विश्वास सबसे बड़ी शक्ति है.... डॉ रमेश कलवानी
श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चकरभाटा में चालिहां उत्सव के 13 वे दिन धूनी साहब का आयोजन कलवानी फैमिली के द्वारा किया गया कार्यक्रम की शुरुआत भगवान झूलेलाल वह बाबा गुरमुख दास जी के फोटो पर माला अर्पण कर दीप प्रजवलित करके की गई इस अवसर पर कटनी से आकाश म्यूजिकल पार्टी के द्वारा वह रवि रूपवानी के द्वारा भक्ति भरे भजनों की शानदार प्रस्तुति दी गई जीसे सुनकर उपस्थित भक्तजन झूम उठे इस अवसर पर नानक पंजवानी के द्वारा सिंधी गीत की प्रस्तुति दी
सुहणना सिंधी सुथा सिंधी प्यारा सिंधी अनिल पंजवानी के द्वारा भी भक्ति भरा भजन गाया गया रामा वेली के छोटे बच्चों के द्वारा भक्ति भरे भजनों पर शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी गई डॉ रमेश कलवानी ने एक ज्ञानवर्धक कथा सुनाई एक नगर में रामू नाम का परिवार रहता था उसका एक बेटा था गोविंद उसकी उम्र 7 साल वह बाहर बच्चों के साथ खेलता रहता था वह दूसरों बच्चों को देखता था कि उसकी बहन है लेकिन मेरी कोई बहन नहीं है तो घर में आकर अपने मां बाप को बोलने लगा पापा मुझे भी बहन चाहिए मुझे मेरी बहन ला कर दो
दोनों पति-पत्नी आपस में विचार करके कहा बेटा बहुत जल्दी तुम्हारी बहन आ जाएगी चिंता मत करो उन्होंने एक और बच्चा करने की बात सोची ताकि गोविंद खुश हो जाए और गोविंद को बहन मिले भगवान ने उनकी बात सुनी वह दिन भी आ गया जब गोविंद की मां अस्पताल में भर्ती हुई उसने गोविंद की बहन को जन्म दिया इस खुशी के मौके पर एक गम का पहाड़ टूट पड़ा रामू की पत्नी प्रीति बच्चा जन्म देने के साथ ही भगवान के पास चले गई उसका स्वर्गवास हो गया रामू अब खुशी मनाएं यहां रोए अब यह बात अपने छोटे बेटे गोविंद को कैसे बताएं गोविंद तो बहुत खुश था कि उसकी बहन आ गई मोहल्ले में घूम रहा था सबको बच्चों को बता रहा था की मेरी बहन आ गई उसे क्या पता कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही
कुछ समय के बाद गोविंद ने सोचा कि माँ घूमने गई है वापस आ जाएगी फिर 2 माह के बाद गोविंद को बताया कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही तब गोविंद ने कहा पापा आप चिंता मत करो मैं आपका ध्यान रखूंगा और अपनी बहन भी ध्यान रख लूंगा अपनी बहन को मैं खुद मां बनकर प्यार दूंगा पालूंगा गोविंद की बात सुनकर रामू रोने लगा खुशी के आंसू बहने लगे कितना छोटा बच्चा इतनी बड़ी बातें कर रहा है वक्त बिता गया रामू की बेटी रानी 5 साल की हो गई एक दिन अचानक उसकी तबियत बहुत खराब हो गई डॉक्टर के पास ले जाने के लिए पैसे नहीं थे हालत बहुत बिगड़ गई थी रामू बहुत रो रहा था गोविंद ने पूछा क्या हुआ पापा रामू ने कहा बेटा अब रानी नहीं बच पाएगी उसके तबयत बहुत खराब है अब कोई चमत्कार ही उसे बचा सकता है गोविंद अंदर रूम में गया अपने गुल्लर को तोड़ दिया जमा किए पैसे करीबन ₹100 रुपये निकले लेकर मेडिकल दुकान चला गया और मेडिकल वाले को कहने लगा अंकल मुझे चमकार दो मेरी बहन बहुत बीमार है मेडिकल वाला बात सुनकर हैरान हो गया
