एक तरफ बीएसपी को हो रहा करोड़ों का नुक़सान दूसरी तरफ बीएसपी के अधिकारी ठेकेदार के साथ मिलकर करोड़ों रूपए के कर रहे हैं व्यारे न्यारे, भारतीय मजदूर संघ
भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद और खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष एम पी सिंग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आज लगातार दूसरे दिन महामाया के ठेका श्रमिकों ने अपने जायज मांगों के लिए महामाया खदान के उत्पादन कार्य को पूरी तरह बंद रखा है और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है जब तक हमारी मांगे मान नहीं ली जाती कार्य पूर्ण रूप से बंद रखा जायेगा। ईस संबंध में अनुविभागीय दंडाधिकारी दल्ली राजहरा जिला बालोद को बीएसपी के महामाया खदान में कार्यरत ठेका श्रमिकों के द्वारा कार्य बंद किये जाने एवं उनकी मांगों के बाबत जानकारी एवं उसपर उचित कार्यवाही हेतु ज्ञापन सौंपा।
भारतीय मजदूर संघ के दोनों नेताओं ने बताया कि बीएसपी के महामाया खदान में कार्यरत श्रमिकों द्वारा संघ के माध्यम से विगत आठ माह से, बीएसपी प्रबंधन के समक्ष कुछ मांग रखी गयी थी। उक्त मांगों पर विगत आठ माह बीएसपी प्रबंधन एवं ठेकेदार द्वारा समुचित समाधान न करने के वजह से दिनांक 26.02.2023 से भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में श्रमिकों ने असहयोगात्मक कारवाई करते हुए काम बंद कर दिया है। जिसपर संघ ने निम्न तथ्यों को रखते हुए अनुविभागीय अधिकारी से इस तारतम्य में श्रमिकों के जायज मांग को पूर्ण कराने हेतु सभी सम्बंधित पक्षों के साथ बैठक लेकर समस्या के समाधान हेतु पहल करने का निवेदन करता है।
संघ के नेताओं ने बताया कि प्रकरण का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार से है महामाया खदान में कार्यरत टिप्पर ड्राइवर और ऑपरेटर्स को केंद्र सरकार द्वारा तय किये गए कुशल कामगार का वेतन दिया जा रहा है। इस सम्बन्ध में उनका कहना यह है कि बीएसपी के अन्य खदानों में टिप्पर ड्राइवर और ऑपरेटर्स का कार्य कर रहे ठेका श्रमिकों को काम के शुरुवात से हीअतिकुशल श्रेणी के कामगार का वेतन भुगतान किया जाता रहा है जबकि महामाया के श्रमिकों को काम करते हुए आज लगभग दस वर्ष हो चुका है फिर भी उन्हें आज भी कुशल श्रेणी का ही भुगतान किया जाता है। इस सम्बन्ध में उनके द्वारा संघ के समक्ष अपील करते हुए अतिकुशल श्रेणी का भुगतान दिलवाने की मांग की गयी । श्रमिकों के इस मांग पर जब संघ ने जानकारी जुटाई तो यह बात सामने आयी कि श्रमिकों का कथन सही है। राजहरा, दल्ली, झरदल्ली के खदानों एवं हितकसा डैम में टिप्पर ड्राइवर और ऑपरेटर्स को पहले ही दिन से अतिकुशल श्रेणी का भुगतान किया जाता रहा है जबकि महामाया खदान में कार्यरत कुछ श्रमिकों को आज भी कुशल श्रेणी का ही भुगतान किया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में प्रबंधन एवं ठेकेदार पक्ष का कहना है कि श्रमिकों का भुगतान नियमानुसार हो रहा है और वे इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं। जहाँ तक राजहरा, दल्ली, झरदल्ली के खदानों एवं हितकसा डैम में टिप्पर ऑपरेटर्स को पहले ही दिन से अतिकुशल श्रेणी का भुगतान किये जाने की बात है तो वो ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है और अगर ठेकेदार निर्धारित दर से अधिक का वेतन भुगतान करता है