हिन्दू धर्म ही एकमात्र धर्म है , इस्लाम मजहब ओर ईसाई रिलीजन मात्र है: राम बालक दास जी
बालोद जिला के पाटेश्वर धाम के संत श्री राम बालक दास जी का भजन सत्संग उनके व्हाट्सएप ग्रुप में प्रातः 10:00 से 11:00 बजे उनके भक्त जनों के लिए रोज आयोजित किया जाता है जिसमें विभिन्न धार्मिक चर्चा के साथ विभिन्न धार्मिक समसामयिक विषयों पर जिज्ञासाओं का समाधान भी किया जाता है आज के सत्संग परिचर्चा में रिचा बहन ने जिज्ञासा रखी की क्या धर्म भी परिवर्तित किया जा सकता है....
यदि नहीं तो धर्मांतरण क्या है कृपया बताएं, बाबा जी ने स्पष्ट किया कि सर्वप्रथम तो धर्मांतरण नाम की कोई चीज होती ही नहीं, आत्मा अजर अमर है वह शरीर बदलती है जैसे एक इंसान कपड़े बदलता है लेकिन धर्म इस प्रकार नहीं है धर्म को हम कपड़े की तरह नहीं बदल सकते जो हिंदू है वह हिंदू ही रहेगा,कोई कहता है कि हम इसाई बन गए मुस्लिम बन गए तो वह गलत है इस तरह से होता तो रोज लोग दिन में 10 धर्म बदल दे,धर्मांतरण केबल लालच लोभ एवं पाखंड है जो कहता है कि मैं धर्मांतरण कर चुका हूं और जो कहते हमने उसे धर्मातरित कर दिया दोनों ही झूठ है,पूरे विश्व में धर्म क्या है यह जान लेना आवश्यक है वह केवल हिंदू धर्म ही है अगर काई इसाई है या मुस्लिम है तो यह धर्म नहीं है धर्म की संज्ञा केवल और केवल हिंदू धर्म को ही प्राप्त है यह एक संस्कृत का शब्द है ईसाई को एक रिलीजन माना जाता है और मुस्लिम एक समुदाय या मजहब मात्र है मुसलमान तो धर्म को हराम मानते हैं इसीलिए हिंदू ही एकमात्र धर्म है जो कभी बदल नहीं सकता हिंदू है वह हिंदू ही रहेगा
रायपुर से दाताराम साहू जी ने जिज्ञासा रखी की "यदि नाम जन्म भूयो भवति मदीयैः पुनर्दोषैः।तस्मिस्तस्मिश्ज्न्मनि भवे भवेन्मेअक्षया भक्तिः ।।" महाभारत, गुरुदेव जी इस श्लोक पर प्रकाश डालने की कृपा करें, बाबा जी ने इसका स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि यहां पर महाभारत के अनुशासन पर्व का उल्लेख है यहां पर भगवान शिव से विनती की जा रही है कि बार-बार के जन्म मरण से,,हे मेरे औघड़ दानी आप मुझे मुक्त कर दो,अगर फिर भी आपको यदि लगता है कि मैं दोषी हूं और मुझे बार-बार जन्म लेना ही होगा तो आप मुझे अपने चरणों में जगह दो आपमें मेरी अविरल भक्ति हो आपकी श्रद्धा हमेशा मेरे हृदय में वास करें यही मेरी विनती है यदि मुझे जन्म लेना भी पड़े तो आपके चरणो में हमेशा मेरे प्रति बनी रहे
इस प्रकार आज का ऑनलाइन सत्संग संपन्न हुआ जय गौ माता जय गोपाल जय सियाराम