बीमा राशि के लिए धरने पर बैठे किसान, इधर किसानों ने प्रशासन पर गुमराह करने का लगाया आरोप

बीमा राशि के लिए धरने पर बैठे किसान, इधर किसानों ने प्रशासन पर गुमराह करने का लगाया आरोप

बीमा राशि के लिए धरने पर बैठे किसान, इधर किसानों ने प्रशासन पर गुमराह करने का लगाया आरोप

बीमा राशि के लिए धरने पर बैठे किसान, इधर किसानों ने प्रशासन पर गुमराह करने का लगाया आरोप



बुधवार को डौंडी के तहसील ऑफिस के सामने क्षेत्र के किसानों ने दोपहर से शाम तक वर्ष 2020 की फसल बीमा राशि की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों से चर्चा के लिए कोई भी सरकारी अफसर नहीं आए। जिससे गुस्साए किसानों ने कहा कि वे लोग अपनी मांग को लेकर गुरुवार से सभी लोग इसी स्थान पर अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन करेंगे।

किसान संघ के बड़कू लाल कुशवाहा, फागू राम आल्हा व अन्य किसानों ने ने कहा कि साल 2020 की फसल बीमा राशि की मांग को लेकर पिछले 13 महीने से लड़ रहे हैं। इससे पहले 7 जनवरी 2022 को कोटागांव सोसायटी प्रांगण में आंदोलन किए थे। बाद में डौंडी के तहसील कार्यालय के सामने कई बार आंदोलन किए। इस दौरान तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार द्वारा बीमा राशि दिलाने मे सहयोग करने का झूठा आश्वासन दिया गया।

किसानों ने बताया कि कि साल 2020 में गांव को इकाई मान कर फसल बीमा किया गया था। जिसमें उस समय 2020-21 के फसल कटिंग की रिपोर्ट के अनुसार डौंडी के 8 किसानों, कामता के 2, सल्हाईटोला के 20 और कोटागांव के 7 किसानों राशि दिया गया था।

जबकि डौंडी सोसाइटी के अंतर्गत पंजीकृत करीब 2900 किसानों का फसल बीमा कराया था। शाम को किसानों ने तहसीलदार एचआर नायक को पत्र सौंपकर गुरुवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठने की जानकारी दी। किसानों की मांग के बारे में चर्चा करने पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के नोडल अधिकारी कुसुम ठाकुर ने बताया कि बैंक के रिकॉर्ड में डौंडी ब्लॉक असचिंत क्षेत्र में आता है और किसानों की प्रीमियम असिंचित पर ही लिया गया था। बैंक में कुछ तकनीकी और कुछ त्रुटि से कुछ किसानों का नाम दूसरे गांव में दर्ज हो गया था।

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