आंगनबाड़ी केंद्र में बरबट्टी के पत्ते के साथ कांदा भाजी खिलाए, 12 बच्चे हुए बीमार
एक ओर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से दावा किया जा रहा है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है, लेकिन सच्चाई कुछ और है। सच्चाई यह है कि पौष्टिक आहार के नाम पर कांदा व बरबट्टी भाजी को एक साथ बनाकर परोसा जा रहा है। यही वजह है कि बच्चे डायरिया की चपेट में आ रहे हैं।
ताजा मामला गुरूर ब्लॉक के ग्राम कन्हारपुरी का है, जहां आंगनबाड़ी के कुल 12 बच्चे बीमार हो गए। सभी को उल्टी-दस्त हो रहा है। इसमें से 5 बच्चों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर में चल रहा है। मंगलवार को दोपहर में 3 वर्ष की प्रियांशी, 4 वर्ष की उपासना, 2 वर्ष की पूर्वी को संजीवनी 108 वाहन की मदद से स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया।
इसके पहले 4 बच्चे लावण्या, विनीता, भावेश एवं वेदिका को भी भर्ती किया गया था। बाकी बच्चों का घर पर इलाज चल रहा है। किसी बच्चे को उल्टी तो किसी को दस्त हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मंगलवार को गांव पहुंचकर जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व पालकों से चर्चा की।
जांच के लिए पानी और खाद्य सामग्री का सैंपल भेजा गया
शासन, प्रशासन के आदेश पर सप्ताह में एक दिन भाजी देने का नियम बनाया गया है। शनिवार को भाजी बनाकर चार साल तक के 25 बच्चों को परोसा गया था। जिसमें 12 बच्चे डायरिया से प्रभावित हुए हैं। ग्राम कन्हारपुरी के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 2 के बच्चों को उल्टी, दस्त की शिकायत पर मंगलवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर अफसरों ने खाद्य सामग्री, पानी का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है।
गुरूर के बीएमओ डॉक्टर जीआर रावटे ने बताया कि संबंधितों से चर्चा करने पर यह मालूम हुआ कि कांदा भाजी खाने के बाद बच्चों को उल्टी, दस्त हुआ है। इसलिए प्रथम दृष्टया भाजी खाने से ही बच्चे बीमार हुए है, ऐसा मान रहे है। अभी जांच चल रही है। फिलहाल 5 बच्चों का इलाज सीएचसी में चल रहा है। गांव के सभी जल स्रोतों की भी जांच की जा रही है।
पहली बार सुन रहे दो भाजी को बनाकर एक साथ खिलाया
मंगलवार शाम 6.45 बजे भास्कर टीम सीएचसी गुरूर पहुंची। वहां मौजूद देवकी बाई, तारावती, कुलेश्वरी ने बताया कि बच्चों को उल्टी, दस्त होने पर पूछे तो बताया कि शनिवार को आंगनबाड़ी केंद्र में कांदा व बरबट्टी भाजी परोसा गया था। ऐसा पहली बार सुने हैं कि दोनों भाजी को एक साथ बनाकर खिलाया गया। विधायक संगीता सिन्हा भी बच्चों का हाल चाल जानने पहुंची थी।
पालक देवलाल साहू ने कहा कि दो दिन पहले बेटी को उल्टी हुई, तब जानकारी ली तो बताया कि भाजी खाए थे। पालकों का कहना है कि बच्चे बीमार हुए है, उसके लिए सिस्टम जिम्मेदार है, सिस्टम यह कि पौष्टिक आहार के नाम पर सप्ताह में एक दिन भाजी खिलाना है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी अजय शर्मा से जब इस संबंध में संपर्क किया गया तो उन्होंने कॉल अटेंड नहीं किया।
बच्चों के नहीं आने पर मामले का हुआ खुलासा
कार्यकर्ता रोहनी साहू ने बताया कि जो बच्चे डायरिया से प्रभावित हुए हैं, वह बच्चे केंद्र में नहीं पहुंचे थे, इसलिए उन्होंने जब परिजनों से संपर्क किया तब मामले का खुलासा हुआ। जिसके बाद तत्काल सरपंच के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग सहित अन्य विभागीय अधिकारियों को सूचना दी गई। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम संदिग्ध लोगों की जांच कर रही है।