जानें क्या है इंटरनेट पर राइट टू प्राइवेसी (निजता का अधिकार) - रोहित मालेकर, निरीक्षक, एंटी क्राइम एवम् साइबर यूनिट, रायपुर (छ. ग.)
सोशल मीडिया पर प्रोडक्ट का आता है फेक विज्ञापन।
हो सकते है ठगी के शिकार
दोस्तो डिजिटाइजेसन के इस दौर में सोशल मीडिया हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है , जहां सोशल मीडिया ने पूरे विश्व को एक मंच पर लाकर खड़ा किया है , वही इसके नकारात्मक पहलू भी साइबर अपराध ,साइबर ठगी के रूप में उभरकर सामने आ रहे है,टेक्नोलॉजी के इस दौर में अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए जब हम इंटरनेट के माध्यम से उसका प्रचार प्रसार करते है ,खरीदी या बिक्री करते है तो उसे *ई कोमर्स* कहा जाता है ,जिसके लिए सोशल मीडिया सरल माध्यम है।
अगर फेसबुक , इंस्टाग्राम ,चलाते है तो आपने देखा होगा की बहुत सारे प्रेडैक्ट के विज्ञापन आपको दिखेंगे ।
अगर आप व्यापारी है ,और कोई सोशल मीडिया के विज्ञापन के माध्यम से कोई प्रोडक्ट मंगाते है तो आपके सावधान रहने की जरूरत है ।
ठगी का तरीका
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक , इन्स्टाग्राम आदि में प्रोडक्ट का लुभावना आकषर्क फोटो डाला जाता है ,कीमत भी कम बताई जाती है ,वहां एक कॉन्टेक्ट नंबर दिया होता है जिसमे आपको कॉल करना होता है ।जब आप काल करते है तो आपको एडवांस राशि जमा करनी होती है। ,पहले ऑर्डर की डिलीवरी आपको ईमानदारी से की जावेगी ,ठग आपका विश्वास जीतेंगे और दूसरे या तीसरे ऑर्डर पर आपसे पैसे डलवा कर सामान नहीं भेजा जाएगा।।।
क्या करें
ऑन लाइन विज्ञापन पर भरोसा करके अगर आप प्रोडक्ट खरीदी बिक्री करते है तो ,एडवांस पेमेंट करने से बचें, केश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन चुने !
सावधान रहे ,सुरक्षित रहें!