ब्रह्मलीन संत बाबा गेलाराम साहिब जी का 93 वा अवतरण दिवस हर्षोऊल्लास के साथ मनाया गया
जलगांव के ब्रह्म स्वरूप संत शिरोमणि बाबा गेलाराम साहब जी का 93 वां जन्मोत्सव संत बाबा हरदास राम सेवा मंडल गोदड़ी धाम बिलासपुर में अत्यंत ही धूमधाम एवं हर्षोऊल्लास के साथ मनाया गया कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 12:00 बजे श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की सवारी का आगमन हुआ
उसके पश्चात भाई साहब ग्वालदास जी के द्वारा भजन सत्संग कीर्तन कर भक्त जनों को निहाल किया दोपहर 2 बजे आरती की गई अरदास की गई पललो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया आई हुई साध संगत के लिए आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तजनों ने भंडारा ग्रहण किया रात्रि 8:00 बजे से 10:00 बजे तक बाबा आनंद राम दरबार चकरभाटा के भाई साहब श्री बलराम भैया एकादशी वाले जी के द्वारा सत्संग मैं अपनी अमृतवाणी मे ब्रह्मलीन बाबा गेलाराम साहिब जी के जीवन के बारे में प्रकाश डाला एव ज्ञानवर्धक एक कथा सुनाई
एक जंगल मैं दो भक्तजन राम और श्याम एक पेड़ के नीचे तपस्या करते हैं भगवान को पाने के लिए दर्शन करने के लिए कुछ समय बाद नारद मुनि उपस्थित होते हैं और शयाम के पास जाते हैं नारद मुनि जी को को देखकर शयाम कहता है क्या भगवान हमें दर्शन देंगे भगवान ने क्या संदेश भेजा है नारद मुनि कहते हैं इस पेड़ में जितने पत्ते हैं उतने साल तुम जब तपस्या पूरी करोगे तब भगवान के दर्शन होंगे शयाम पेड़ को देखता है तो छोटे-छोटे हजारों पत्ते होते हैं शायाम कहता है इतनी तो हमारी उम्र भी नहीं है इसके लिए क्या हमें 10 जन्म तपस्या करनी होगी गुस्से में वह अपना कर मंडल फेंक कर और नारद मुनि को प्रणाम करके कहता है कि प्रभु के दर्शन हमें नहीं चाहिए हम जा रहे हैं अपने घर वापस भला बुरा कह कर घर चला जाता है तब नारद मुनि दूसरे भक्त राम के पास पहुंचते हैं तब राम नारद मुनि को प्रणाम कहते हैं और पूछते हैं नारद जी भगवान ने हमारे लिए क्या संदेशा भेजा है क्या हुआ मुझे दर्शन देंगे नारद मुनि जी कहते हैं एक का तो मैंने अभी जवाब दिया तो वह गुस्से में भगवान को भला बुरा कह कर चला गया अगर मैं कुछ तुमहे बताऊंगा तुम भी कुछ बोलोगे
राम ने कहा मैं कुछ नहीं बोलूंगा चिंता ना करें आप बताओ भगवान ने जो संदेश भेजा है वह बताएं तब नारद मुनि कहते हैं तुम्हें भगवान के दर्शन होंगे पर उसके लिए जितने ईस पेड़ में पत्ते हैं उतने साल तपस्या करोगे तब भगवान के दर्शन होंगे राम पेड़ को ऊपर देखता है तो हजारों पत्ते होते हैं पर उसने हजारों नहीं सुना सिर्फ दर्शन सुना और खुशी के मारे झुमने लगा भगवान मुझे दर्शन देंगे मुझ पापी पर कृपा करेंगे उसने कहा मैं तो यही बैठ कर भगवान की तपस्या करूंगा जब तक जिऊंगा तपस्या करता रहूंगा भगवान मेरे लिए दर्शन देने खुद स्वयं आएंगे मुझे किसी बात की चिंता नहीं है मैं आराम से तपस्या करता रहूंगा और झूमने लगा नाचने लगा हंसने लगा खुशी के मारे आंसू बहने लगे और कुछ समय बाद ही भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए यह देखकर नारद मुनि भी हैरान रह गए
और भगवान को बोले कि आप कितने झूठे हो मुझे कहा कि जितने इस पेड़ में पत्ते हैं उतने साल बाद तपस्या करेंगे तब दर्शन दूंगा और आप तो कुछ समय ही में आ गए भगवान ने कहा नाराद मैंने तुमसे कोई झूठ नहीं बोला मैंने सब सच कहा था जब तक तुम इससे नहीं मिले थे तब तक सब सही था जब तुम इससे मिले और सच बताया और जब यह खुशी से फूलों नहीं समा रहा था और जब खुशी से रोने लगा तब इसके सच्चे मन वह आत्मा के तार मेरे से जुड़ गए इसके सारे पाप धुल गए और और जब आत्मा का तार परमात्मा से जुड़ जाए तब भला मैं कैसे अपने आप को रोक सकता था इस कहानी का तात्पर्य है कि जब आप सच्चे मन से भगवान को याद करोगे भक्ति करोगे तो भगवान साक्षात आपको स्वयं दर्शन देंगे उसके लिए हजारों साल तपस्या करने की जरूरत नहीं है बस एक क्षण ही अगर आप सच्चे मन से भक्ति करें भगवान के दर्शन जल्दी हो जाएंगे कार्यक्रम के आखिर में केक काटा गया अरदास कि गई पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तजनों ने भंडारा ग्रहण किया
इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में श्री राजकुमार लालचंदानी भरत लाल मोटवानी चंद्रपाल वाधवानी डॉक्टर हुंदलदास सोमनानी अशोक डंगवानी राजा लालचंदानी राजेश माधवानी देवानंद क्षेतीजा ईश्वर गिडवानी हरीश लालचंदानी गोविंदराम गिद्दवानी विजय दुसेजा गोविंद दुसेजा प्रकाश के रवानी विनोद चावला कारू रेलवानी महिला मंडल की सरिता लालचंदानी रेखा लालचंदानी लक्ष्मी सोमनानी रेखा हिंदुजा श्वेता असरानी माधुरी डंगवानी अनीता लालचंदानी ममता माधवानी सिया लालचंदानी गीता तलरेजा रुकमणी लालचंदानी कुमारी लालचंदानी ममता हर्जपाल सहित सभी सेवादारीयों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया
श्री विजय दुसेजा जी की खबर