श्री झूलेलाल मंदिर मैं 51 बटुकों का हुआ सामूहिक जनेऊ संस्कार
श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चकरभाटा में परम पूजनीय भाऊ गुरमुखदास साहिब जी की 22 वी वर्षी महोत्सव के अवसर पर निशुल्क सामूहिक जनेऊ संस्कार का आयोजन किया गया जिसमें 51 बटुकों का सामूहिक रूप से जनेऊ संस्कार हुआ कार्यक्रम सुबह 11:00 बजे भगवान झूलेलाल वह बाबा गुरमुखदास जी की मूर्ति पर फूलों की माला पहना कर बहराणा साहब की अखंड ज्योत प्रज्वलित करके की गई इस आयोजन में शामिल होने के लिए उल्हासनगर मुंबई से ठाकुर प्रकाश चंद मालिक राम जी विशेष रूप से मंदिर पहुंचे जनेऊ संस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए।
पंडित पूरन लाल शर्मा जी के द्वारा विधि विधान के साथ जनेऊ संस्कार कार्यक्रम संपन्न कराया गया दोपहर 1:00 बजे रवि रूपवानी व अनिल पंजवानी के द्वारा लेडीस संगीत सिंधी लाडा की शानदार प्रस्तुति दी गई अपने सिंधी गीतों से सभी का मन मोह लिया वह आए हुए सभी मेहमान व भक्तजन सिंधी गीत सुनकर झूम उठे संत लाल साई जी के द्वारा सभी बच्चो का पाखर पहनाकर शगुन के तौर पर खर्ची देकर प्रसाद देकर शुभ आशीर्वाद दिया अपने अमृत वचनों में साई जी ने कहा कि आज बाबा गुरमुख दास साहिब जी के 22वी वर्षी उत्सव के अवसर पर मेला लगा है और सामूहिक रूप से बच्चों का जनेऊ संस्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें बड़ी खुशी की बात है छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश महाराष्ट्र के कई शहरों से 51 बच्चों ने सामूहिक रूप से जनेऊ धारण किया बड़ी खुशी की बात है इस पवित्र मंदिर में हमारे इष्ट देव भगवान झूलेलाल जी के आशीर्वाद से संत जनों के सानिध्य में यह पूरा आयोजन संपन्न हुआ दूर-दूर से सभी बच्चों के माता-पिता और कई अन्य रिश्तेदार भी पहुंचे आज सभी बच्चों ने जनेऊ धारण किया है जो पंडित जी ने जनेऊ धारण करने के पूर्व पूजा करवाई जो बताया कि हिंदू धर्म में जनेऊ पहनना क्यों जरूरी है वह बगैर जनेऊ पहने आप कोई भी शुभ कार्य हवन पूजा पाठ नहीं कर सकते हैं अगर करते हैं तो उसका लाभ फल आप लोगों को नहीं मिलेगा और ना ही आप शादी कर सकते हैं जनेऊ का बहुत बड़ा महत्व है तिलक चोटी और जनेऊ यह हिंदू धर्म की पहचान है 16 संस्कारों में से 12 वा संस्कार है जनेऊ संस्कार सनातन धर्म व हिंदू धर्म की पहचान है प्रत्येक हिंदू को जनेऊ धारण करना चाहिए वह उसके नियम का पालन करना चाहिए जनेऊ धारण करने के बाद ही यज्ञ करने का अधिकार प्राप्त होता है हर बच्चे को अपने माता पिता अपने गुरु और भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए वह अपनी बोली भाषा संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए अपनी मातृभाषा में बात करनी चाहिए संत जनों के सानिध्य में जनेऊ संस्कार का आयोजन ही इसलिए किया जाता है ताकि बच्चे अपनी संस्कृति से अपने इष्ट देव से अपने गुरु से जुड़े अपने भगवान से जुड़े ताकि उन्हें पता चल सके जनेऊ संस्कार के बाद क्या-क्या जरूरी है और कौन-कौन से संस्कार हैं बाबा गुरमुखदास सेवा समिति के द्वारा उल्हासनगर से आए संत जी का फूलों की माला पहना कर स्वागत किया गया साईं जी के द्वारा शाल श्रीफल से सम्मान किया गया।
इस अवसर पर नगर के कई पत्रकारों का शॉल ओढ़ाकर श्रीफल प्रसाद देकर सम्मान किया गया जिनमें प्रमुख हैं विजय दुसेजा प्रीति सोनी उमाशंकर साहू विनोद वर्मा कमल दुसेजा वह अन्य पत्रकार शामिल थे इस अवसर पर पूज्य सिंधी पंचायत चकरभाठा के अध्यक्ष प्रकाश जेसवानी पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत के सलाहकार व समाजसेवी रूपचंद डोडवानी पूज्य सिंधी पंचायत कश्यप कॉलोनी के अध्यश जगदीश जगियासी को भी शाल श्रीफल से सम्मान किया गया कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई अरदास की गई पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया एवं सभी संगत के लिए प्रभु का प्रसाद आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तजनों ने भंडारा ग्रहण किया शाम 4:00 बजे बहराणा साहब को ढोल बाजे के साथ मंदिर से लेकर तलाब पहुंचे यहां पर विधि विधान के साथ बहराणा साहब को विसर्जन किया गया वह अखंड ज्योत को तराया गया ।
इस पूरे आयोजन का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के इस कार्यक्रम को देखा और आनंद लिया आज के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन बिलासपुर चकरभाटा बिलहा तिल्दा भाटापारा रायपुर दुर्ग गोंदिया कोरबा मुंगेली रायगढ़ कटनी शहडोल छिंदवाड़ा व अन्य कई शहरों से शामिल हुए इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।
श्री विजय दुसेजा जी की खबर