छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के कोरर हुए भीषण सड़क हादसे में 7 बच्चों में से 2 बच्चों का पैतृक गांव बालोद जिले के गुरूर विकासखंड में है, सुबह इन दोनों भाई-बहन का अंतिम संस्कार गुरूर विकासखंड के ग्राम धनेली में किया गया

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के कोरर हुए भीषण सड़क हादसे में 7 बच्चों में से 2 बच्चों का पैतृक गांव बालोद जिले के गुरूर विकासखंड में है, सुबह इन दोनों भाई-बहन का अंतिम संस्कार गुरूर विकासखंड के ग्राम धनेली में किया गया

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के कोरर हुए भीषण सड़क हादसे में 7 बच्चों में  से 2 बच्चों का पैतृक गांव बालोद जिले के गुरूर विकासखंड में है, सुबह इन दोनों भाई-बहन का अंतिम संस्कार गुरूर विकासखंड के ग्राम धनेली में किया गया

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के कोरर हुए भीषण सड़क हादसे में 7 बच्चों में  से 2 बच्चों का पैतृक गांव बालोद जिले के गुरूर विकासखंड में है, सुबह इन दोनों भाई-बहन का अंतिम संस्कार गुरूर विकासखंड के ग्राम धनेली में किया गया



छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के कोरर हुए भीषण सड़क हादसे में 7 बच्चों की जान चली गई थी। इनमें से 2 बच्चों का पैतृक गांव बालोद जिले के गुरूर विकासखंड में है। शुक्रवार सुबह इन दोनों भाई-बहन का अंतिम संस्कार गुरूर विकासखंड के ग्राम धनेली में किया गया। वहीं बाकी के 5 बच्चों का अंतिम संस्कार गुरुवार रात में कांकेर स्थित उनके गांवों में कर दिया गया। सभी बच्चों को दफनाया गया है।

गुरूर के ग्राम धनेली में भाई-बहन की मौत से परिवार सदमे में है। भाई मानव साहू (6 वर्ष) कांकेर के बीएसएन डिजिटल पब्लिक स्कूल में दूसरी कक्षा का छात्र था। वहीं उसकी बहन कुमकुम साहू (8 वर्ष) कक्षा चौथी में पढ़ती थी। गुरुवार को स्कूल की छुट्टी होने के बाद वे बाकी बच्चों के साथ ऑटो से लौट रहे थे, लेकिन कोरर के चिलहटी चौक के पास ट्रक ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में 2 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी, वहीं 5 बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इस भीषण सड़क हादसे में केवल एक बच्चे और ड्राइवर की जान बची है, जिनका इलाज जारी है।

विधायक संगीता सिन्हा पहुंचीं पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने

संजारी-बालोद की विधायक संगीता सिन्हा पीड़ित
 परिजनों के दुख में शामिल होने के लिए शुक्रवार सुबह उनके ग्राम धनेली स्थित घर पहुंचीं। वे दोनों भाई-बहन के शव के पास बैठीं और परिवार के साथ संवेदना जताते हुए उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। पड़ोसियों ने बताया कि दोनों बच्चे मानव और कुमकुम का परिवार मूल रूप से बालोद जिले का रहने वाला है, लेकिन उन्होंने कांकेर के कोरर क्षेत्र में घर खरीदा था और वहीं खेती करते थे। बच्चों के पिता महेश्वर साहू और मां का रो-रोकर बुरा हाल है और लोग उन्हें संभालने की कोशिश कर रहे हैं।

शासन से मिलेगी सहायता

विधायक के करीबी माने जाने वाले सुमित राजपूत ने बताया कि भानुप्रतापपुर से तहसीलदार भी यहां आने वाले हैं और विधायक उनका इंतजार कर रही हैं। उन्होंने बताया कि शासन एवं प्रशासन की तरफ से बच्चों के परिवार वालों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। स्थानीय प्रशासन भी वहां के तहसीलदार का इंतजार कर रहे हैं और बच्चों का अंतिम संस्कार अकर दिया गया है।

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