आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल का आज दूसरा दिन 8 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठीं, 469 केंद्रों पर लटका ताला

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल का आज दूसरा दिन 8 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठीं, 469 केंद्रों पर लटका ताला

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल का आज दूसरा दिन 8 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठीं, 469 केंद्रों पर लटका ताला

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल का आज दूसरा दिन 8 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठीं, 469 केंद्रों पर लटका ताला

बालोद जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल का गुरुवार को दूसरा दिन है। शहर के नए बस स्टैंड पर अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर उन्होंने बुधवार से अपनी हड़ताल शुरू की। उन्होंने कहा कि अगर 20 दिसंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

इधर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही हमने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए काफी कुछ किया है। 2023 में सरकार के बजट में उनकी मांगों को पूरा करने कोशिश करेंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की जिला महामंत्री माधुरी रत ने कहा कि हमने कोरोना वायरस के संक्रमण काल में भी अपनी जान जोखिम में लेकर काम किया, लेकिन हमें किसी तरह का अतिरिक्त पारिश्रमिक नहीं दिया गया। हमारी समय अवधि भी बढ़ा दी गई है, लेकिन वेतन नहीं बढ़ाया गया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब प्रदेश में भाजपा सरकार थी, तो उन्होंने भी टालमटोल कर दिया था। इसके बाद जब कांग्रेस ने वादों के साथ सरकार बना ली, तो 4 साल बीत जाने के बाद भी उन्होंने हमें केवल आश्वासन ही दिया है। वहीं जिला अध्यक्ष आयशा खान ने कहा कि हम अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। जिले में कुल 1,523 आंगनबाड़ी केंद्र है। जिले के बालोद, गुंडरदेही और चिखलाकसा सेक्टर से 469 आंगनबाड़ी की 900 कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं धरने पर बैठी हैं।

इधर छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की 7 दिवसीय हड़ताल के कारण कामकाज ठप है। बुधवार को कुपोषण से जूझ रहे बच्चों के लिए चलाया जा रहा अंडा वितरण अभियान भी बंद रहा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर हड़ताल पर पहुंचीं। हड़ताल से बच्चों को दिया जाने वाला पूरक पोषण आहार भी ठप हो गया। हड़ताल पर रहे इन आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटका रहा, वहीं इन केंद्रों के लगभग 15 हजार से अधिक बच्चों को पूरक पोषण आहार भी नहीं दिया गया।

संघ की जिला अध्यक्ष आयशा खान, महामंत्री माधुरी रथ ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकताओं व सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। ऐसा होने तक भारत सरकार से निर्धारित न्यूनतम वेतन कार्यकर्ताओं को 18 हजार व सहायिका को 9 हजार प्रतिमाह दिया जाए। आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत कर्मियों को भविष्य निधि जीवन निर्वाह भत्ता, सेवानिवृत्त भत्ता, उनके एवं उन पर आश्रितों को चिकित्सा सुविधा, बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा लागू की जाए। पोषण ट्रैकर में काम करने फोन, सिम, इंटरनेट खर्च की निर्धारित राशि का भुगतान भी सरकार करे। बालोद जिले में कुल आंगनबाड़ी केंद्र 1 हजार 523 है। हड़ताल के कारण 469 आंगनबाड़ी बंद हैं। सभी केंद्रों में 57 हजार बच्चे हैं, इनमें से स्ट्राइक के चलते 15 हजार बच्चे प्रभावित हैं।

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