुरमुखदास सेवा समिति के द्वारा बापू को फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया पार्षद विजय वर्मा के द्वारा भी बापू का स्वागत किया गया साईं जी के द्वारा शाल पहनाकर श्रीफल से बापू का सम्मान किया गया
आज के इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुख दास सेवा समिति श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा इस आयोजन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन बिलासपुर रायपुर चक्करभाटा बिल्हा दुर्ग राजनंदगांव से पहुंचे थे इस पूरे सत्संग का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में भक्तजनों ने घर बैठे आज के सत्संग का आनंद लिया


श्री विजय दुसेजा जी की खबर 

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