नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126 वीं जयंती कसारीडीह स्थित कार्यालय में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126 वीं जयंती कसारीडीह स्थित कार्यालय में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126 वीं जयंती कसारीडीह स्थित कार्यालय में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126 वीं जयंती कसारीडीह स्थित कार्यालय में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया


दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे व अन्य युवाओं ने नेताजी के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की शहादत को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।उन्होंने ही सबसे पहले स्वयं आजादी का बिगुल बजाते हुए फौज की स्थापना की थी तथा सबसे पहले देश को आजाद मानते हुए तिरंगा झंडा लहराने का कार्य किया था।स्वतंत्र भारत के विचार के प्रति अपनी उग्र प्रतिबद्धता दिखाने के लिए उन्होंने आजाद हिंद के गठन जैसे साहसी कदम उठाए।ये उन्हें राष्ट्रीय प्रतीक बनाते हैं। उनके आदर्श और बलिदान हर भारतीय को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।कार्यक्रम में विशेष रूप से लवकुश देशमुख,चार्टर्ड अकाउंटेंट मनीष श्रीवास,पूर्व भाजयुमो उपाध्यक्ष प्रांजल भारद्वाज,टोकेश कोठारी,प्रखर भारद्वाज व अन्य युवा उपस्थित थे। 


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