तो इसके लिए वे कुछ नहीं कर सकते है लेकिन अगर ठेकेदार नियम से कम भुगतान करता है तभी वे पहल कर सकते हैं। प्रबंधन के इस पक्ष से असहमत होते हुए संघ ने कई बार पत्रव्यवहार किया । नवंबर 2022 में भी श्रमिकगण आक्रोशित होकर काम बंद करने की बात कहने लगे थे तब भी संघ ने उन्हें ऐसा करने से रोकते हुए चर्चा के माध्यम से समाधान निकालने का प्रयास जारी रखा। यहाँ यह बात भी गौर करने की है कि उक्त मामला उप मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) रायपुर के समक्ष भी रखा गया जिसपर उन्होंने इसे औद्योगिक विवाद के रूप में पंजीकृत तो नहीं किया किन्तु इस मामले में उनके द्वारा सभी पक्षों को बुलाकर कई दौर की वार्ता की गयी जिसमें उन्होंने प्रबंधन एवं ठेकेदार दोनों को समस्या के समाधान हेतु कदम उठाने के लिए कहा किन्तु आज तक दोनों पक्षों द्वारा इस सम्बन्ध में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गयी और न ही कभी चर्चा हेतु प्रयास किया गया। इस बीच संघ को इस बात की जानकारी मिली कि ठेकेदार द्वारा श्रमिकों से लगातार ओवरटाइम कराया जा रहा है किन्तु सरकार के नियमानुसार ओवरटाइम का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा श्रमिकों से ओवरटाइम तो कराया जा रहा है किन्तु उन्हें नियमानुसार ओवरटाइम हेतु दुगुना भुगतान नहीं किया जा रहा है। उक्त गलत परंपरा और प्रक्रिया केवल महामाया खदान में ही नहीं बल्कि सभी खदानों में अपनाई जा रही है और इसके लिए नियुक्त जिम्मेदार विभाग के जिम्मेदार अधिकारीयों द्वारा ठेकेदारों के बिल भुगतान हेतु किस आधार पर NDC दी जा रही है यह अपने आप में कई प्रश्न खड़े करता है। इससे यह बात भी स्थापित होती है कि बीएसपी खदान प्रबंधन द्वारा देश के संविधान और कानून की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है और ठेकेदारों को अनैतिक कार्य करने की खुली छूट दी जा रही है।
इस सन्दर्भ में संघ को यह जानकारी भी मिली कि महामाया में ही एम्बुलेंस ड्राइवर के रूप में कार्यरत श्रमिकों को ओवरटाइम करने हेतु नियमानुसार दुगुना वेतन मांगने पर ठेकेदार द्वारा मना कर दिया गया और जब श्रमिकों ने नियमानुसार वेतन नहीं दिए जाने पर ओवरटाइम करने से मना कर दिया तब ठेकेदार द्वारा उन्हें कार्य से हटा दिया गया और इसी बीएसपी प्रबंधन केजिम्मेदार अधिकारीगण, जो अपने आपको कानून का रखवाला कहते हैं, चुपचाप तमाशा देखते रहे। उपरोक्त तथ्यों के प्रकाश में संघ बीएसपी प्रबंधन के समक्ष श्रमिकों के हितार्थ मांगों को रखते हुए स्पष्ट करता है कि जबतक बीएसपी प्रबंधन एवं ठेकेदार द्वारा श्रमिकों के निम्न विधिसम्मत मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तब तक संघ के नेतृत्व में दिनांक 26.02.2023 से शुरू की गयी काम बंद जारी रहेगी। संघ द्वारा प्रस्तुत मांगें इस प्रकार से हैं
(1) महामाया खदान में कार्यरत उन सभी टिप्पर ऑपरेटर्स को, जिन्हें आज कुशल श्रेणी का न्यूनतम वेतन भुगतान किया जा रहा है, अतिकुशल श्रेणी का भुगतान तत्काल शुरू किया जावे।
(2) बीएसपी के सभी खदानों में चल रहे प्रत्येक ठेकों में ओवरटाइम का भुगतान केंद्र सरकार के नियमानुसार, दुगुना वेतन देकर किया जावे और अबतक जिस भी ठेके में ठेकेदार द्वारा नियमानुसार भुगतान नहीं किया गया है उसमें श्रमिकों को ओवरटाइम के बकाया पैसे के एरियर्स का भी भुगतान सुनिश्चित की जावे।
