मां के गर्भ में ही भगवान का नाम जपना शुरू करना चाहिए श्री साई कृष्ण दास जी

मां के गर्भ में ही भगवान का नाम जपना शुरू करना चाहिए श्री साई कृष्ण दास जी

मां के गर्भ में ही भगवान का नाम जपना शुरू करना चाहिए श्री साई कृष्ण दास जी

मां के गर्भ में ही भगवान का नाम जपना शुरू करना चाहिए श्री साई कृष्ण दास जी

बाबा आनंद राम दरबार चकरभाटा के साई कृष्ण दास जी का श्री कृष्णा सेंट्रल मॉल व्यापार विहार रोड में सत्संग का आयोजन किया गया सत्संग का आरंभ राधा कृष्ण जी के फोटो पर पुष्प अर्पण कर के किया गया सत्संग में साई जी ने कहा कि आजकल लोग खुद तो सत्संग में जाते नहीं हैं और दूसरों को भी जाने के लिए तोकते हैं रोकते हैं कहते हैं कि अभी तेरी उम्र थोड़ी हुई है सत्संग की जाने की सेवा करने की अभी टाइम है मौज कर ले ऐश कर ले ऐसा नहीं है भक्तों भगवान का अगर सिमरन करना है नाम जपना है तो उसकी कोई उम्र नहीं होती है कोई समय नहीं होता है 24 घंटे हर समय भगवान का सिमरन कर सकते हो नाम जप सकते हो वह मां के गर्भ से ही भगवान का नाम जपना चाहिए 

जैसे भक्त प्रह्लाद ने मां के गर्भ में ही भगवान विष्णु की आराधना करना नाम जपना श्री हरी श्री हरी आरंभ कर दिया था वैसे ही आप सभी को भी सत्संग में जाना चाहिए संतों की वाणी सुननी चाहिए उस पर अमल करना चाहिए वह अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए सिर्फ पैसा कमाना पढ़-लिख लेना ही जीवन सफल हो जाए ऐसा नहीं है सत्य कर्म करना संतो के संग रहना संतो के आशीष पाना संतो के बताए मार्ग पर चलना माता पिता गुरु की सेवा करना यही है जीवन की सच्ची सफलता हर हर सड़क पर आपको साफ सफाई करनी चाहिए झाड़ू लगाना चाहिए हो सके तो उसको फुलो की वर्षा करनी चाहिए क्या पता कोई भक्तजन सत्संग में जाता हो सत्संग सुनने जा रहा हो सत्संग करने जा रहा हो कहते हैं भगवान भक्तों में वास करते हैं 

साईं जी ने अपने अमृतवाणी से कई कथाएं ज्ञानवर्धक बताई जिनमें एक प्रमुख कथा है एक गांव में दो मित्र थे एक 10 साल का था एक 17 साल का था रामू और श्यामू दोनों घनिष्ठ मित्र थे 1 दिन घूमने के लिए जंगल जाते हैं और खेलते खेलते रामू का पांव फिसल जाता है और जंगल में एक सूखे कुएं में गिर जाता है और चिल्लाने लगता है मुझे बचाओ मुझे बचाओ जब श्यामू देखता है तो मेरा मित्र गहरे कुएं में गिर गया है और पूछता है मित्र तुम ना कैसे गिर गए रामू बोलता है पांव फिसल गया शयामू मुझे जल्दी बाहर निकालो श्यामू चारो और नजर देखता है कोई नजर नहीं आता है सामने एक रससी पडी होती है वह तुरंत उठाता है और नीचे कुएं में फेंक ता है ओर कहता है रामू इसे पकड़ो मैं तुम्हें खिचता हूं तुम बाहर आ जाना रामू सोचता है यह छोटा 10 साल का पतलू लुगडू और मैं 17 साल का बड़ा हट्टा कट्टा जवान कैसे खींच पाएगा मुझे विश्वास नहीं होता है पर मरता क्या न करता 
रामू कहता है ओके ठीक है भाई मुझे खिचो कड़ी मेहनत के बाद ऊपर आ जाता है और श्यामू के गले लग जाता है तूने आज मुझे नया जीवन दिया है तू ही मेरा सच्चा मित्र है दोनों गांव पहुंचते हैं और रामू और गांव वालों को अपने माता पिता को सारी घटना बताता है पर किसी को विश्वास नहीं होता है कि यह छोटा 10 साल का बच्चा श्यामू 17 साल लड़के रामू को कैसे बाहर निकाल सकता है गहरे कुएं से गांव के पास से ही एक संत की कुटिया थी वहां भी जाते हैं रामू और श्यामू दोनों संत को सारी बात बताते हैं संत कहता है मुझे पूरा विश्वास है कि तुमने रामू को बचा लिया वह कुवै से बाहर निकाला है मैं तुम्हारी बात पर विश्वास करता हूं तब गांव वाले यह बात सुनकर हैरान हो जाते हैं और कहते हैं संत जी यह आप कैसे कह सकते हैं कि छोटे से बालक ने रामू को बचा लिया तब संत कहता है अगर वहां पर आस-पास में कोई नहीं था अगर कोई होता तो जैसे तुम अभी कह रहे हो वैसे वहां पर भी कहते कि हट तू नहीं निकाल पाएगा हम निकालते हैं उसे यह सब बोलने वाला रोकने वाला कोई नहीं था इसीलिए वह रामू को निकाल पाया इस कहानी का तात्पर्य यह है कि अगर कोई अच्छा काम करता है भला काम करता है जो सत्य मार्ग पर चलता है तो उसे रोके नहीं टोके नहीं बल्कि उस को प्रोत्साहित करें ताकि वह सही मार्ग पर चले सत्संग में जाए सेवा करें साईं जी के द्वारा कई भक्ति भरे भजन भी गाय जीसे सुनकर उपस्थित सभी भक्तजन झूम उठे कार्यक्रम के आखिर में धीरज रोहरा प्रकाश गवलानी विकास कुकरेजा के द्वारा साईं जी का फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया वह छाल श्रीफल से सम्मान किया गया और स्मृति चिन्ह भी दिया गया सत्संग के अंत में अरदास की गई विश्वकल्याण के पल्लव पाया गया प्रसाद वितरण किया गया आई हुई सभी साध संगत के लिए प्रभु का प्रसाद आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तजनों ने भंडारा गृहण किया अपने आत्मा और शरीर को तृप्त किया आज के इस सत्संग को सफल बनाने में बाबा आनद राम सेवा समिति बिलासपुर चकरभाटा के सभी सेवादारों का विशेष सहयोग रहा इस आयोजन में बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे 
जिनमें प्रमुख है डॉ ललित मखीजा दिनेश चंदानी सुरेश सिदारा उमेश भावनानी रूपचंद डोडवानी प्रकाश चावला अभिषेक विधानी नीरज जगियासी शंकर मनचंदा दयानंद विनोद लालचंदानी मनोहर पमनानी कमल बजाज श्री चंद टहल्यानी नानक खाटूजा बंटी वाधवानी विनीता भावनानी ज्योति पंजाबी कंचन रोहरा कीर्ति सिरवानी कृपा सिदारा व बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे


श्री विजय दुसेजा जी की खबर 

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