बाबा मेंहरबान सिंह साहेब जी का 96 वर्षी उत्सव श्रद्धा पूर्वक मनाया गया

बाबा मेंहरबान सिंह साहेब जी का 96 वर्षी उत्सव श्रद्धा पूर्वक मनाया गया

बाबा मेंहरबान सिंह साहेब जी का 96 वर्षी उत्सव श्रद्धा पूर्वक मनाया गया

बाबा मेंहरबान सिंह साहेब जी का 96 वर्षी उत्सव श्रद्धा पूर्वक मनाया गया 


धन गुरु नानक दरबार जराहभाटा सिंधी कॉलोनी स्थित दरबार में बाबा मेहरबान सिंह साहेब जी का 96 वा वरसी उत्सव के अवसर पर महान कीर्तन दरबार सजाया गया इस अवसर पर उल्हासनगर से भाई साहब जसकीरत सिंह जी भाई साहब त्रिलोचन सिंह जी साध संगत के दर्शन वास्ते विशेष रूप से बिलासपुर आऐ नवसारी गुजरात से सनी भाई साहब मुलचदानी के द्वारा शब्द कीर्तन मैं गुरु नानक देव जी के कई प्रसंग सुनाए व गुरु गोविंद सिंह जी के चार पुत्र साहबजादे के द्वारा धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए ऐसे वीर सपूतों को हम बारंबार नमन करते है अमृत वेले उठकर गुरु का नाम जपना चाहिए सिमरन करना चाहिए भक्ति करनी चाहिए इससे आपके सारे दुख दर्द दूर होंगे प्रभु को पाना है तो अमृत वेले जागना है आंखें बंद करके प्रभु का नाम सिमरन करोगे तो दिल के तार प्रभु से जुड़ जाएंगे ।

कर्म अपना करते रहना चाहिए पढ़ना और जपना दोनों में फर्क है जब भी नाम जपे तो ध्यान लगाकर जपे ऐसा ना हो कि नाम जप रहे हैं पाठ पढ़ रहे हैं पर ध्यान उधर है तो उससे कुछ नहीं होने वाला जब तक मन लगाकर नाम नहीं जब पओगे तब तक उसका फल नहीं मिलेगा

एक किसान खेत जोतता है पानी डालता है खाद डालता है यूरिया पोटाश डालता है पर उसके बाद भी पौधा नहीं निकलता तब वह अपने मित्र के पास जाता है और पूछता है कि ऐसा क्यों हुआ तब वह मित्र बोलता है कि तुमने बीज कौन सा लगाया था तब वह किसान सोचता है अरे मैं तो बिजी लगाना भूल गया जब बिजी नहीं लगाओगे तो पौधा कैसे निकलेगा वह बड़ा पेड़ कैसे बनेगा फिर उसमें फल कैसे आएंगे बीज लगाने का मतलब जब तक आप अपने मन को कंट्रोल करके सारा ध्यान प्रभु के नाम में नहीं लगाओगे तब तक आप 24 घंटा सिमरन करते रहो करते रहो उसका फल नहीं मिलने वाला एकाग्रता होनी बहुत जरूरी है सत्संग के आखिर में सिंधु कल्चरल एलायंस फोरम के द्वारा उल्हासनगर दरबार के प्रमुख श्री भाई साहब जसकीरत सिंह जी भाई साहब त्रिलोचन सिंह जी गुजरात से भाई साहब सनी मूलचंदानी जी मुंबई के भाई साहब मनोहर लाल जी यंग मैन भाई साहब जनरल सिंह जी भाई साहब मूलचंद नारवानी जी महेश लालचंदानी जी का संस्था के द्वारा साल श्रीफल से सम्मान व फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया गया इस अवसर पर बाबा जसकिरत सिंह जी ने भी संस्था प्रमुख डॉ हेमंत कलवानी नानक पंजवानी सुरेश वाधवानी अशोक हिंदूजा का शाल ओढ़ाकर प्रसाद देकर सम्मान व आशीर्वाद दिया अंत में अरदास की गई प्रसाद वितरण किया गया गुरु का अटूट लंगर वरताया गया बड़ी संख्या में संगत ने गुरु का लंगर छका आज के इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में धन गुरु नानक दरबार के प्रमुख प्रबंधक भाई साहब मूलचंद नारवानी जी सेवादार डॉ हेमंत कलवानी पूर्व पार्षद सुरेश वाधवानी प्रकाश जगियासी राजू धामेचा विजय दुसेजा नानक पंजवानी जगदीश जगियासी चंदू मोटवानी नरेश मेंहरचंदानी भोजराज नारवानी मेघराज नारा विकास बजाज अनीता नारवानी पलक हरजपाल कंचन रोहरा राखी वर्षा सुखीजा गंगाराम सुखीजा रमेश भगवानी का सहयोग रहा।





श्री विजय दुसेजा जी की खबर 

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