समान कार्य का समान वेतन देना होगा: मुश्ताक अहमद
आज भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में माईंस आफिस गेट पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें महामाया के आदिवासी श्रमिक, राजहरा खदान समूह के ठेका श्रमिक शामिल हुए। जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि महामाया माईंस में कार्यरत ठेका श्रमिकों को दो तरह का वेतन मान दिया जाता है जो कहीं से भी न्याय संगत नहीं है।जब ठेका एक है कंपनी एक है ठेकेदार एक है उसके बाद श्रमिकों को एक ही कार्य के लिए अलग अलग वेतन देना पूरी तरह निंदनीय है।
महामाया एवं ढुलकी खदान में कार्यरत टिप्पर ऑपरेटर्स को अतिकुशल श्रेणी का भुगतान करने एवं महामाया खदान से प्रभावित ग्रामवासियों को मूलभूत सुविधा प्रदान करने को लेकर आज एक दिवसीय धरना दिया गया था। सबसे पहले सभी संघ के कार्यकर्ता भारतीय मजदूर संघ कार्यालय भवन से एक कतार में मोटरसाइकिल से रैली की तरह निकले और बस स्टैंड से होते हुए नया बाजार गुप्ता चौक होते हुए नगरपालिका से माईंस आफिस धरना स्थल पर पहुंचे और वहां सभा का रूप ले लिया। सभा को सर्वप्रथम उपमहासचिव केन्द्रीय लखनलाल चौधरी ने संबोधित किया और ग्रामीण श्रमिकों के साथ किते जा रहे सौतेलेपन का खुलकर विरोध किया एक खदान में एक तरह के कार्य के लिए अलग अलग वेतन देना कहीं से भी सही नहीं है।
जिला मंत्री ने बताया कि महामाया एवं दुलकी खदानों में कार्यरत उन सभी टिप्पर ड्राइवर, जो वर्तमान में कुशल श्रेणी का भुगतान पा रहे हैं, उन्हें राजहरा खदान समूह के अन्य खदानों में कार्यरत टिप्पर ड्राइवर के समकक्ष अतिकुशल श्रेणी का वेतन भुगतान तत्काल शुरू करना होंगा।महामाया खदान में ठेकेदार के तरफ से नियुक्त सुपरवाइजर लल्लन गुप्ता, जिसे की खदान प्रबंधक द्वारा अनधिकृत रूप से खदान में विगत 8-9 वर्षों से प्रवेश दिया जा रहा है और जिसका A-Form रजिस्ट्रेशन भी नहीं किया गया है उसे तत्काल हटाया जावे क्योंकि खदान श्रमिकों की यह शिकायत है कि श्री लल्लन गुप्ता श्रमिकों के साथ गाली गलौज और अभद्र व्यवहार करते हैं। जबकि माईंस मैनेजर को यह बात अच्छे पता है कि खदान में नियमित रूप से कार्य करने वाले प्रत्येक कर्मियों का A Form रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है और ऐसे में खदान प्रबंधन द्वारा किया जा रहा कार्य अवैधानिक है एवं कई शंकाओं को जन्म देता है। महामाया एवं दुलकी खदान के मालिक होने के नाते बीएसपी प्रबंधन का यह नैतिक दायित्व बनता है कि वह इस क्षेत्र के रहवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करावे । किन्तु बड़े ही दुःख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि बीएसपी प्रबंधन अपने सामाजिक उत्तरदायित्व केनिर्वहन में कोताही बरत रहा है। इस तारतम्य में संघ की मांग करता है कि महामाया खदान एवं उससे प्रभावित क्षेत्र के रहवासियों को बीएसपी की तरफ से स्वास्थ एवं चिकित्सा सुविधा, बिजली, शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जावे । महामाया एवं ढुलकी खदानों से प्राप्त रॉयल्टी एवं डी. एम. एफ की राशि का उपयोग क्षेत्र के विकास के लिए किया जावे। क्षेत्र के आदिवासी बच्चों के लिए खेल सुविधा उपलब्ध कराई जावे , जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि पूर्व अनुबंध के मुताबिक गोटुलमुण्डा से महामाया खदान तक पूर्ण डामरीकृत सड़क का निर्माण कराया जावे। महामाया खदान में वर्तमान में चल रहे 12 चक्के के ट्रक तत्काल हटाए जावे क्योंकि खदान में 10 चक्के की ट्रकों के लिए ही समुचित सुरक्षा नहीं है ऐसे में 12 छक्कों के ट्रकों को अनुमति प्रदान करते हुए खदान प्रबंधक कर्मियों के जान के साथ खिलवाड़ करने पर तुले हुए हैं। ऐसे असुरक्षित कार्यशैली अपनाने वाले खदान प्रबंधक के विरुद्ध करवाई की जावे और तत्काल अन्यत्र स्थानांतरित किया जावे।
महामाया एवं ढुलकी खदानों में स्थानीय आदिवासियों को प्राथमिकता के आधार पर कार्य दिया जावे । जिला मंत्री के उद्बोधन के बाद संघ के साथियों ने प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक आर सी बेहरा, को ज्ञापन सौंपा और मुख्य महाप्रबंधक खदान सभागार में ईस विषय पर विस्तार से चर्चा भी की जिसपर प्रबंधन जल्द ही मांगो को पूरा करने का आश्वासन दिया है। ज्ञापन देते समय बीएसपी प्रबंधन की तरफ से महामाया खदान के एजेंट अरूण कुमार,उप महाप्रबंधक कार्मिक विकस चंद्रा, आर बघेल,संतराम साहू उपस्थित थे और संघ की ओर से जिला मंत्री मुश्ताक अहमद, उपमहासचिव लखनलाल चौधरी, राजहरा शाखा अध्यक्ष किशोर कुमार मायती, जिला उपाध्यक्ष रामेश्वर साहू, ग्राम विकास संगठन के अध्यक्ष गायत्रो सोरी, शोभीत मंडावी,संजीवन सिंहा,रैन सिंह, नवल किशोर, शिव कुमार,और सैकड़ों की संख्या में भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।