एफ आई आर होने पर 3 साल की सजा का है प्रावधान- रोहित मालेकर, निरीक्षक, एंटी क्राइम एवम् साइबर यूनिट, रायपुर (छ. ग.)

एफ आई आर होने पर 3 साल की सजा का है प्रावधान- रोहित मालेकर, निरीक्षक, एंटी क्राइम एवम् साइबर यूनिट, रायपुर (छ. ग.)

एफ आई आर होने पर 3 साल की सजा का है प्रावधान- रोहित मालेकर, निरीक्षक, एंटी क्राइम एवम् साइबर यूनिट, रायपुर (छ. ग.)

जानिए क्या है आई पी सी की धारा 152

एफ आई आर होने पर 3 साल की सजा का है प्रावधान- रोहित मालेकर, निरीक्षक, एंटी क्राइम एवम् साइबर यूनिट, रायपुर (छ. ग.)


दोस्तों अक्सर जाने अनजाने में हम किसी भीड़ या मोब लिंचिंग का हिस्सा बन जाते है .और भीड़ जैसा करती है वैसा करने लग जाते है ,जैसे किसी मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन करना ,तत्काल कार्यवाही की मांग करना ,इसके लिए गैर कानूनी तरीके का उपयोग करना ,व्यवस्था बनाये रखने के लिए ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक प्रशासनिक एवम पुलिस बल पर हिंसात्मक रवैया अपनाते हुए , पुलिस बल को बेइज्जत करना रोकना ,धमकाना ,पुलिस पर हाथापाई धक्का मुक्की ,कपडे फाड़ना लगाये बैरियर को तोड़ना आदि, 

लोक सेवक पर कोई ड्यूटी के दौरान उस पर हाथापाई /हमला करता है ,कोई भी व्यक्ति यदि ऐसा कृत्य करता है तो ipc की धारा 152 के तहत, तथा 332 ,353 आईपीसी के तहत ऍफ़ आई आर होने पर अधिकतम उसे,तीन साल तक की सजा हो सकती है ! ये धाराएं गंभीर एवम अजमांनतीय प्रकृति की होती है ,तत्काल जमानत होने की भी संभावना नहीं होती ,समझौता योग्य भी नहीं होते है।।

मॉब लिंचिंग के दौरान यदि कोई शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचता है ,तो धारा 3 लोक संपत्ति हानि निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत 5 साल तक की सजा हो सकती है।

दोस्तो ध्यान रहे ,संविधान सभी नागरिकों को शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन का अधिकार देता है लेकिन,इस अधिकार के तहत आप दूसरो के मौलिक अधिकारों को प्रभावित नहीं कर सकते किसी भी धरना-प्रदर्शन में हिंसा की इजाजत संविधान नहीं देता है। किसी प्रकार की मांग को लेकर किया जाने वाला धरना प्रदर्शन शांति पूर्ण तरीके से होना चाहिए ,जो कानून व्यवस्था की स्थिति उपन्न न करे।

 सावधान रहें सुरक्षित रहें


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