महिलाएं सिर मुंडवा रही हैं कुछ तो शर्म करे कांग्रेस- ओजस्वी भीमा मंडावी

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अनुकंपा नियुक्ति की मांग करने वाली बहनें कलेक्टर की नौकरी नहीं अपना अधिकार मांग रही हैं : ओजस्वी भीमा मंडावी


दंतेवाडा/छत्तीसगढ़: ओजस्वी भीमा मंडावी (प्रदेश मंत्री,भारतीय जनता पार्टी) ने कहा कि आज अनुकंपा नियुक्ति की मांग करने वाले, अपने अधिकार के लिए लड़ने वाले आत्महत्या करने को विवश है और प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रियंका गांधी को खुश करने के लिए उनके स्वागत में फूलों का कारपेट बिछा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कि कांग्रेस ने शासकीय सेवा के दौरान जान गवाने वाले लोगों के परिवार को शासकीय नौकरी देने की घोषणा की थी लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने किए वादों को अभी तक पूरा नहीं किया है। प्रदेश के लिए यह शर्म की बात है कि प्रदेश की बागडोर ऐसे हाथों में गया है जो केवल एक परिवार तक ही सीमित है उसके लिए प्रदेश की जनता कोई महत्व नहीं रखती है। अनुकंपा नियुक्ति की मांग करने वाले अपने परिवार के साथ लगातार आंदोलनरत है और अपनी जान तक देने को तैयार है। लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नजर आज तक इनकी तरफ नहीं गई है। ओजस्वी भीमा मंडावी ने कहा कि आज प्रदेश की एक बेटी अपने पति के अधिकार को मांगते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ रो-रो कर कह रही है कि हमारा एवं हमारे परिवार का क्या कसूर है जो प्रदेश की कांग्रेस सरकार हमारे साथ इस तरह का बर्ताव कर रही है। हमारे साथ अनुकंपा नियुक्ति देने की घोषणा प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल करते हैं लेकिन आज तक उन घोषणाओं को पूरा नहीं किए है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की बेटी-बहू अपने पिता व पति का अधिकार मांग रही है लेकिन प्रदेश की दमनकारी कांग्रेस सरकार अपने किए वादों से बचने के लिए अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों के ऊपर कहीं लाठीचार्ज करते हैं तो कभी उनको पुलिस के जूतों के तले दबाकर उनके आंदोलन को समाप्त करने की कोशिश करते हैं। ओजस्वी भीमा मंडावी ने कहा कि कांग्रेस का चरित्र ही रहा है वादाखिलाफी करना। प्रदेश आज शर्मसार है क्योंकि प्रदेश की बागडोर एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में हैं जो अपने आकाओं को खुश करने के लिए प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी दांव पर लगा देती है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने राष्ट्रीय अधिवेशन करने के लिए प्रदेश का खजाना गांधी परिवार और अपने चहेते नेताओं के लिए खोल देते हैं। लेकिन अनुकंपा नियुक्ति की मांग करने वाले की मांगों को पूरा करने के लिए उनके पास ना तो नौकरी है। और ना ही संवेदना के दो शब्द।विधवा बहनें 133 दिनों से धरने पर हैं। अपनी जान तक देने को तैयार हैं। लेकिन कांग्रेस सरकार की नजर आज तक इनकी तरफ नहीं गई है।

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