जैसा कर्म करोगे वैसा फल मिलेगा,,,संत रोचक लाल साई
सच्चो सतराम धाम के राजा साई के सुपुत्र संत रोचक लाल साई रहरकी सिंध प्रांत से भारत पधारे देश के अलग-अलग प्रदेशों के अलग-अलग शहरों में उनका आगमन हुआ इस शुभ अवसर पर छत्तीसगढ़ की न्याय धानी बिलासपुर शहर से 12 किलोमीटर दूर धर्म नगरी झूलेलाल नगर चकरभाटा के श्री सिंधु अमरधाम आश्रम में पधारे रात्रि 8:00 बजे बाबा गुरमुखदास सेवा समिति के द्वारा साईं जी का ढोल बाजे बाजे वह आतिशबाजी के साथ भव्य स्वागत किया गया इस अवसर पर श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के द्वारा संत जी के मंदिर में आगमन पर फूलों की वर्षा कर तिलक लगाकर आरती उतारी गई
संत जी ने मंदिर में पहुंचकर गर्भ ग्रह में भगवान झूलेलाल जी की दिव्य मूर्ति के दर्शन किए बाबा गुरमुख दास जी की मूर्ति के दर्शन किए वह माथा टेका सत्संग की शुरूआत भगवान झूलेलाल वह बाबा गुरु मुख दास जी के फोटो पर पुष्प अर्पण कर दीप प्रजव्लीत करके की गई
संत जी के साथ में आई भजन मंडली के द्वारा कई भक्ति भरे भजनों की शानदार प्रस्तुति दी गई जिससे सुनकर उपस्थित भक्तजन झूम उठे संत लाल साई जी ने अपनी अमृतवाणी में फरमाया कि सिंध की महिमा अपरंपार है संतो की महापुरुषों की तपोभूमि है धन्य है वह लोग जो सिंध की धरती में जन्म लिया है धन्य है वह लोग जो सिंध में रहते हैं धन्य है वह लोग जिनका सिंध से वास्ता है धन्य है वह लोग जिसने सिंधी कुल में जन्म लिया है
सिंध प्रांत गुलाब के फूल की तरह है जो अपनी खुशबू से चारों तरफ महक की महक फैला देता है लोगों को अपनी और आकर्षित करता है और प्यार देता है सम्मान देता है सिंध से ही हिंद का जन्म हुआ है
सिंधु में ही वेदों की रचना हुई सबसे पुरानी सभ्यता सिंधु घाटी की सभ्यता है बंटवारे का दर्द सबसे ज्यादा अगर किसी ने सहन किया है तो वह सिंधी समाज और हिंदू समाज ने किया है सब कुछ अपना छोड़ कर आ गए ना रहने को घर था ना खाने को रोटी थी न पहनने को कपड़ा था न सोने की जमीन थी किस तरह हमारे पूर्वजों ने तकलीफ सही होगी यह सोचकर आंखों से आंसू बहते हैं रातों की नींद हराम हो जाती है ओर आज हम लोग आराम से सोते हैं अच्छे कपड़े पहनते हैं अच्छा खाना खाते हैं तो सिर्फ अपने पूर्वजों की कारण और भगवान झूलेलाल के आशीर्वाद के कारण हमारे पूर्वजों ने इतनी मेहनत की कि आज खुशहाली से जी पा रहे हैं और सांस ले पा रहे हैं ऐसी महान नगरी से ऐसे महान जगह से आज हमारे बीच संत रोचक लाल जी का आगमन हुआ है धन है आप सब लोग जो आपको ऐसे संत का दर्शन हो रहा है अब वह घड़ी आ गई जिसका सभी को इंतजार था संत साईं रोचक लाल जी ने अपनी अमृतवाणी में कहा कि धन्य हूं मैं कि मुझे ऐसे तपोभूमि में ऐसे पवित्र जगह में धर्म नगरी में श्री झूलेलाल के मंदिर में आने का मौका मिला पहली बार इस जगह पर आया हूं और ऐसा लग रहा है कि मैं अपने घर सिंध में बैठा हूं धन्य हो गया मैं आप जैसी प्यारी संगत के दर्शन करके संत कहते हैं भक्तों में भगवान वास करते हैं साई जी ने भक्त कवर राम साहिब जी का एक प्रसंग सुनाया कि भक्त कवर राम साहेब जी अपना सारा जीवन लोगों के परोपकार में लगा दिया संतों की सेवा में लगा दिया भगवान की भक्ति में लगा दिया और उनका कहा गया एक एक शब्द सत्य वचन होता था मानव भगवान ने कहा है उनके शब्दों को उनके वचन को भगवान भी नहीं झुठला सकते थे जो वह कह देते थे वह सत्य हो जाता था।
