आज दिनांक 11/01/23 दिन बुधवार को ईसाई मिशनरीज द्वारा जबरन धर्मांतरण और आदिवासियों के साथ किये गये मारपीट के विरोध में जैन भवन चौक में रैली व सभा का आयोजन
आज दिनांक 11/01/23 दिन बुधवार को समय अपराह्न 3 बजे स्थान - जैन भवन चौक में सर्व समाज समरसता समिति दल्ली राजहरा द्वारा वनांचल क्षेत्र नारायणपुर (बस्तर ) में ईसाई मिशनरीज द्वारा किये जा रहे जबरन धर्मांतरण और आदिवासियों के साथ किये गये मारपीट के विरोध में रैली व सभा का आयोजन किया| धर्मान्तरण के विस्तार और उसके विरोध में उपजे विष्फोटक स्थिति पर सभा को सम्बोधित करने के लिए प्रमुख वक्ता के रूप में
1.श्री एम. डी. ठाकुर
राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय गोंड महासभा
प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ जनजातीय गौरव समाज, निवास - धमधागढ़
2.श्री टेकराम भंडारी
पूर्व महामंत्री
अखिल भारतीय हल्बा हल्बीआदिवासी समाज छत्तीसगढ़ केंद्रीय महासभा
निवास - डोकल कुंडे जिला मानपुर मोहल्ला चौकी
3.श्री नेमीचंद गढ़े जी
जिला अध्यक्ष गोंड समाज राजनांदगाव
उपस्थित रहे|
सर्वप्रथम समिति द्वारा ईसाई मिशनरीज और धर्मांतरण के खिलाफ विभिन्न समाज, संगठन व विचार परिवार से आये हुए प्रतिनधियों के साथ नगर के मुख्य मार्ग पर समयाभाव के कारण वाहन रैली निकाली गई | रैली में सम्मिलित लोगो द्वारा धर्मांतरण बंद करो, धर्मान्तरण रोकने कठोर कानून बनाने व धर्मान्तरण करने कराने वाले को सख्त सजा देने, ईसाई मिशनरीज को आदिवासी गांव में बिना अनुमति प्रवेश नही देने की मांग व नारेबाजी किया गया| मार्ग भ्रमण करने के बाद रैली जैन भवन चौक के एक सभा के रूप में परिवर्तित हो गई | अतिथि स्वागत के बाद में प्रथम वक्ता के रूप में सर्वप्रथम श्री टेकराम भंडारी जी पूर्व महामंत्री अखिल भारतीय हल्बा हल्बी आदिवासी महासभा को आमंत्रित किया गया|
श्री टेकराम राम भंडारी जी गीता ग्रन्थ के सुप्रसिद्ध श्लोक यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।। से अपने उद्बोधन प्रारम्भ किया| श्री भंडारी ने कहा की 14 वर्ष के वनवास काल में भगवान राम के सुख दुख में आदिवासी, वनवासी और गिरिजन ही साथ रहे है| आदिवासी कभी हिंदुत्व से अलग नही हो सकते... यदि आदिवासी प्रकृति पूजक है तो उससे ज्यादा सनातनी प्रकृति पूजक है जहाँ चींटी से हाथी तक पूजा जाता है| यदि कोई आदिवासी अपने आप को अहिन्दु बताता है तो इसका मतलब है वो स्वयं के साथ समग्र आदिवासी समाज को भी भटका रहा है|
वक्ताओं के अगले क्रम श्री गोविन्द वाधवानी व्यापारी संघ अध्यक्ष को आमंत्रित किया गया| श्री वाधवानी ने समाज मे बढ़ रहे धर्मांतरण के लिए अन्य कारणों के अलावा स्वयं हिन्दुओं के अकर्मण्यता को भी कारण बताया| यदि समाज संगठित होकर विरोध करे तो धर्मांतरण करने वाले किसी को भी सबक सिखाया जा सकता है| आज धर्मांतरण सभी समाजो मे हो रहा है, कोई भी समाज दावा नही कर सकता की उसका समाज धर्मांतरण से अछूता है इसलिए इसे रोकने के लिए सभी को संगठित होना पड़ेगा|
वक्ताओं के अगले क्रम में सर्व समाज समरसता समिति के अध्यक्ष श्री पवन कुमार गैंगबोईर जी को आमंत्रित किया गया जिसने अपने उद्बोधन में धर्मांतरण और उसके परिणाम पर होने वाले नुकसान से उपस्थित जन समुदाय को अवगत कराया| इसलिये मिलजुलकर धर्मांतरण को रोकने के लिये समाधान खोजने पर बल दिया|
वक्ताओं के अंतिम क्रम में मुख्य वक्ता श्री एम. डी. ठाकुर राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय गोंड महासभा एवं प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ जनजातीय गौरव समाज निवास -धमधागढ़ ने सभा को सम्बोधित किया| श्री ठाकुर ने अपने उद्बोधन आदिवासियों के प्राचीन इतिहास से प्रारम्भ किया की कैसे आदिवासियों ने 1500 वर्ष इस देश में राज किया और अपने अपने रियासत में विभिन्न देवी देवताओं के मंदिर बनवाये|आदिवासियों के हिन्दू होने के इतिहास में अनेको प्रमाण है.. किन्तु जो समाज को भटकाना चाहते है वो आदिवासियों के अहिन्दु होने के कोई प्रमाण अब तक कोई नही दे पाये है|
कार्यक्रम का संचालन समिति के संगठन सचिव कृष्णा साहू ने किया|
आज के कार्यक्रम में श्री घनश्याम पारकर, श्री गोपी निषाद, श्री अशोक लोहिया, श्री जसकेतन बीसी, श्री किशोर जैन, श्री संतोष देवांगन, श्री जीवन साहू, श्री लिखन साहू, श्री जीवन यादव, राजकुमार शर्मा, विजय डड़सेना, श्रीमती भिखी मासिया, श्रीमती साक्षी खटवानी, श्रीमती राजेश्वरी साहू, श्रीमती वीणा साहू, श्रीमती द्रोपती.साहू, श्रीमतीनंदा पसीने, श्रीमती अनुराधा सिंग, श्रीमती रेणुका साहू, श्रीमती जानकी यादव, श्रीमती रोमा राय, श्रीमती गीता मरकाम, श्रीमती मेघा साहू, श्रीमती पुष्पा शांडिल्य, श्रीमती विमला साहू, श्रीमती दामिनी साहू, श्रीमती रामेश्वरी कैवर्त, राकेश देवांगन, मदन मैती, गौरव कौमार्य, महेन्द्र सिंग, रमेश गुजर, पिंटू दुबे, शंकर साहू, हुमन साहू, इत्यादि उपस्थित थे|