बिलासपुर जिले में 16 हज़ार से अधिक लोगों के लिए संजीवनी बनी 108

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बिलासपुर जिले में 16 हज़ार से अधिक लोगों के लिए संजीवनी बनी 108

बिलासपुर जिले में 16 हज़ार से अधिक लोगों के लिए संजीवनी बनी 108


आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में 108 अपने नाम को संजीवनी के अनुरूप सार्थक कर रही है। 108 के कर्मठ कर्मचारी निष्ठाभाव 25 घंटे आम जन मानस की सेवा में लगे हुए हैं । 

बीते एक साल में 108 टीम ने बिलासपुर जिले के 16 हज़ार से भी अधिक लाभार्थियों के लिए संजीवनी की भूमिका निभाई। सेवा का संचालन करने वाली संस्था जेएईएस ने बीते वर्ष 2022 में 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक के आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि विगत एक साल में 16199 लोगों को आपातकालीन सेवाएं दी गई हैं। इनमें सड़क हादसों के 2375, गर्भवती महिलाओं के 824, जहर सेवन 762, आत्महत्या के 82, कार्डियक अरेस्ट के 5, कोरोना 66 और जंगली जानवर हमले के 305 व अन्य में पेट दर्द, बुखार जैसे अनेक बीमारियों में 11780 लोगों को सेवा दी गई है। 

निष्ठा भाव से जुड़े हुए हैं 108 टीम
 बात चाहे सड़क हादसे की हो या किसी बीमार व्यक्ति की लोगों के जेहन में सबसे पहला नाम 108 का ही आता है। घायलों को त्वरित और बेहतर आपातकालीन सेवा वो भी गोल्डन ऑवर में देते हुए हॉस्पिटल पहुँचकर उनकी जान बचाने में 108 संजीवनी की भूमिका अत्यंत अनुकरणीय है। समय पर लोगों को इलाज मिलने से लोगों की जान बचाने में मदद मिल रही है।

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