त्याग ही गीता है:- पं. डामन तिवारी

त्याग ही गीता है:- पं. डामन तिवारी

त्याग ही गीता है:- पं. डामन तिवारी

त्याग ही गीता है:- पं. डामन तिवारी


समीप स्थित ग्राम सेम्हरडीह में श्री धर्मराज प्रीतम,रीनाबाई प्रीतम द्वारा अपने पुर्वजों के नाम से नव दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कराया जा रहा था । जिसमें प्रवचनकर्ता के रूप में पंडित डामन लाल तिवारी द्वारा भगवान के समूचे अवतारों का विस्तार पूर्वक कथा के माध्यम से बताया गया तथा आज अंतिम दिवस पर पं.श्री डामन लाल तिवारी द्वारा गीता पाठ कर तुलसी वर्षा करवाया गया। नव दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में पंडित डामन लाल तिवारी द्वारा बताया गया कि बिना भाव के भगवान किसी भी चीजों को ग्रहण नहीं करते हैं। यदि सच्चे मन से अगर एक फूल भी चाहा दिया जाए तो भगवान प्रसन्न होकर ग्रहण करते हैं। 

जिस व्यक्ति में ईश्वर की प्रेम भाव उत्पन्न हो जाए वह बहुत जल्द परमधाम की प्राप्ति करता है। भगवत गीता के दौरान श्री कृष्ण जन्म उत्सव मनाया गया। इस दौरान भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप झांकी भी दिखाया गया। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान भगवान की चरित्र का वर्णन करते हुए माखन चोरी बाल लीला, व सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए झांकी के माध्यम से बताया गया।

श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक द्वारा तुलसी वर्षा कर समस्त गांव वासियों को तुलसी स्नान कराया गया, तुलसी स्नान के बाद समस्त गांव वासियों द्वारा स्वेच्छानुसार कथावाचक पंडित श्री डामनलाल तिवारी जी को दान देकर पुन्य प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। तथा अंतिम दिवस पर समस्त ग्राम के भक्तो के लिए महाप्रसादी भंडारा का आयोजन किया गया। श्री मद भागवत कथा के मुख्य आयोजक के रूप में धर्मराज प्रीतम, रीना बाई प्रीतम, मोती लाल, घनश्याम सिंह गोर्रा, खुबलाल प्रीतम, व समस्त प्रीतम परिवार का सहयोग रहा।





उक्त जानकारी धनेश साहू द्वारा दिया गया

Ads Atas Artikel

Ads Atas Artikel 1

Ads Center 2

Ads Center 3