राष्ट्रीय कवि संगम जिला बालोद के बैनर तले विगत 11 दिसंबर दिन रविवार को साहित्यिक संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया
राष्ट्रीय कवि संगम जिला बालोद के बैनर तले विगत 11 दिसंबर दिन रविवार को गौरा गुड़ी चौक पिनकापार में राष्ट्र जागरण धर्म हमारा विषय पर साहित्यिक संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.सुधीर शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार रायपुर रहे, बालोद जिले के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अशोक आकाश संयोजक राष्ट्रीय कवि संगम बालोद एवं समन्वयक छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग ने अध्यक्षता की । उक्त गरिमामयी आयोजन में महेश कुमार शर्मा राष्ट्रीय सह महामंत्री राष्ट्रीय कवि संगम, कमल शर्मा प्रांतीय उपाध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम, अमित कुमार श्रीवास्तव डिप्टी कलेक्टर बालोद, डॉ. शंकरमुनि राय विभागाध्यक्ष हिन्दी, दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव, गिरवर दास मानिकपुरी सुप्रसिद्ध गीतकार दुर्ग, लोकनाथ साहू ललकार अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम रायपुर, श्रीमती सोमिन भुआर्य सरपंच ग्राम पंचायत पिनकापार विशेष अतिथि रहे।
श्रीमती हर्षा देवांगन एवं लालेश्वर साहू के संचालन में कार्यक्रम की शुरुआत मॉ सरस्वती की पूजा अर्चना पश्चात छत्तीसगढ़ राज-गीत अरपा पैरी के धार से की गई। अतिथि स्वागत पश्चात आयोजन समिति राष्ट्रीय कवि संगम जिला बालोद अध्यक्ष अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा के स्वागत उद्बोधन से कार्यक्रम को गति मिली। साहित्यिक संगोष्ठी का विषय राष्ट्र जागरण धर्म हमारा पर बात रखते डॉ.शंकरमुनि राय 'गड़बड़' राजनांदगांव ने कहा देश की आत्मा गॉव में बसती है,ग्राम जागरण से राष्ट्र जागरण की संकल्पना पूरी की जा सकती है।विशेष अतिथि अमित कुमार श्रीवास्तव ने कहा कला एवं साहित्य सामाजिक परिवर्तन का वाहक है इसी से राष्ट्र जागरण संभव हुआ है इतिहास देखें तो कला साहित्य एवं संस्कृति की सेवा करने वाले लोग ही समाज में जागृति लाते हैं। रामायण महाभारत एवं कबीर के साहित्य जागरण का साहित्य है जिसपर हमें कार्य करने की जरूरत है।राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय सह महामंत्री महेश कुमार शर्मा ने राष्ट्रीय कवि संगम जिला बालोद द्वारा आयोजित साहित्यिक संगोष्ठी की केन्द्र बिन्दु पर बात रखते कहा साहित्यकार अपनी ऊर्जा से राष्ट्र जागरण का उद्घोष करता है वह अपनी कल्पना से राष्ट्र निर्माण का संदेश देता है,हम अपने बच्चों को राष्ट्रीयता देशभक्ति और जागरण की धरोहर देकर जायें जिससे देश सदैव मजबूत रहे। मुख्य अतिथि डॉ.सुधीर शर्मा ने कहा साहित्य राष्ट्र जागरण का केन्द्र बिन्दु है मातृ भाषा में साहित्य सृजन से हम राष्ट्र जागरण का उद्घोष कर सकते हैं जब तक हम अपनी मातृभाषा का उपयोग नहीं करेंगे तब तक हम राष्ट्र जागरण में सहयोगी नहीं हो सकते। उन्होने कला को साहित्य का पूरक बताते रामचन्द्र देशमुख , खुमान साव और हबीब तनवीर के सांस्कृतिक जागरण में योगदान को याद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ.अशोक आकाश ने कहा कि जनचेतना जागृति से ही राष्ट्र जागरण संभव हो सकता है साहित्यकारों को इस दिशा में महती जिम्मेदारी निभानी होगी।
थानखम्हरिया से पधारे साहित्यकार कमल शर्मा ने कहा साहित्य मनोरंजन का विषय नहीं, जन जन के मन को मांजने का विषय है इस उद्देश्य को लेकर हम राष्ट्रीय कवि संगम के माध्यम से तेरह वर्ष से राष्ट्रीय स्तर पर लगातार कार्य कर रहे हैं ।कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन का शानदार आयोजन वीरेन्द्र तिवारी वीरू अर्जुनी डोंगरगॉव के संचालन में सम्पन्न हुआ। जिसमें राष्ट्र जागरण का सकारात्मक संदेश देती कविताएँ पढ़ी गई। कार्यक्रम को संचालित करने में उपाध्यक्ष गजपति राम साहू,भरत बुलंदी, कन्हैया लाल बारले, सचिव हर्षा देवांगन, सह सचिव लालेश्वर साहू, मीडिया प्रभारी डिगेन्द्र साहू, संरक्षक केशवराम साहू एवं योगेश छत्तीसगढ़िया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान करने वाले साहित्यकार गिरवर दास मानिकपुरी, देवजोशी गुलाब अध्यक्ष जनवादी लेखक संघ बालोद, रामेन्द्र नायक, चुरामन साहू , पवन यादव पहुना, एवं शिवनाथ साहित्य धारा डोंगरगांव के साहित्यकार वीरेन्द्र कुमार तिवारी वीरू, गजेन्द्र हरिहारनो, महेन्द्र बघेल मधु, गोवर्धन परतेती गंभीर, राजकुमार चौधरी, माधवी गणवीर, रोहिणी पटेल सहित बड़ी संख्या में साहित्य रसिक ग्रामवासी एवं जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। पूर्व सरपंच दिलेश्वर भूआर्य के आभार प्रदर्शन से कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।