(3) महामाया खदान में एम्बुलेंस के ठेकेदार द्वारा की जा रही मनमानी पर तत्काल लगाम लगाई जावे और अपने वाजिब एवं विधिसम्मत मांग करने पर कार्य से निकाले गए एम्बुलेंस ड्राइवर को तत्काल काम पर रखा जावे एवं गलत तरीके से निकाले जाने हेतु जिम्मेदार ठेकेदार पर तत्काल प्रतिबंधात्मक कारवाई की जावे । साथ ही महामाया में तत्काल पूर्व में लगे एम्बुलेंस सेवा को पुनः शुरू की जावे ।
(4) महामाया खदान में ठेकेदार द्वारा अकुशल श्रेणी के श्रमिकों से कुशल श्रेणी का कार्य कराया जा रहा है और इसकी जानकारी होने पर भी खदान प्रबंधक द्वारा चुप्पी साध ली गयी है। संघ यह मांग करता है कि ऐसे सभी श्रमिकगण जो अपने श्रेणी से उच्च श्रेणी का कार्य कर रहे हैं उन्हें तत्काल एरियर्स सहित उच्च श्रेणी का भुगतान किया जावे।
(5) महामाया खदान प्रबंधन के समक्ष लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के मामले पर त्वरित कारवाई करते हुए आश्रितों को तत्काल काम पर रखा जावे।
(6) केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन और वास्तविक रूप से किये गए भुगतान के 16 माह की डिफरेंस राशि का भुगतान तत्काल किया जावे।
(7) ठेका श्रमिकों को खदान भत्ता का भुगतान दिनांक 01.04.2022 से किया जाना था जिसके लिए बीएसपी प्रबंधन एवं विभिन्न श्रम संगठनों के साथ लिखित समझौता भी हुआ था। किन्तु प्रबंधन द्वारा ऐसा न करते हुए खदान भत्ता का भुगतान 3-4 माह बाद किया गया जिसके वजह से समस्त आईओसी के ठेका श्रमिकों में आक्रोश है। संघ प्रबंधन के इस वादाखिलाफी का कड़े शब्दों में निंदा करता है और मांग करता है कि 01.04.2022 से ठेका श्रमिकों को दिए जाने वाले खदान भत्ते की राशि का भुगतान तत्काल सुनिश्चित की जावे।
(8) श्रम संगठनों के साथ बीएसपी प्रबंधन द्वारा ठेका श्रमिकों के मेडिकल सुविधा हेतु जो समझौता किया गया है उसका सही तरीके से पालन सुनिश्चित किया जावे।
(9) ठेके शर्तों में उल्लेखित सभी सुरक्षा नियमों का ठेकेदार द्वारा पालन कड़ाई के साथ सुनिश्चित की जावे। खदानों में बेंचों और सडकों की नियमानुसार समुचित चौड़ाई, सडकों पर धुल दबाने हेतु समुचित संख्या में पानी के टैंकर्स एवं केंद्र सरकार द्वारा श्रमिकों के सुरक्षा और हितार्थ बनाये गए सभी नियम और कानूनों की ठेकदार द्वारा कड़ाई से पालन सुनिश्चित की जावे ।
(10) महामाया खदान में कार्यरत श्रमिकों एवं महामाया टाउनशिप में रहने वालों के लिए पीने का साफ पानी उपलब्ध कराया जावे।
(12) महामाया मंदिर से लेकर गोटुलमुण्डा तक सड़क संधारण का कार्य करते हुए नए सड़क
का निर्माण किया जावे।
(12) महामाया खदान में निकलने वाले सभी ठेकों में स्थानीय व्यक्तियों को प्राथमिकता सुनिश्चित की जावे।
इस सन्दर्भ में संघ आपसे यह निवेदन करता है कि देश हित, उद्योग हित और श्रमिक हित को ध्यान में रखते हुए आप संघ द्वारा की जा रही इन वाजिब और विधिसम्मत मांगों पर सकारात्मक पहल करते हुए सभी पक्षों के साथ बैठक करके समस्या के निराकरण हेतु पहल करेंगे ।
ईस ज्ञापन की प्रतिलिपि बीएसपी प्रबंधन के सक्षम अधिकारीयों और सीएसपी राजहरा,थाना प्रभारी राजहरा और थाना प्रभारी महामाया को भी दी गई है।
थाना प्रभारी महामाया को ज्ञापन सौंपने जिला मंत्री मुश्ताक अहमद, रैन सिंह टेकाम,सजवन सिन्हा, कुशल टैकाम शामिल थे।
श्री मुश्ताक अहमद जी की खबर