कवि सम्मेलन मे झूमते रहे श्रोतागण, ठंढ़ मे भी गरमी का एहसास दिलाते रहे

कवि सम्मेलन मे झूमते रहे श्रोतागण, ठंढ़ मे भी गरमी का एहसास दिलाते रहे

कवि सम्मेलन मे झूमते रहे श्रोतागण, ठंढ़ मे भी गरमी का एहसास दिलाते रहे

कवि सम्मेलन मे झूमते रहे श्रोतागणठंढ़ मे भी गरमी का एहसास दिलाते रहे


बेमेतरा - पहली बार ग्राम देवरी ब्लाक बेरला जिला बेमेतरा छ.ग.मे हुआ कवि सम्मेलन की सफलता चर्चा का विषय बन गया ऐसा लग रहा था जैसे यह प्रदेश स्तरीय कवि सम्मेलन नही अखिल भारतीय कवि सम्मेलन हो रहा है।

 कार्यक्रम की सफलता ईस बात पर निर्भर करता है कि खचा खच भरे श्रोता गण ठंढ़ मे भी 1 बजे रात तक डटे रही भारी भीड़ भाड़ देख कर कवि गण भी खुशी से फूले नही समाये उपस्थित सभी श्रोताओं द्वारा यह सुनने को मिला कि दूसरे और कार्यक्रमो की अपेक्षा भविष्य मे क्यों न केवल कवि सम्मेलन ही करवाया जाये हजरों की तादात और जितने पुरूष उतनी ही महिलाएं और बच्चे भी, श्रोताओं की उत्सुकता देखते ही बन रही थी।

उक्त कवि सम्मेलन मे मुख्य अतिथि के रूप मे बेरला क्षेत्र क्रमांक 15 के जनपद सदस्य श्री मति यामिनी सुरेश वैष्णव उपस्थिति रहे साथ मे अध्यक्षता वहां के सरपंच भारतीय साहु और विशिष्ट अतिथि के रूप मे उपसरपंच पोखन लाल साहु एवं समस्त पंच गण मौके पर मौजूद रहे प्रदेश स्तरीय कवि सम्मेलन का संयोजन एवं संचालन बेमेतरा के हास्य व्यंग्य कवि रामानन्द त्रिपाठी ने किया उन्होने देर रात तक श्रोताओं को अपनी चिरपरिचित हास्य शैली से बांधे रखे कड़कती ठंढ़ मे भी गर्मी का एहसास देते रहे।

कवि सम्मेलन मे बिलाईगड़ से पधारे हास्य व्यंग्य कवि एवं गीतकार शशीभूषण स्नेही ने अपनी जोरदार प्रस्तुति से श्रोताओं को अपनी ओर आकर्षित किये। ठेलका से पहुंचे छत्तीसगढ़ी ओज के कवि ईश्वर साहु आरूग ने भारत माता की जयकारे से संपूर्ण वातावरण को देश प्रेम से ओत प्रोत कर दिये। खरसीया से पहुंचे श्रृंगार रस के कवियीत्री प्रियंका गुप्ता ने गीत और गजल से संपूर्ण वातावरण को प्यार और मोहब्बत पर ले गये। चंडी भांठा (गोडगिरी ) से पहुंचे हास्य के कवि रामह्रदय वर्मा तथा खर्रा के हास्य कवि संतोष परघनिया ने भी श्रोताओं का दिल जीत लिये।

अंत मे बची खुची कसर कवि सम्मेलन के संचालन कर रहे हास्य व्यंग्य कवि रामानन्द त्रिपाठी ने पूरी कर दिये।
उक्त कवि सम्मेलन की एतिहासिक सफलता समस्त ग्राम वासियों तथा आस पास मे चर्चा का विषय बन गया और यह कहते सुना गया कि अब जब कभी कोई भी कार्यक्रम करवाने की योजना बनेगी तब केवल कवि सम्मेलन को ही करवाया जायेगा सुरे वैष्णव ने कवि सम्मेलन का आभार प्रदर्शन किये।

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