छत्तीसगढ़ के लोगों का दर्द बयां करता ग्राम रनचिरई
बालोद। आम आदमी पार्टी जिला बालोद के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं द्वारा ग्राम रनचिरई में वहां के निवासियों की समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। छत्तीसगढ़ की 76.76% आबादी गांवों में निवास करती है। प्रदेश में आदर्श ग्राम का दर्जा प्राप्त बालोद जिले के गुंडरदेही तहसील में स्थित ग्राम रनचिरईअपने आप में पूरे प्रदेश की हालात बयां करता है। यहां के ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह ज्ञात हुआ है कि बस्ती के अंदर से गुजरने वाली सड़क का पुनर्निर्माण जहां होने के लिए सर्वे किया गया था और प्रस्तावित कर ग्राम पंचायत और विधायक की सहमति द्वारा योजना बनाई गई थी उस सड़क के स्थान पर अन्य बायपास रोड का निर्माण किया जा रहा है जिसके चलते ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही है। ज्ञात हुआ है कि यहां भ्रष्टाचार का आलम अपने चरम पर है क्योंकि जिस भूमि से बाईपास रोड का निर्माण किया जाना है वहां आपसी सांठगांठ कर सड़क निर्माण एजेंसी सड़क निर्माण किए जाने पर तुली हुई है। भ्रष्टाचार के चलते ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त है और उनकी सुविधाओं को दरकिनार किया जा रहा है। वर्तमान की जो सड़क है वह जर्जर अवस्था में है, नाली का निर्माण भी नहीं किया गया है जिससे ग्रामीण अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं। क्षेत्र के विधायक कुंवर निषाद प्रदेश के मुखिया के सामने सिर्फ एक मोहरा की भांति पद संभाले हुए हैं। विधायक द्वारा स्वीकृत मांगों को भी दरकिनार किया गया है जिससे बस्ती के अंदर से गुजरने वाली सड़क के स्थान पर बस्ती के बाहर से गुजरने वाले बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के चलते लोगों में हाहाकार मचा हुआ है।
रनचिरई ग्राम की आबादी 4000 के करीब है। यहां बच्चों की शिक्षा के लिए एक मिडिल स्कूल है जहां कक्षा पहली से आठवीं तक की कक्षाएं संचालित होती है। लगभग 400 विद्यार्थियों का यह स्कूल लगभग शिक्षक विहीन है। सभी विद्यार्थियों के लिए अपर्याप्त शिक्षक हैं। शिक्षक नहीं होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई चौपट है। इन बच्चों का भविष्य अंधकार में है जिसकी जिम्मेदारी वर्तमान सरकार पर है। लोगों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हमने सरकार इसलिए नहीं चुनी थी कि वह हम लोगों के नौनिहालों का भविष्य अंधकार में डालें। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव के पढ़े-लिखे बेरोजगार बच्चे ही स्कूल में पढ़ाने जाते हैं लेकिन उनको कोई पारिश्रमिक देय नहीं है।
रोजगार की समस्या प्रदेश में गहराई हुई है लेकिन सरकार द्वारा बड़े-बड़े विज्ञापनों और होल्डिंग्स में सबसे कम बेरोजगारी वाला प्रदेश दर्शाया जाता है। बेरोजगार युवाओं में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। गांव में कई बेरोजगार युवक भी हैं जिन्हें अपनी योग्यता अनुसार काम की तलाश है। उनका कहना है कि हमें काम मिले तो हम ईमानदारी और भरपूर मेहनत कर अपनी सेवाएं देने को तैयार हैं लेकिन प्रदेश में रोजगार के अवसर प्रदान ही नहीं किए जा रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि यहां के अस्पताल में डॉक्टर की व्यवस्था नहीं है जिसके चलते स्वास्थ्य सुविधाएं गांव में उपलब्ध नहीं है। बीमारियों के इलाज के लिए इन्हें गांव से दूर पास के शहर में जाना होता है जिसके चलते आर्थिक समस्याओं से इन्हें जूझना होता है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोजगारी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दें लेकिन सरकार द्वारा अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया जा रहा है जोकि जन आकांक्षाओं के विपरीत है।
आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल कांत साहू, प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष घनश्याम चंद्राकर, विनय गुप्ता, रमन साहू, कमल किशोर साहू के साथ अन्य कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि समस्याओं के निराकरण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।