सुनो सुनो दुनिया वालों सिंध की अमर कहानी सिंध की महिमा महान है.....प्रेमचंद तनवानी

सुनो सुनो दुनिया वालों सिंध की अमर कहानी सिंध की महिमा महान है.....प्रेमचंद तनवानी

सुनो सुनो दुनिया वालों सिंध की अमर कहानी सिंध की महिमा महान है.....प्रेमचंद तनवानी

सुनो सुनो दुनिया वालों सिंध की अमर कहानी सिंध की महिमा महान है.....प्रेमचंद तनवानी 


छत्तीसगढ़ सिंधी साहित्य अकादमी के द्वारा प्रथम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन श्री झुलेलाल मदिर सभाघार तिल्दा में आयोजित किया गया जीसका नाम था    

सिंधीयत की ज्योत

 इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वडोदरा गुजरात से आई संत शेहरा वाले थी कार्यक्रम की शुरुआत भगवान झूलेलाल जी के फोटो पर माला अर्पण कर दीप प्रज्वलित करके की गई अकादमी के अध्यक्ष और सदस्यों के द्वारा संत जी का फूलों की माला पहनाकर छाल ओढाकर श्रीफल देकर स्वागत व सम्मान किया गया संत शेहरावाले जी ने अपने अमृत वचन में कहा कि बड़ी खुशी की बात है छत्तीसगढ़ सिंधी साहित्य अकादमी के द्वारा आज का जो आयोजन किया गया है जिसका नाम है सिधीयत की जयोत ज्योत हर शहर में हर गांव में हर नगर में हर घर में जलनी चाहिए जिससे हमारे समाज की संस्कृति भाषा को बढ़ावा मिले आज की युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति भाषा को समझ सके और उसे आगे बढ़ाएं किसी भी समाज की पहचान और शक्ति उसकी भाषा संस्कृति होती है ईस कार्य के लिए अकादमी को बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं।

कार्यक्रम में बिलासपुर के मशहूर संगीतकार गायक राज केसवानी मुंबई की गायिका प्रियंका केसवानी के द्वारा शानदार सिंधी व भक्ति भरे भजनों की प्रस्तुति दी अपनी मधुर आवाज से सबका मन मोह लिया इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मशहूर कवि प्रेमचंद तनवानी नीलू मेघ वह कैलाश शादाब हीरानंद हरीरामानी रमेश विरानी ने अपनी कविताओं से सबका दिल जीत लिया प्रेमचंद तनवानी ने अपनी कविता की शुरुआत

सिंध की अमर गाथा से की

सुनो सुनो दुनिया वालो सिंध कि अमर कहानी सिंध कि महिमा है महान जल में से जो पहले धरती बाहर निकली वह थी सिंध जो पहला अमृत था सिंधु नदी का जल था जो वेदों की रचना हुई वह सिंधु नदी का किनारा था जो सबसे पुरानी संस्कृति और सभ्यता है वह सिंधु घाटी की सभ्यता है जिस भाषा में सबसे ज्यादा शब्द है वह सिंधी भाषा मे हैं।

इस कविता के माध्यम से तनवानी जी ने सिंध की अमर कहानी सुनाई कि किस तरह सिंध की महान तपोभूमि हैं संतों की नगरी है

नीलू ने अपनी कविता में कहा की


क्यों भटक रहे हो दुनिया में खुशबू गुलाब में होती है अगर नजर है पढ़ने वाली हे तो चेहरा पढ़ो किताब होता है इंसान का पूरा हाल-चाल इसमें मिल जाता है

कैलाश जी व अन्य कवियों ने भी हास्य व्यंग्य के साथ अपनी कविता पढी जिसे सुनकर उपस्थित लोग मंत्रमुग्ध हो गए इस अवसर पर बच्चे महिलाएं बुजुर्ग के लिए सिंधी क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की गई राधा राजपाल के द्वारा सिंधी क्विज प्रतियोगिता मैं विजेताओं को मेडल पहनाकर प्रमाण पत्र देकर सम्मान किया गया कार्यक्रम के आखिर में समाज के कई समाजसेवी को पत्रकारों का शाल श्रीफल व स्मृति चिन्ह से देकर सम्मान किया गया।

सभी कवि व कलाकारों का भी शॉल श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया कार्यक्रम के अंत में अमर परचानी के द्वारा आभार व्यक्त किया गया आए हुए सभी लोगों के लिए रात के भोजन की व्यवस्था की गई थी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में समाज के लोग बिलासपुर चकरभाटा बिल्हा भाटापारा तिल्दा रायपुर व अन्य शहरों से शामिल हुए सभी ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में छत्तीसगढ़ सिंधी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष राम गिडलानी जी उपाध्यक्ष नानक रेलवानी जी सदस्य राधा राजपाल अमर परचानी जी अमर गिदवानी जी सुरेश धिगानी जी पूज्य सिंधी पंचायत तिल्दा के अध्यक्ष
चमनलाल खुबचंदानी जी महासचिव किशोर सेतपाल जी धनराज खत्री जी भीमसेन भोजवानी जी वह अन्य सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा


श्री विजय दुसेजा जी की खबर 

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