छोटा सा बच्चा क्या बोल रहा है मैं क्या जवाब दूं वहीं पर एक बड़ा सर्जन डॉक्टर खड़ा था उसने पूछा क्या हुआ बेटा गोविंद ने कहा अंकल मेरी बहन बहुत बीमार है मुझे चमककार चाहिए यह पैसे ले लो डॉक्टर ने कहा चलो बेटा मैं तुम्हारी बहन को देखता हूं डॉक्टर घर पहुंचा और रानी को देखा और बोला बच्चे की तबीयत बहुत खराब है तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराना होगा डॉक्टर ने तुरंत एंबुलेंस बुलाया और रानी को अस्पताल लेकर भर्ती किया तुरंत उसका ऑपरेशन किया भगवान की कृपा से रामू की बेटी रानी बच गई रामू तुरंत अस्पताल पहुंचा और कहा डॉक्टर साहब आप मेरे लिए भगवान हैं जिसने मेरी बेटी को बचा लिया और मेरे पास आपको देने के लिए कुछ रुपए नहीं है आपके कितने रुपए हुए मुझे बता दीजिए मैं मेहनत करके काम करके मजदूरी करके कहीं से भी आपका पूरा कर्जा उतार दूंगा डॉक्टर ने कहा मुझे तो मेरे पैसे मिल गए तुम्हारे इस बेटे ने जो मुझे पैसे दिए हैं वह ₹100 नहीं ₹100000 के बराबर है और सबसे बड़ी बात है कि इसने मुझ पर विश्वास किया मैंने कुछ नहीं किया इसके विश्वास ने आपकी बेटी को बचाया है इसने विश्वास किया और मैंने इसके भरोसे पर ऑपरेशन किया
इस कहानी का तात्पर्य है कि अगर आपको सच्चा विश्वास है अपने भगवान पर अपने गुरु पर अपने माता-पिता पर तो वह कार्य जरूर सफल होगा भरोसा रखें अपने भगवान पर अपने इष्ट देव भगवान झूलेलाल पर वह आप सभी का दुख दर्द दूर करेंगे विश्वास है तो बड़े से बड़े पहाड़ को भी तोड़ सकते हो जो भी इस मंदिर में आया है झूलेलाल ने उसकी मुराद जरूर पूरी की है
बच्चों के डॉक्टर अभिषेक कलवानी के द्वारा भी साद संगत को अपने बच्चों को कैसे पाले उसके बारे में जानकारी दी कि आजकल छोटे बच्चे मोबाइल की लत से पड़ गए हैं उनका ध्यान पढ़ाई में कम हो गया है चिड़चिड़ापन हो गया है जिसके कारण आंखों की रोशनी भी कम हो सकती है और कई परेशानियां व बीमारी भी आ सकती है अब बच्चों को मोबाइल से कैसे दूर करें इसके बारे में उन्होंने बताया और कहा कि बच्चों को चंद क्षण के खुशी के लिए आप बच्चों का कहना मान लेते हैं लेकिन वह आगे चलकर बहुत परेशानी देगी इसीलिए जिसमें उसका भला हो वह कार्य कीजिए कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई अरदास की गई पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया कलवानी फैमिली के द्वारा साईं जी व भाभी मां का भव्य स्वागत किया गया व सम्मान किया गया
साईं जी के द्वारा भी डॉ रमेश कलवानी सपना कलवानी का शाल पहनाकर सम्मान किया गया इस अवसर पर पत्रकार फोटोग्राफर विजय दुसेजा का भी शाल व श्रीफल फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत और सम्मान किया गया आज के इस पूरे आयोजन का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में भक्तजनों ने घर बैठे कार्यक्रम का आनंद लिया इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुख दास सेवा समिति श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा
श्री विजय दुसेजा जी की खबर