भागवत कथा सुनने मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है:– पंडित तोरण महाराज जी
माता पिता की सेवा करना परम सौभाग्य है:–पंडित तोरण महाराज जी
दल्ली राजहरा में भागवत कथा पुराण सुनने उमड़ी भीड़
दल्लीराजहरा: मां अंगारमोती, मां खप्परवाली महिला समिति ग्रुप के तत्वाधान में श्रीमद भागवत कथा पुराण का आयोजन 2 दिसंबर से 10 दिसंबर तक पंडरदल्ली वार्ड नंबर 2 दल्लीराजहरा में किया जा रहा है। इस श्रीमद भागवत कथा पुराण में प्रवचनकर्ता पंडित तोरण महाराज जी, कुरना (कांकेर वाले) उपस्थित रहेंगे।कथा में ध्रुव के जीवन का चित्रण किया गया,जिसमे माता पिता की सेवा करना परम सौभाग्य है बताया गया। पंडित तोरण महाराज जी ने कहा भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवतम् या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है। पंडित तोरण महाराज जी ने आगे कहाभागवत कथा का आयोजन करने तथा सुनने के अनेक लाभ हैं। इसे आयोजित कराने तथा सुनने वाले व्यक्तियों-परिवारों के पितरों को शांति और मुक्ति मिलती है। इसे सुनने के क्रम में आत्मिक ज्ञान की प्राप्ति करते हुए आप सांसारिक दुखों से निकल पाते हैं। मनोकामना पूर्ति होती है।
भागवत कथा सुनने मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है यही कथा देवलोक में भगवान शिव ने संत सुखदेव मुनि जी को सुनाई थी जिसे पृथ्वी लोक पर सबसे पहले संकादित ऋषियों ने ही हरिद्वार में नील पर्वतो की तलहटी में बेहद दुर्गम घने जंगलों के बीच सिध्स्रोत नामक स्थान पर सुनाई थी। कलियुग में भागवत साक्षात श्रीहरि का रूप है। पावन हृदय से इसका स्मरण मात्र करने पर करोड़ों पुण्यों का फल प्राप्त हो जाता है। इस कथा को सुनने के लिए देवी देवता भी तरसते हैं और दुर्लभ मानव प्राणी को ही इस कथा का श्रवण लाभ प्राप्त होता है। कथा के श्रवण मात्र से ही प्राणी मात्र का कल्याण संभव है।