भक्ति दिल से करो और धंधा दिमाग से करो .... साईं कृष्णा दास
ब्रह्मलीन बाबा भगतराम साहिब जी का 59 वा अवतरण दिवस बाबा आनंद राम दरबार चकरभाटा में श्रदा भक्ति ओर हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया कार्यक्रम की शुरुआत रात्रि 8:00 बजे बाबा आनंद राम व बाबा भगत राम जी की मूर्ति पर माला पहनाकर वह दीप प्रज्वलित करके की गई साई कृष्ण दास जी के द्वारा सत्संग की शुरूआत भगवान श्री कृष्ण के भक्ति भरे भजन से की अपने अमृतवाणी में सत्संग में साई जी ने दो ज्ञानवर्धक कथा सुनाई पहली कथा थी
एक व्यक्ति एक संत के पास पहुंचा व कहां मुझे नाम दान दिजिए संत ने उसे नाम दान दिया और कहा इसका रोज सिमरन करना वह व्यक्ति 1 सप्ताह बाद फिर पहुंचा दरबार में और कहा संत जी से कि यह नाम में मजा नहीं आया कोई दूसरा नाम दीजिए संत जी ने फिर दूसरा नाम दिया फिर वह व्यक्ति फिर से 1 हफ्ते बाद पहुंचा और कहा ईसमे भी में मजा नहीं आया है कोई तीसरा नाम दीजिए संत जी ने कहा ठीक है चलो बाहर घूम के आते हैं और तालाब किनारे पहुंचे वहां चार नाव खड़ी थी एक नाव में खड़े हो जाओ जैसे वह नाव में पांव रखा नाव डगमगाने लगे फिर दूसरे नाव में पेर रखा वह भी डगमगाने लगी तीसरे में रखा पेर वह भी डगमगाने लगी आखिर में चौथे नाव में संत जी ने उसे पकड़ा और कहा 2 मिनट शांति से खड़े हो जाओ अब आराम से बैठ जाओ नाव वाले भाई को कहा कि नाव को चलाइए और हमें भ्रमण कराइए मांझी ने नाव चलाई दूर भ्रमण कराकर वापस लेकर आया तब उस व्यक्ति ने कहा.....
जब पहले नाव में पांव रखा तो ढूंब रही थी और अब कुछ नहीं हुआ और बढ़िया घूम के आ गए कैसे हुआ संत जी ने कहा यह सब तुम्हें बताने के लिए ही किया गया था अगर तुम तिन नाव में पाऊं रखोगे आराम से खड़े नहीं रहोगे तो ढूंबने लगेगी जब तुमने 3 नाव में ऐसे ही किया तो तीनों नाम ढूंबने लगे और जब एक नाव में पैर रखा और शांति से चुपचाप खड़े रहे आराम से बैठ गए तो नाव चलने लगी वह तुम घूम फिर कर मंजिल तक पहुंच गए इसका मतलब यह है कि जब तुम्हें एक नाम दिया गया सिमरन करने के लिए जपने के लिए तो तुम शांति से मन से शरदा से भक्ति से उस नाम का सिमरन करो तभी तुम्हारी मंजिल तुम्हें मिलेगी दूसरी कथा संत जी ने बताया कि भक्ति में दिल लगाया करो धंधे में घर परिवार में संसार में दिमाग लगाया करो पर लोग उल्टा करते हैं भक्ति में दिमाग लगाते हैं वह सांसारिक में और धंधे में दिल लगाकर काम करते हैं इसीलिए उन्हें जो प्यार वह प्रेम मिलना चाहिए मिल नहीं पाता है क्योंकि वह भक्ति में दिमाग लगाते हैं जब आप दिल से भक्ति करेंगे तो आपको प्रेम की प्राप्ति होगी शांति सुख ओर भगवान की प्राप्ति होगी भगवान ने दिमाग दिया है तो उसका इस्तेमाल किस जगह करना है वह भी सोचे भक्ति में मोल भाव नहीं किया जाता है भक्ति तो सागर है जितना उसमें डू बो गे उतना अंदर गहरे तक पहुंचते जाओगे अंत में प्रभु की प्राप्ति होगी
साईं जी के द्वारा कई भक्ति भरे भजन गाए जीसे सुनकर भक्तजन झूम उठे रायपुर से आए सुदामा भैया जी के द्वारा भी कई भक्ति में भजन गाए बाबा भगतराम साहिब जी के जीवन के बारे में प्रकाश डाला रात्रि 10:00 बजे साईं जी ने परिवार के साथ मिलकर केक काटा वह पूज्य माता साहिब को खिलाया आशीर्वाद लिया
कार्यक्रम के आखिर मे अरदास की गई पलौ पाया गया विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की गई प्रसाद वितरण किया गया आए हुए भक्त जनों के लिए आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्त जनो ने भंडारा ग्रहण किया इस पूरे आयोजन का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे भक्तजनों ने कार्यक्रम का आनंद लिया इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन बिलासपुर रायपुर भाटापारा रायपुर दुर्ग भिलाई कोरबा व अन्य कई शहरों से शामिल हुए इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा आनंद राम सेवा समिति चकरभाटा बिलासपुर कोरबा रायपुर भिलाई के सभी सेवादारों का विशेष सहयोग रहा
श्री विजय दुसेजा जी की खबर