कल्याण और अर्थव्यवस्था उन्मुख बजट
भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया
भारतीय मजदूर संघ को लगता है कि वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट 2023 जन कल्याणकारी है और बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला है।
भारतीय मजदूर संघ ने शुरू से ही कहा है कि श्रम, किसान और सूक्ष्म और छोटे उद्योग विकास के स्तंभ हैं। बजट ने तीनों पहलुओं को उचित महत्व दिया है बुनियादी ढांचे को सर्वोच्च प्राथमिकता देने से अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
भारतीय मजदूर संघ की कुछ प्रमुख मांगों को स्वीकार करने के लिए हम वित्त मंत्री जी का धन्यवाद करते है जो
निम्न है:-
1. मैनहोल और सीवरेज की सफाई के लिए मशीनरी का उपयोग ।
2. मध्यम वर्ग के लिए आयकर छूट दर को 05 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रूपये और इनकम टैक्स की छूट की सीमा रु 02.5 लाख से बढ़ाकर 03.00 लाख करना ।
3. वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिकतम जमा सीमा
4.15 लाख से 30 लाख रु करना ।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत मत्स्य क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज ।
5. कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रमुखता ।
भारतीय मजदूर संघ प्रतिरक्षा, परिवहन, रेलवे, संचार, एम०एस०एम०ई क्षेत्र और युवाओं के लिए नौकरियों को उच्च प्राथमिकता देने का स्वागत करता है। भारतीय मजदूर संघ नव-उत्पादन में सहकारी समितियों के लिए 15 प्रतिशत
छूट का और विश्वकर्मा कौशल सम्मान पैकेज का भी स्वागत करता हैं। भारतीय मजदूर संघ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के बारे में सरकार को सावधान करता है। सरकार को
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए कुछ नियामक तंत्र की कल्पना और स्थापना करनी चाहिए। इसे उन क्षेत्रों को निर्दिष्ट करना होगा जहां इसका उपयोग किया जा सकता है और इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
बजट में EPS पेंशनरों को उम्मीद थी कि न्यूनतम पेंशन राशि 1000 रूपये से बढ़ायी जायेगी किन्तु ऐसा न होने से उनमें असन्तोष का भाव है। कम से कम इन पेन्शनरों को आयुष्मान योजना में शामिल करना चाहिए था किन्तु ऐसा न होने से उनकी भावनाएं आहत हुई है। आशा और आंगनवाड़ी जैसी योजना में कार्यरत कर्मियों को लंबे समय तक काम करने के बावजूद कम मासिक मानदेय प्राप्त होने के
कारण वे भी बजट से निराश हैं।