सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने में लगी महामाया खदान प्रबंधन, भारतीय मजदूर संघ
जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि अगर महामाया खदान में अगर किसी का शोषण हो रहा है तो यहां के आदिवासी श्रमिकों और ग्रामीण है। जिनके पास न तो अस्पताल है और न ही स्कूल,एक एंबुलेंस था उसे भी महामाया खदान प्रबंधन द्वारा बंद कर दिया गया है। इन सब कारणों से यहां कार्यरत आदिवासी श्रमिकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है कि उनकी जान को दांव पर लगा कर कार्य करवाया जा रहा है। जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने कहा कि सुरक्षा प्रथम की निती पर सुरक्षात्मक तरीके से कार्य करने वाली महारत्न कंपनी को महामाया खदान प्रबंधन द्वारा बदनाम किया जा रहा है कंपनी के शाख पर भी ईसका असर दिखता है। संघ की मांग है कि वर्षों से महामाया खदान में जमें अधिकारीयों को बदलना चाहिए और खदान में केन्द्र सरकार द्वारा तय सुरक्षा के मानकों के अनूरूप कार्य करवाया जाना चाहिए। साथ ही आदिवासी श्रमिकों के साथ भाई भतीजावाद की निती बंद होनी चाहिए और राजहरा खदान समूह के सभी खदानों में सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति तत्काल की जानी चाहिए, क्योंकि भारतीय मजदूर संघ कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों की सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगी। अगर बीएसपी प्रबंधन इन सभी विषयों पर जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तो भारतीय मजदूर संघ किसी भी तरह की कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र होगी।