रोटरी काव्य मंच की 139 काव्य गोष्ठी संपन्न

रोटरी काव्य मंच की 139 काव्य गोष्ठी संपन्न

रोटरी काव्य मंच की 139 काव्य गोष्ठी संपन्न

रोटरी काव्य मंच की 139 काव्य गोष्ठी संपन्न


    
विषय,,अतीत को भूले आगे उन्नति की राह पकड़े पर आयोजित आन लाइन आडियो पर आयोजित परिवर्तन की बयार में,समाज को संदेश देती स्व रचित रचनाएं 40 कवि,कवियत्रियों ने अपनी ओजस्वी वाणी में प्रस्तुत कर सदन को गुंजायमान कर दिया,
      
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ.बनवारीलाल जाजोदिया, "यथार्थ" जी ने सीधी सादी भाषा में अपने उदगार व्यक्त किए कि, कब तक रोते रहोगे,अतीत की घटनाओं को लेकर जो क्षण बीत गया आने वाला नहीं,सुबह सकारत्मक सोच के साथ इस संकल्प के साथ कि आज कुछ अच्छा करेंगे,किसी की सहायता किसी रूप में अवश्य करेंगे,रात सोने से पहले दिन भर की दिनचर्या पर चिंतन मनन कर नकारात्मकता को बाहर कर गहरी नींद में सोए ताकि सुबह नई उमंग के साथ जागे
    
इस अभूतपूर्व आयोजन के मुख्य अथिति थे डॉ,अरविंद श्रीवास्तव,"असीम",दतिया से,, आपने सारगर्भित विषय की सरहाना करते हुए कहां कि सद्भावना,शांति बढ़ाने वाला,राजनैतिक विचार धारा बिलकुल अलादा,नियमित अंतराल से अपनी गरिमा के लिए जाना यह रोटरी काव्य मंच एक मिशाल है और साहित्यिक मंचो के सामने,,इसमें सारे साहित्यकार अनुशासित रचना पाठ करते रहते है और तीन घंटे तक निर्बाध चलता रहता है यह कार्यक्रम मैं अभिभूत हूं इन साहित्यमनीशियों के बीच अपने को पाकर,,
      सरस्वती वन्दना गाई डॉ,स्वाति सिंह जी ने,साथ में मुख्य अतिथि परिचय भी पढ़ा,सम्मान पत्र का वाचन रो,अशोक दिवेदी जी ने पढ़ा,संचालन रो,राजकुमार हांडा ने संभाला,आभार डॉ,राजेंद्र खरे जी ने माना इस काव्य गोष्ठी में प्रतिभागी थे,नीति अग्निहोत्री,रानी नारंग, शोभाराणी तिवारी,मीना अग्रवाल,संतोष तोषनीवाल,शेष नारायण चौहान,बैंगलोर,राजकुमार हांडा,आकाश अग्रवाल,मनीराम शर्मा,पूर्ण चंद्र शर्मा,राज गोस्वामी, अरविंद श्रीवास्तव,दतिया से, शुभ कु मार वर्णवाल बिहार,राजेंद्र खरे,जवाहर गर्ग,स्नेह नेमा,अंजुल कंसल, शिशिर देसाई,हंसा मेहता,चंद्रकला जैन, चंडीगढ़ ,निर्मल सिंघल,बनवारी जाजोदिया,रामस्वरूप साहु,मुंबई,रशीद अहमद शेख,राजेश रामनगीना जी,विजय लक्ष्मी,अन्नू आगरा,महेंद्र शर्मा,हुकुमचंद कटारिया,मोहन त्रिपाठी, गुजरात, जयप्रकाश अग्रवाल, काठमांडू,बिनोद हंसोड़ा,दरभंगा,शिरोमणि माथुर, बालौद,श्री अनिल वर्मा अलीगढ़ से,,साथ ही यह शपथ ली कि,,
       
आज हम सभी एक स्वर में शपथ लेते है, परम पूज्य स्वामीजी श्री रामभद्राचार्य जी की प्रेरणा से कि,",हिंदी को राष्ट्र भाषा"का दर्जा मिले, जो सारे विश्व में बोली, सुनी, समझी, लिखी पढ़ी जाती हो,,
     
अंत में राष्ट्रगान पश्चात अध्यक्ष जी ने इस महती काव्य गोष्ठी के समापन की घोषणा की,,

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