अपने लंबित मांगों को लेकर कल से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ,बी एम एस

अपने लंबित मांगों को लेकर कल से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ,बी एम एस

अपने लंबित मांगों को लेकर कल से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ,बी एम एस

अपने लंबित मांगों को लेकर कल से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ,बी एम एस

भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश नेतृत्व के आहृवान पर पूरे प्रदेश में 14 दिसबंर से अपने 8 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेगी ।ईस संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने पुरे प्रदेश में संबंधित विभाग को अपना ज्ञापन सौंप दीया है। और हड़ताल को सफल बनाने के लिए सैकड़ों कार्यकर्ता और सहायिकाओं का झलमला और गोठीया में बैठक संपन्न हुआ । जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के 8 सूत्रीय मांगे है जिसमें भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन 18000 एवं सहायिका को 9000 प्रतिमाह भुगतान जायज है साथ ही 9 माह की एरियर्स राशि का भुगतान, असिस्टेंट के आधार पर पदोन्नति तथा वरिष्ठता के आधार पर सुपरवाइजर का पद भरने जैसे मांगे जायज है। 

जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि अनिश्चितकालीन हड़ताल 14 दिसम्बर से प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में प्रारंभ हो जायेगा, ईस दिन से धरना प्रदर्शन कर सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा, जोकि 20 दिसंबर तक जिला मुख्यालयों में चलेगा। इसके पश्चात 22 दिसंबर से राजधानी रायपुर में अनिश्चितकालीन आन्दोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला महामंत्री श्रीमती माधुरी रथ ने कहा कि सरकार हमें नजर अंदाज करके हमें ही कुपोषित करने पर तुली है। नई शिक्षा नीति के तहत हमे भी प्राथमिकता न देकर अनदेखा किया जा रहा है । और तो और इस 6500 के अल्प मानदेय से ही हमे इंटरनेट का खर्च करवाकर, पोषण ट्रैकर एप का काम करवाया जा रहा है।

ऐसी ही अनेक विसंगतियों मे छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ कार्य करने को विवश हैं। इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपकर 14 दिसंबर से भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने बताया है, समस्याओं के निवारण के लिए कि,1975 से समेकित महिला एवं बाल विकास परियोजना पूरे भारत मे संचालित है, परंतु इस कार्य कोकरने के लिए नियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका आज तक सरकारी कर्मचारी घोषित नही हो पाई है,उनको आज भी मानदेय ही मिल रहा है,6500 में अपने परिवार का भरणपोषण करने को विवश हैं। वैसे तो सरकार की ये योजना भारत मे कुपोषण को खत्म करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है, परंतु सरकार द्वारा उपेक्षित पूरे छत्तीसगढ़ की कार्यकर्ताओ ने आंदोलन का बिगुल बजाया है। 
1,00000 लाख से भी ज्यादा की संख्या में कार्यकर्ता और सहायिका  बहनों ने शासन की योजनाओं को
फलीभूत सफल कर रहे हैं। और स्वंय की समस्याओं के समाधान के लि समय समय पर राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपकर उनके संज्ञान में लाया जा रहा है, परंतु आज तक कोई निराकरण नही हो पाया है। जोकि बहुत ही खेदजनक है। लेकिन अब ये आंदोलन अनिश्चितकालीन है, जब तक हमारी मांगे पूरी नही होती हम अपने आंदोलन में डटे रहेंगे ।
ईस बैठक में मुख्य रूप से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला अध्यक्ष श्रीमती आयशा खान, महामंत्री श्रीमती माधुरी रथ, प्रदेश मंत्री श्रीमती कुलेश्वरी, श्रीमती विद्या गुप्ता, श्रीमती लक्ष्मी, श्रीमती संजय कुमारी, श्रीमती ललिता, श्रीमती पूर्णिमा, श्रीमती संगीता, आदि सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं उपस्थित थीं।

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