डॉ. प्रतीक उमरे ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र प्रेषित कर दुर्ग नगर निगम में व्याप्त भर्राशाही की पारदर्शी जांच कर कार्यवाही के लिए दुर्ग जिला के कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा को निर्देशित करने का निवेदन किया था
दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र प्रेषित कर दुर्ग नगर निगम में व्याप्त भर्राशाही की पारदर्शी जांच कर कार्यवाही के लिए दुर्ग जिला के कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा को निर्देशित करने का निवेदन किया था जिसपर प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए इस पर कार्यवाही बाबत छत्तीसगढ़ के लोक शिकायत निवारण विभाग के प्रभारी अधिकारी के.एम अग्रवाल को अग्रेषित किया है।पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने उक्त पत्र में बताया था कि नगर निगम दुर्ग में भर्राशाही चरम पर है,बिना टेंडर प्लेसमेंट एजेंसी के तहत कार्य कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटरों को वेतन भुगतान किया जा रहा है।
फरवरी 2022 में टेंडर की मियाद समाप्त हो गई,उसके बाद नए सिरे से टेंडर जारी किया गया,नगर निगम प्रशासन द्वारा सबसे कम दर पर भरे एजेंसी को कार्य आदेश जारी नहीं किया गया उसके उलट फरवरी माह के बाद भी कंप्यूटर ऑपरेटरों को बाकायदा वेतन भुगतान करते रहे,हर माह इन 21 ऑपरेटरों को 2 लाख 52 हजार 210 रुपये भुगतान किया जा रहा है।कलेक्टर दर पर कंप्यूटर ऑपरेटरों को प्लेसमेंट एजेंसी के तहत निगम के विभिन्न विभागों में पदस्थ करने टेंडर प्रक्रिया का नियम है,इस नियम की धज्जियां उड़ाते हुए नगर निगम के पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा उच्च अधिकारी से अनुमोदन लेते हुए फरवरी माह के बाद भी अब तक 21 कंप्यूटर ऑपरेटरों को वेतन भुगतान किया गया। दुर्ग के नागरिकों की मेहनत की कमाई जो कि टैक्स के रूप में नगर निगम को नागरिक दे रहे हैं, उसके एवज में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के बजाय उसका दुरुपयोग कर अपने लोगों को खुश करने निगम प्रशासन द्वारा अपना निजी स्वार्थ सिद्धि का खेल खेला जा रहा है।जिससे निगम प्रशासन के महापौर एवं आयुक्त की संलिप्तता की भी आशंका है।इस विषय की पारदर्शी जांच एवं कार्यवाही के लिए दुर्ग जिला के कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा को निर्देशित करने की मांग उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से किया है।