हर्षोल्लास के साथ मनाया गया संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती


क्षेत्र के ग्राम मंगचूवा में संत रविदास जी के भक्तगणों द्वारा संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती को बड़े हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया साथ ही रात्रिकाल कार्यक्रम छत्तीसगढ़ी लोक नाचा - गम्मत शैली में प्रस्तुति छत्तीसगढ़ी गंवईहा संस्था मोहंदी जालबंधा राजनांदगांव का आयोजन किया गया।

संत रविदास जी का जन्म माघ मास की पूर्णिमा तिथि संवत 1388 को हुआ था। इनके पिता का नाम राहू और माता का नाम करमा था। इनकी पत्नी का नाम लोना बताया जाता हैं इन्हें संत रविदास, गुरु रविदास, रैदास, रूहिदास और रोहिदास जैसे कई नामों से जाना जाता हैं। रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। संत रविवास जी बेहद धार्मिक स्वभाव के थे। वे भक्तिकालीन संत और महान समाज सुधारक थे। संत रविदास जी ने भगवान की भक्ति में समर्पित होने के साथ अपने सामाजिक और पारिवारिक कर्त्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन किया। इन्होंने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी, और इसी तरह से वे भक्ति के मार्ग पर चलकर संत शिरोमणि रविदास कहलाए। उनके उपदेशों और शिक्षाओं से आज भी समाज को मार्गदर्शन मिलता है। आइए जानते हैं संत रविदास के उपदेशों के बारे में।

मन ही पूजा मन ही धूप,
मन ही सेऊं सहज स्वरूप।।
अर्थ: रविदासजी कहते हैं कि निर्मल मन में ही भगवान वास करते हैं। अगर आपके मन में किसी के प्रति बैर भाव नहीं है, कोई लालच या द्वेष नहीं है तो आपका मन ही भगवान का मंदिर, दीपक और धूप है।

रविदास जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच
नकर कूं नीच करि डारी है, ओछे करम की कीच
अर्थ: संत रविदास जी के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी जाति में जन्म के कारण नीचा या छोटा नहीं होता है। किसी व्यक्ति को निम्न उसके कर्म बनाते हैं। इसलिए हमें सदैव अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए।

उनके विचार समाज को सही राह पर मार्गदर्शन हमेशा देता रहा है,उनके उपदेशों के चलते आज समाज में जातिगत मतभेदों को दरकिनार कर आपसी भाईचारे, प्रेम,स्नेह, व एकता के साथ भक्तिरस से समाज को पिरोने का महत्व मिलता है। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अध्यक्ष गुरुप्रसाद भांडेकर,उपाध्यक्ष दिलीप गौंधरे, विशेस सलाहकार तपसी भांडेकर,कोषाध्यक्ष रोहित टांडेकर,सचिव विक्रम भांडेकर,संयोजक छबिलकुमार, मधु प्रसाद, चिंताराम, यशवंत जगनायक,रायपुर सिविल कोर्ट अधिवक्ता नितिन भांडेकर आदि उपस्थित रहे।



Ads Atas Artikel

Ads Atas Artikel 1

Ads Center 2

Ads Center 3