ऐसे तो उनकी अनेकों घटनाएं हैं अनेकों कहानियां अनेकों बातें हैं पर एक वाक्य है जो मैं आप लोगों को बता रहा हूं 1 दिन एक बुजुर्ग महिला अपने छोटे से बेटे को लेकर 5 किलोमीटर दूर के साथ पहुंची और भक्त कवर राम साहिब जी बैठे थे उन्हें कहा कि मेरा छोटा बेटा है 4 साल का है जो बहुत अच्छा व ज्ञानवान है बुद्धिमान है और मीठी बातें भी करता है बस एक बात है कि गुड़ ज्यादा खाता है इसे समझाओ कि गुड कम खाएं आज मैं कुछ नहीं बोलूंगा कल मैं समझा लूंगा दूसरे दिन फिर अपने बच्चे को लेकर दरबार में पहुंची और बताया कि कल मैं आई थी आपने कहा था कि आज आना संत कवर राम साहिब जी ने छोटे से बालक के ऊपर हाथ रखा और कहा बेटा आज के बाद गुड़ ज्यादा मत खाना यह बात सुनकर बेटे की मां ने कहा यह बात तो कल भी आप बोल सकते थे ना में 5 किलोमीटर दूर से आई हूं आपके पास भक्तों को आराम साहेब हंसने लगे और कहा कल बोल सकता था लेकिन कल मैने भी गुड खाया आया था इसलिए बात नहीं की
संतों का जीवन भक्तों की भलाई के लिए परोपकार के लिए होता है वह हमेशा दिन रात सोते जागते भक्तों के परोपकार के लिए प्रभु से प्रार्थना करते रहते है संत कभी भी अपना भला नहीं सोचता है दूसरों का भला सोचता है दूसरों का भला करता है पर आज के जमाने में दो प्रकार गुण होते हैं वह एक सद्गुण एक अवगुण लोग अच्छे कर्म को जल्दी नहीं अपनाते हैं और बुरे कर्मों को जल्दी अपना लेते हैं अगर किसी इंसान में 10 अच्छे गुण होंगे वह एक अवगुण होगा तो सामने वाला 10 अच्छे गुणों को भूल जाएगा एक अवगुणों को याद रखेगा और सबको बताएगा आज इंसान इंसान को ही नीचा दिखाने की कोशिश करता है उसे गिराने की कोशिश करता है पर वह भूल जाता है ऐसा करके वह अपना ही अवगुण को और बढ़ा रहा है अपने ही पापों को और बढ़ा रहा है अपने अच्छे कर्मों को कम कर रहा है जैसा कर्म करोगे फल की प्राप्ति भी वैसे ही होगी इसलिए हमेशा अच्छे कर्म करो अच्छी बातें करो सबका भला सोचो सबका भला करो अगर किसी का भला नहीं भी कर सकते हो तो बुरा भी मत करो बुरा भी मत बोलो अच्छा नहीं बोल सकते हो तो माता पिता गुरु ,, भगवान के समान होते हैं इनका निरादर कभी मत करना अगर ऐसा करोगे तो जीवन भर में कभी भी सुखी नहीं रह पाओगे साईं जी के द्वारा भी भक्ति भरे भजन गाए जीसे सुनकर उपस्थित भक्तजन भाव विभोर हो गए वरुण साईं ने भी भक्ति भरा भजन गाया
,,जो सच्चा सिंधी है वह भगवान का लाल का फोटो जरूर लगाएं हर-हर झूलेलाल घर-घर झूलेलाल,,
कार्यक्रम के आखिर में संतलाल साई के द्वारा साईं रोचक लाल जी का पाखरं पहनाकर हार पहना कर स्वागत किया गया बाबा गुरुमुख दास सेवा समिति के द्वारा फूलों की माला पहना कर सम्मान किया गया
साईं रोचक लाल साहिब जी ने संत लाल साई जी को सिंध आने का निमंत्रण दिया और कहा आप भी सिंध में संगत को दर्शन दीजिए अपने अमृत वर्षा से उन्हें निहाल कीजिए संतलाल साई जी ने उनका निमंत्रण को सिवकार किया और कहा व सिंध जरूर आएंगे सत्संग के अंत में आरती की गई अरदास की गई पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया आई हुई संगत के लिए आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्त जनों ने भंडारण किया इस पूरे आयोजन को सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे भक्तों ने आज के सत्संग आनंद लिया आज के सत्संग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन बिलासपुर चकरभाटा बिल्हा भाटापारा तिल्दा रायपुर दुर्ग रायगढ़ शामिल हुए इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा
श्री विजय दुसेजा जी की खबर